देश में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच कई प्रमुख डॉक्टरों ने जल्द लॉकडाउन लगाने की बात कही है। उन्होंने इसकी वजहें बताई हैं। बीते साल मार्च में जब देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी तो कई राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया था।
नई दिल्ली, आइएएनएस। देश में कोरोना की रफ्तार बेकाबू होती नजर आ रही है। देश की वर्तमान स्थिति ये है कि बीते एक दिन में 2 लाख नए मामले सामने आए हैं। देश में बहुत तेज रफ्तार से फैल रहे कोरोना की दूसरी के बीच देश के कई प्रमुख डॉक्टरों ने सरकार से जल्द से जल्द लॉकडाउन लगाने की अपील की है। देश में कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए अग्रणी डॉक्टरों का मानना है कि जल्द लॉकडाउन लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचों में मुश्किलें पैदा हुई हैं। इसे दुरुस्त करने के लिए देश में लॉकडाउन की जरूरत है।
कार्डियोवास्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन नरेश त्रेहन ने कहा है कि वायरस के इस नए रूप का जवाब देने का एक मजबूत तरीका जल्द से जल्द लॉकडाउन के लिए जाना है। भारत में मेदांता अस्पताल चेन के अध्यक्ष सर्जन नरेश त्रेहान ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र ने एक निर्णय लिया है, दूसरे राज्यों को भी तेजी से कदम उठाना चाहिए क्योंकि समय बहुत कीमती है। स्थिति भयावह होती जा रही है। ये दतर और बदतर होती जा रही है। उन्होंन कहा कि वायरस के विभिन्न नए वैरियंटों ने दोगुनी गति से कोरोना का प्रसार किया है।
उन्होंने आगे कहा कि यहां तक कि स्पैनिश फ्लू की दूसरी लहर बहुत विनाशकारी थी। इसी तरह कोविड-19 की इस दूसरी लहर भी खतरनाक है।हम देख रहे हैं कि प्रत्येक दिन मामलों की संख्या बहुत तेज होती जा रही है। पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों में अंतर बहुत बड़ा है, लगभग दोगुना।
कोरोना वायरस का नया रूप, जो पहले से कहीं अधिक तेजी से फैल रहा है, इस समय युवाओं, यहां तक कि बच्चों को भी संक्रमित कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि कोरोना वायरस के नए वैरियंट कितने खतरनाक हैं, भारतीय चिकित्सक और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष के.के. अग्रवाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि पंजाब में बड़े पैमाने पर देखा जाने वाला ब्रिटेन का वैरियंट 45 साल से कम उम्र के युवाओं को प्रभावित कर रहा है। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और महाराष्ट्र में लोगों का पता लगाया जाता है। इनमें से भारतीय वैरियंट थोड़ा ज्यादा खतरनाक दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि एक लहर की तरह वायरस अब पश्चिम (महाराष्ट्र) से उत्तर (दिल्ली) तक फैल रहा है…लेकिन मामलों को देखते हुए, मैं कह सकता हूं कि यूके वैरियंट खतरनाक नहीं दिख रहा है। महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए देश में एक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने के सवाल पर अग्रवाल ने सुझाव दिया कि क्षेत्रवार लॉकडाउन प्रभावी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण लॉकडाउन व्यावहारिक नहीं होगा। वास्तव में पर्याप्त समय खो गया है। हमें अब इस बात पर ध्यान केंद्रित करना है कि स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे बेहतर हालात में वापस लाना है और मरीजों को इलाज प्रदान करना है क्योंकि भर्ती मरीजों की संख्या बहुत तेज गति से बढ़ रही है। मैं सुझाव दूंगा कि लोगों को चाहिए लक्षण दिखाई देते ही इलाज के लिए जाएं। साभार-दैनिक जागरण
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post