Uttar Pradesh / ग़ाज़ियाबाद रविवार (Sunday) को बच्चा चोरी की खबर के बाद हंगामा हो गया। गाजियाबाद जिले में लोनी के अशोक विहार कॉलोनी में खाना मांगने गई तीन महिलाओं को बंधक बनाकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के चंगुल से महिलाओं को बचाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ अतिरिक्त बल मांगकर और बंधक महिलाओं को ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराया। पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाला मोहम्मद शमीम का नौ महीने का बेटा बुधवार को चोरी हो गया था। परिजन इस संबंध में पुलिस से शिकायत करने के साथ ही बच्चे की तलाश भी कर रहे थे। इस बीच रविवार सुबह तीन महिलाएं भिक्षा मांगने अशोक विहार कॉलोनी पहुंचीं। उन्हें देखकर मोहल्ले के लोगों ने उन्हें एक बच्चा चोर मानकर स्थानीय लोगो ने बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की।
पुलिस पर पथराव
इसकी जानकारी मिलने पर लोनी कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों महिलाओं को छुड़ाने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ग्रामीणों के गुस्से का सामना नही कर पाई और स्थिति बिगड़ने लगी। स्थिति बिगड़ने की सूचना पर क्षेत्राधिकारी लोनी अतुल सोनकर अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हल्का बल प्रयोग कर तीनों महिलाओं को ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराया। इसके बाद, जैसे ही पुलिस टीम आगे बढ़ी, ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। ऐसे में पुलिस ने लाठियां फटकार कर ग्रामीणों को खदेड़ा।
पथराव में कांस्टेबल घायल
ग्रामीणों के पथराव से वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं एक पुलिस कांस्टेबल मूलचंद को चोटें आईं। उसके हाथ पर एक पत्थर से घाव हो गया है। प्राथमिक उपचार के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों द्वारा पथराव के कारण कई अन्य पुलिस कर्मियों को भी हल्की चोटें आई हैं।
महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए
ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त होने के दौरान खींचातानी में एक बंधक महिला के कपड़े फट गए। हालांकि पुलिस ने तुरंत एक चादर मंगाकर उसे ओढ़ा दिया और थाने ले आए।
भीड़ के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज
पुलिस अधीक्षक डॉ ईराज राजा ने बताया कि भीड़ के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा डालने और पुलिस दल पर पथराव करने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस पत्थर फेंकने वालों की पहचान कर रही है। इसके साथ ही ग्रामीणों के चंगुल से मुक्त कराई गई तीनों महिलाओं से भी पूछताछ की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि बाल चोरी के मामले में उनकी कोई भूमिका है या नहीं।
पुलिस ने बताया कि चूंकि अचानक घटनाक्रम की वजह से कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। ऐसे में हालात को देखते हुए व्यवस्था बनानी पड़ी। साभार-आँखोंदेखी लाइव
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