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ट्रेडर्स का अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में अकेले अब तक करीब 25,000 करोड़ रुपये के ट्रेड का नुकसान हुआ है.
आंशिक लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू समेत कई अन्य प्रतिबंध लगाए गए हैं. महामारी रोकने के लिए इन प्रतिबंधों के चलते व्यापार पर असर हो रहा है. देश के विभिन्न राज्यों में 1 अप्रैल से 25 अप्रैल तक प्रतिबंधों के कारण करीब 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है. इसमें से करीब 3 .5 लाख करोड़ का रिटेल और 1.5 लाख करोड़ रुपये के थोक कारोबार के प्रभावित होने का अनुमान है. बीते 25 दिन में अकेले राजधानी दिल्ली में 25 हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है. यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने मंगलवार को दी. कैट के रिसर्च विंग कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से अलग-अलग राज्यों के व्यापारी संगठनों से बातचीत कर यह अनुमान लगाया गया है. संगठन का आकलन है कि कोरोना के खौफ से देश भर में लगभग 80 फीसदी लोगों ने बाजारों में खरीददारी के लिए आना बंद कर दिया है.
80% लोगों ने बंद की ऑफलाइन खरीदारी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि दिल्ली में अकेले अब तक करीब 25,000 करोड़ रुपये के ट्रेड का नुकसान हुआ है. इसमें से 15 हजार करोड़ रुपये के रिटेल कारोबार और 10 हजार करोड़ रुपये के थोक कारोबार का व्यापार नहीं हो पाया है. रोजमर्रा की जरूरत का सामान लोग ई-कॉमर्स के जरिए मंगा रहे हैं. लॉकडाउन के चलते केवल घर के निकट की दुकानों तक ही लोग बहुत जरूरी होने पर ही जा रहे हैं. दिल्ली में अंतरराज्यीय व्यापार दिल्ली में पूरी तरह से बंद है. इस बार की कोरोना लहर में दिल्ली सहित देश भर में व्यापारी बड़ी संख्यां से कोरोना से प्रभावित हुए हैं.
कैट का 28 अप्रैल से देशभर में सर्वे
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कैट 28 अप्रैल से दिल्ली सहित देश भर में एक ऑनलाइन सर्वेक्षण शुरू कर रहा है जो 29 अप्रैल तक चलेगा. इस सर्वेक्षण में देश भर के व्यापारियों और आम लोगों से कोरोना और चिकित्सा सुविधाओं के मौजूदा हालात को देखते हुए लॉकडाउन या अन्य क्या विकल्प हो सकते हैं , उनके बारे में राय ली जाएगी. खंडेलवाल ने बताया की 5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार में नुकसान आंकड़ा देश के 14 राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, के प्रमुख व्यापारी संगठनों की ओर से बाजारों के हालात, कोरोना प्रतिबंध और ग्राहकों के खरीददारी स्वभाव के आधार पर लिया गया और आकलन किया गया है. साभार-जी बिज़नेस हिंदी
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