– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की किल्लत को ध्यान में रखते हुए कई बड़े आदेश दिए
– एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को कम करने पर विशेष ध्यान
– होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को 07 दिन की दवा दी जाएं
– L-1, L-2 और L-3 हॉस्पिटल की अलग-अलग मॉनिटरिंग करते हुए ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत को ध्यान में रखते हुए कई बड़े आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह के अफसरों के साथ बैठक की। आदेश दिया कि ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले सभी संयंत्रों पर चौकसी बढ़ा दी जाए। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस तैनात कर दी जाए। इतना ही नहीं ऑक्सीजन लेकर आवागमन करने वाले वाहनों पर जीपीएस के जरिए निगरानी रखने का आदेश भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया है। मुख्यमंत्री ने अफसरों को आदेश दिया है कि राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन तेजी के साथ बढ़ाया जाए। आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत होगी। योगी ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में अगर कोई कंपनियां काम करना चाहती हैं तो उन्हें बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 साथ बैठक करके संक्रमण की रोकथाम के लिए रणनीति बनाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को कम करने पर विशेष ध्यान दें। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग अभियान के दौरान जनपदों में की जा रही गतिविधियों की फोटोग्राफ्स सहित रिपोर्ट प्राप्त की जाए। रेमडेसिविर सहित किसी भी प्रकार के जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित रखी जा रही है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जुबिलियंट फार्मा, कैडिला, माइलान और सिप्ला जैसी निर्माता कंपनियों से लगातार संपर्क बनाए रखा जाए। कैडिला से परसों तक अहमदाबाद से 20,000 वॉयल और प्राप्त हो जाएंगे। शेष कम्पनियों से सतत संवाद बनाकर प्रदेश में रेमडेसिविर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।” योगी ने आदेश दिया कि होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों के साथ नियमित संवाद जरूरी है। होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को दी जाने वाली मेडिकल किट में 07 दिन की दवा होनी चाहिए। इसकी हर दिन समीक्षा की जाए।
सीएम ने कहा, “प्रदेश में 5 नए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही प्रारंभ हो गई है, इसे शीघ्रता से क्रियाशील किया जाए। भविष्य के दृष्टिगत 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना को अनिवार्य किया जाए। एयर सेपरेशन यूनिट जैसी आधुनिक तकनीक को प्रोत्साहित किया जाए। सभी ऑक्सीजन प्लांट पर पुलिस सुरक्षा हो। ऑक्सीजन वाले वाहनों की जीपीएस मॉनिटरिंग की जाए। ऑक्सीजन व अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए हर संभव कठोरतम कार्रवाई की जाए।”
सीएम ने आगे कहा, “वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एमएसएमई सहित सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन का इस्तेमाल केवल मेडिकल कार्य के लिए हो। इन ऑक्सीजन प्लांट को उनके निकटतम हॉस्पिटल से जोड़ा जाए। इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना आज ही तैयार कर ली जाए। जो निजी इकाइयां ऑक्सीजन रिफिलिंग के क्षेत्र में निवेश करना चाहती हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। ऑक्सीजन उत्पादनकर्ताओं के लाइसेंस के स्वतः नवीनीकरण करने के संबंध में तत्काल आदेश कर दिया जाए। L-1, L-2 और L-3 हॉस्पिटल की अलग-अलग मॉनिटरिंग करते हुए ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए। यह जरूरी है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति संस्थागत रूप से हो। प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप जरूर रहे।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सुखद है कि जिन मरीजों को कोविड टीकाकरण के दो डोज लग चुके हैं, यदि किन्हीं कारणों से पुनः संक्रमित हुए हैं, तो भी चार से पांच दिनों में स्वस्थ हो रहे हैं। अस्पतालों की डिस्चार्ज पॉलिसी इसी के अनुरूप तैयार की जानी चाहिए। प्रयागराज के स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज और यूनाइटेड मेडिकल कॉलेज में 800 से अधिक बेड उपलब्ध हैं, इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। वाराणसी में RT-PCR का पॉजिटिविटी रेट अधिक है, यहां और अधिक टेस्ट किए जाने की जरूरत है। संक्रमण की रफ्तार को देखते अधिक आइसोलेशन और ICU बेड्स की आवश्यकता पड़नी तय है।”
उन्होंने कहा, “कानपुर में जीएसवीएम, रामा, नारायणा मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ निजी अस्पतालों के संसाधनों का भी कोविड के लिए उपयोग में लाया जाए। लखनऊ के KGMU तथा बलरामपुर चिकित्सालय को पूरी क्षमता के साथ डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित करें। इसी प्रकार, एरा, टीएस मिश्रा, इंटीग्रल, हिन्द तथा मेयो मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में क्रियाशील रखा जाए। वर्तमान में 4,500 से अधिक बेड लखनऊ में उपलब्ध हैं और नए हॉस्पिटल को L-2 और L-3 श्रेणी में जोड़कर बेड्स बढ़ाए जाएं। लखनऊ में सभी हॉस्पिटलों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी, गोरखपुर, मेरठ जनपदों सहित प्रदेश के सभी जिलों में कोविड बेड की संख्या को दोगुना करने की आवश्यकता है। फौरी तौर पर सभी जिलों में 200-200 बेड का विस्तार किया जाए। यह बेड ऑक्सीजन की सुविधा से लैस हों। इस प्रकार से 75 जिलों में तत्काल करीब 15,000 बेड का इजाफा हो सकेगा। सचिव स्तर के एक अधिकारी की तैनाती बेड विस्तार के कार्य के लिए लगाई जाए। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। प्रदेश में ऑक्सीजन सहित सभी मेडिकल आवश्यकताओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अफवाहों के फेर में न आएं।”
योगी ने कहा, “कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने में टीकाकरण सर्वाधिक कारगर है। प्रधानमंत्री ने एक मई से 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था लागू की है, यह निर्णय स्वागतयोग्य है। टीकाकरण का यह नया चरण कोविड से लड़ाई में निर्णायक सिद्ध होगा। एक मई से शुरू हो रहे वृहद टीकाकरण के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।”
सीएम ने आगे कहा, “महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली से प्रवासी जनों की वापसी हो रही है। सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। इन प्रवासी कामगार-श्रमिकों के सुगमतापूर्ण आवागमन की व्यवस्था की जाए। गृह विभाग और परिवहन विभाग समन्वय बनाकर आवश्यक कार्यवाही करें। प्रवासी श्रमिक जनों की टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार ट्रीटमेंट की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। कोरोना कर्फ्यू को सफल बनाने में हर नागरिक अपना योगदान दे। जहां तक जरूरी हो घर से बाहर न निकलें। पर्व और त्यौहार घर पर ही मनाएं, निकलें तो मास्क जरूर लगाएं। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ न हो। इसे कड़ाई से लागू किया जाए।”
वह आगे बोले, “प्रदेश में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर प्रत्येक शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी (कोरोना कर्फ्यू) तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। इसके अतिरिक्त जिन जिलों में 500 से अधिक एक्टिव केस हैं, वहां हर दिन रात्रि 08 बजे से अगले दिन प्रातः 07 बजे तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी।”साभार- ट्रीसिटी टुडे
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