खुशखबरी! अब 20 साल पुराने वाहन भी दौड़ सकेंगे सड़कों पर.. करना होगा ये काम..

पढ़िए आँखोंदेखी लाइव की ये खबर…

New Delhi: केंद्र सरकार की नई कबाड़ वाहन नीति के तहत अब 20 साल पुराने वाहन [ 20 year old vehicles] भी सड़कों पर दौड़ सकेंगे. इसके लिए इन वाहनों को फिटनेस टेस्ट की 40 बाधाएं पार करनी होंगी। केंद्र सरकार ने सरकार ने ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर [ Automatic Fitness Center] खोलने और उनके संचालन संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

इन सेंटरों से फिटनेस प्रमाण पत्र [ Fitness certificate] मिलने के बाद 15 से 20 साल पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ सकेंगे। अगर कोई वाहन फिटनेस परीक्षा में पास नहीं हुआ तो फिर उसे कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा।

आपको बता दे कि 15 साल पुराने व्यावसायिक व 20 साल पुराने निजी वाहनों के लिए पहली अक्तूबर 2021 से देश में नई व्यवस्था लागू की जा रही है।

सड़क परिवहन ने हितधारकों के सुझाव-आपत्ति के लिए 08 अप्रैल को ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटरों की मान्यता, विनियमन और नियंत्रण संबंधित मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है।

इसके मुताबिक आगामी 01 अक्तूबर 2021 से फिटनेस सेंटरों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुराने वाहनों को उक्त सेंटरों से फिटनेस की कड़ी जांच प्रक्रिया पर खरा उतरने के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इसके बाद ही वाहन सड़क पर चल सकेंगे।

इन जांच से गुजरेंगे पुराने वाहन

फिटनेस सेंटर पर पुराने वाहनों को ब्रेक सिस्टम, स्टेयरिंग, हेडलाइट, सेसपेंशन, बैटरी, साइलेंसर, उत्सर्जक स्तर, हॉर्न, स्पीडोमीटर, स्पीड गवर्नर, टायर, इलेक्ट्रिकल वायरिंग, व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस आदि 43 प्रकार की जांच से गुजरना होगा। अगर किसी एक मानक पर भी वाहन खरा नहीं उतरा तो उसे कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा।

मालिक को मिलेगा एक और मौका

वाहन कबाड़ घोषित होने के बाद वाहन मालिक को एक और मौका दिया जाएगा जिसके बाद वाहन मालिक पुन: फिटनेस टेस्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। लेकिन फिर भी वाहन को हर स्तर के टेस्ट को पास करना जरूरी होगा। अन्यथा उसे कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा।

ऑनलाइन अपलोड होगी रिपोर्ट

ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर को सभी वाहनों की जांच की रिपोर्ट को सेंटर के केंद्रीकृत डाटा बेस में दर्ज करना होगा। इसके साथ ही सड़क परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल पर फेल-पास वाहनों की जानकरी अपलोड करनी पड़ेगी। साथ ही यह भी बताना पड़ेगा कि वाहन को अनफिट क्यों किया गया है।

दो प्रकार के होंगे ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर

ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर दो प्रकार के होंगे। इसमें दो पहिया-तीन पहिया वाहनों के लिए 500 वर्गमीटर में सेंटर बनेंगे। जबकि कार, हल्के व भारी व्यवसायिक वाहनों के लिए सेंटरो का क्षेत्रफल 1500 वर्गमीटर होगा। यहां पर ऑटोमोबाइल, मकैनिकल इंजीनियर, एमसीए व टेकनिकल क्षेत्र के अनुभवी कर्मचारियों को रखा जाएगा। टेस्टिंग के लिए पृथक ट्रैक होंगे। यह सेंटर राज्य सरकार के परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के देख-रेख में संचालित होंगे। फिटनेस टेस्ट में फेल होने वाले वाहनों का पुन: टेस्ट कराने के मामलों को परिवहन आयुक्त देखेंगे। साभार-आँखोंदेखी लाइव

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