खुदा भी अपने रहमतों का उन पर बरसात करता है जो दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं। आज हम बात करेंगे, एक ऐसे नेक दिल इंसान की जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर एक बच्चे की जान बचाई। एक ऐसे शख्स, जो अपने नेक कार्य के बदौलत चर्चा के विषय बने हुए हैं। जी हां, आज हम बात कर रहे है, मुंबई के वांगनी स्टेशन के रेलवे कर्मचारी मयूर शेलके (Mayur Shelke) की। जो कि पटरी पर गिरे एक बच्चे की जान बचाने के कारण आज मुंबई सहित पूरे देश में चर्चा के विषय बने हुए हैं।
क्या है मामला
दरअसल, मुंबई के वांगनी स्टेशन का एक मामला सामने आया है जहां अपने मां के साथ जा रहा एक छोटा बच्चा अचानक पटरी पर गिर जाता है और तभी वहां एक तेज रफ्तार ट्रेन आती दिखती है। ये देखकर वहां पे लोगों के रोंगटे खड़े हो गये और कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता है क्योंकि सामने से बेहद तेज रफ्तार ट्रेन आती दिख रही थी। उसके बाद बच्चा ट्रैक पर से चिल्लाने लगता है, मां उसे बचाने की कोशिश करती है लेकिन वह बचाने में असहाय रहती है। मां को कुछ समझ में नहीं आता है। इसी समय कुछ मीटर की दूरी पर इसी ट्रैक पर ट्रेन आती दिखाई देती है। तभी रेलवे कर्मचारी मयूर शेलके बहुत तेजी से वहां पहुंचकर बच्चे को ट्रैक से प्लेटफॉर्म पर रख देते है और खुद भी ऊपर चढ़ जाता है तभी ट्रेन वहां से गुजर जाती है। रेलवे कर्मचारी मयूर शेलके ने बताया कि, मैं जब ड्यूटी पर था तभी एक बच्चा को ट्रैक पर गिरता हुआ देखा। पहले तो झिझका लेकिन फिर दौड़ पड़ा, इसी कारण मैंने बच्चे को जिंदा बचा लिया।
रेलवे ने की है 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा
रेल मंत्रालय ने अपनी जान खतरे में डालकर बच्चे की जान बचाने वाले मध्य रेलवे के कर्मचारी मयूर शेलके को 50 हजार रुपये के इनाम से सम्मानित करने की घोषणा की है। रेलवे बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक ने मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर शेलके को इनाम दिये जाने की जानकारी दी है। पत्र में कहा गया है, ”शेलके ने अपनी जान की परवाह किये बगैर चलती ट्रेन के सामने पड़े बच्चे को सुरक्षित बचा लिया।’
मयूर शेलके अब सबकी नजरों में बन गए हीरो
शेलके आज सबकी नजरों में हीरो हैं। शेलके ने बताया कि ड्यूटी पर थे बच्चे को देखा और दौड़ पड़े। बच्चे को ऊपर किया और जैसे तैसे चंद सेकेंड में खुद प्लेटफार्म तक आ सके। उद्यान एक्सप्रेस महाराष्ट्र के वांगनी स्टेशन से गुजर जाती है। शेलके के इस साहस भरे कार्य पर रेलवे को भी नाज है। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि शेलके रेलवे फील्ड वर्कर हैं जिनका काम यह देखना होता है कि ट्रेन सिग्नल सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। हमें खुशी है कि शेलके ने नेत्रहीन मां की आवाज सुनी और उसके बच्चे को बचाया।
रेल मंत्री ने की जमकर तारीफ
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि शेलके ने जो किया है उसके लिए कोई पुरस्कार कम है। पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि शेलके पर गर्व है जो उसने यह साहस दिखाया है। अपनी जान की बाजी लगाते हुए शेलके ने यह काम किया है। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट की ओर से शेलके की बहादुरी के लिए 50 हजार का इनाम दिया है। बच्चे की मां संगीता शिरसत का कहना है कि जितना भी धन्यवाद दें वो कम है। अपनी जान की बाजी लगाकर उन्होंने मेरे बेटे की जान बचाई है।
इनाम की राशि में से आधी इनाम उस बच्चा को देंगे
एक खास बातचीत में, रेलवे कर्मचारी मयूर शेलके ने बताया कि जो बच्चा पटरी पर गिरा था, वह दृष्टिहीन था। उन्होंने अपने इनाम की 50,000 राशि में से कुल आधी राशि बच्चे को दे दी। मयूर शेलखे की इस दरियादिलगी के लिए भी काफी प्रशंसा हो रही है।साभार-दी लॉजिकली
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