देश में कोरोना की दूसरी लहर विकराल रूप ले चुकी है। बुधवार को 2 लाख से भी ज्यादा नए मरीजों की पुष्टि हुई। ये एक दिन में मिले नए मरीजों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में एक्टिव केस की संख्या अब 14 लाख से ज्यादा है। मरीजों की बढ़ती संख्या, वायरस के बदलते लक्षण और नए स्ट्रेन के बीच भास्कर आपके लिए लेकर आया है कोविड गाइड। यहां हम आपके लिए इस महामारी से जुड़ी तमाम जानकारी पेश कर रहे हैं…।
कोरोना वायरस का टेस्ट कब कराना चाहिए?
कोरोना वायरस और सामान्य वायरल के कई लक्षण एक जैसे हैं। ऐसे में मरीज अक्सर कोरोना वायरस के लक्षणों को सामान्य फ्लू के लक्षण मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर गंभीर बीमारी में बदल जाती है।
कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए अलग-अलग तरह के टेस्ट होते हैं। इन टेस्ट को करने का तरीका, रिजल्ट आने में लगने वाला समय और इनकी विश्वसनीयता अलग-अलग होती है।
संक्रमित होने के बाद कोरोना की स्टेज
शरीर में कोरोना वायरस की एंट्री होने के बाद इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं। कई मामलों में ये एसिम्प्टोमैटिक भी होता है, यानी मरीज में किसी तरह के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।
कोविड के इलाज के लिए उपलब्ध दवाएं
फिलहाल कोरोना वायरस का सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। जो वैक्सीन दी जा रही हैं, वो भी कोरोना से आपके बचाव की 100 प्रतिशत गारंटी नहीं देती हैं। वैक्सीन केवल संक्रमण के बाद मरीज की हालत गंभीर होने से रोक सकती है।
साभार दैनिक भास्कर
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