- अफसरों को एक दिन में 500 से ज्यादा फोन कॉल्स; एक ही सवाल- ऑक्सीजन कितनी देर में मिलेगी
- 100 अस्पतालों में ऑक्सीजन की शॉर्टेज, ज्यादातर ने नए मरीजों को भर्ती करना बंद किया
राजधानी के 100 से ज्यादा अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों की जान पर बन आई है, क्योंकि ये अस्पताल सोमवार रात से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। इससे मंगलवार को अस्पताल संचालक, मरीजों के परिजन और जिला प्रशासन के अफसर हैरान-परेशान रहे। ज्यादातर अस्पतालों ने नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है।
अस्पतालों से जिला प्रशासन के अफसरों के पास 500 से ज्यादा फोन कॉल्स गए। सभी का एक ही सवाल था- ऑक्सीजन कब तक मिलेगी? भास्कर ने 25 से ज्यादा अस्पतालों की हालत जांची तो यहां दिनभर अफरातफरी मिली।
अस्पतालों का मरीजों के परिजनों को एक ही जवाब है- या तो अपना ऑक्सीजन सिलेंडर लाओ या मरीज को कहीं और ले जाओ। आनन-फानन में कई परिजन अपने मरीजों को एंबुलेंस से लेकर इधर-उधर भटकते रहे। बाद में उन्हें हमीदिया, एलबीएस, पीपुल्स अस्पताल में भर्ती कराया।
वहीं, एक दिन पहले ऑक्सीजन की कमी के कारण एविसेना अस्पताल से जिस नसरीन नामक मरीज को छुट्टी कर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनकी मंगलवार को एलबीएस अस्पताल में मौत हो गई। इधर, कोरोना संकट में 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई का काम कर रहे गोविंदपुरा स्थित भारती एयर प्रोडक्ट प्लांट पर दिनभर अस्पतालों की एंबुलेंस फेरे लेती रहीं। इनमें ऑक्सीजन के जंबो सिलेंडर रखे थे, जिन्हें प्लांट पर भरकर अस्पताल भेजा जा रहा था। बता दें कि मार्च में भोपाल में हर दिन 30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लग रही थी, जो 60 मीट्रिक टन हो गई है।
‘मौत के पर्चे’ पर भी साइन लगेगी… अस्पताल ने कहा- भर्ती होना है तो इसे भरकर दो
यह तस्वीर एक कंसेंट फार्म की है, जो दिनभर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि ये फाॅर्म शहर के न्यूरॉन ट्रॉमा हॉस्पिटल में नए मरीजों के परिजनों से भरवाया जा रहा है। इनमें लिखा है- अस्पताल में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की शॉर्टेज है। यदि ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी अस्पताल की नहीं होगी।
अस्पताल संचालक डॉ. पंकज शर्मा का इस पर तर्क है कि स्थिति बहुत खराब है। घंटों लाइन में लगकर कुछ सिलेंडर मिल रहे हैं। ऐसे में दूसरों की जान की जिम्मेदारी कैसे लें। शहर के कई अस्पताल ऐसे फॉर्म भरवा रहे हैं। बता दें कि यहां 18 मरीज भर्ती हैं और हर दिन 20 से 25 सिलेंडर लगते हैं, लेकिन अभी सिर्फ 10 से 12 ही मिल रहे हैं।
भास्कर लाइव; 7 मरीज, 4 को पूरी ऑक्सीजन दे रहे, जबकि 3 को आधी-आधी
1. जो ऑक्सीजन है, वह भी कम पड़ रही
स्थान : तृप्ति मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालघाटी चौराहा
हालात : चार दिन में चार सिलेंडर मिले। सात मरीज भर्ती हैं, इनमें से 4 फुल ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, जबकि तीन को बीच-बीच में ऑक्सीजन दे रहे हैं। इन मरीजों को भी ऑक्सीजन पूरी नहीं मिल रही। अगर ऑक्सीजन खत्म हो गई तो वेंटिलेटर वाले मरीजों की मुश्किल बढ़ जाएगी।
2. दोपहर में ऑक्सीजन खत्म, मरीज तड़पता रहा
स्थान : सिटी हॉस्पिटल, एमपी नगर, जोन-2
हालात : मंडीदीप के अशोक राय चार दिन पहले रायसेन रोड स्थित नागपुर हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। उन्हें ऑक्सीजन पर रखा था। दोपहर में ऑक्सीजन खत्म हुई तो अस्पताल ने कहीं और ले जाने को कह दिया। स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल लाए। यहां भी तुरंत एडमिशन नहीं मिला, आधा घंटे मरीज एंबुलेंस में ही तड़पता रहा।
3. दो मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर रखा
स्थान : निर्मल प्रेम अस्पताल, 11 मील
हालात : ऑक्सीजन खत्म हो गई। दो मरीज ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर हैं। एक को अंबु बैग से ऑक्सीजन दे रहे हैं। एक अन्य मरीज को ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए थी, तो उसे एक प्राइवेट अस्पताल में संपर्क कर वहां शिफ्ट कर दिया गया।
राजधानी में इन तीन पर ऑक्सीजन सप्लाई का जिम्मा
आइनॉक्स एयर प्रोडक्ट : नागपुर की कंपनी, वहां से भोपाल के गोविंदपुरा प्लांट में ऑक्सीजन टैंकरों से लाई जाती है। यहां बॉटलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन होता है। यहां 7 क्यूबिक मीटर और 1.2 क्यूबिक मीटर के सिलेंडर भरे जाते हैं। शहर की 60% सप्लाई यहीं से।
भारती एयर प्रोडक्ट : इस प्रोडक्शन प्लांट की प्रति घंटे क्षमता 250 क्यूबिक मीटर है। यहां 7 क्यूबिक मीटर के 857 सिलेंडर रोज भरे जा सकते हैं। यहां स्टोरेज टैंक नहीं है। करंट डिमांड पर सिलेंडर भरते हैं।
चिरायु एयर प्रोडक्ट : आइनॉक्स से बल्क में कंडेंस लिक्विड ऑक्सीजन लेकर स्टोरेज करता है। फिर छोटे सिलेंडर भरकर एम्स, हमीदिया और दूसरे अस्पतालों को देता है।
अब 8 घंटे अफसरों की निगरानी : 18 अफसरों और कर्मचारियों की ड्यूटी ऑक्सीजन संकट दूर करने के लिए लगाई गई है। एडीएम दिलीप यादव के आदेश पर सुबह 8 से 8 बजे तक 8-8 घंटों की शिफ्ट में तीन-तीन कर्मचारी और अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई की देखरेख करेंगे।
मेडिकल ऑक्सीजन कहां से कितनी सप्लाई
उत्पादक | कुल उत्पादन | लिक्विड गैस सप्लाई | सिलेंडर सप्लाई |
आइनॉक्स | 110 टन/दिन | इंदौर-भोपाल 104 टन | 500 से 600 सिलेंडर |
चिरायु | 4-5 टन/दिन | खुद के स्टोरेज टैंक में | 450 से 500 |
भारती | 8 टन/दिन | प्रोसेसिंग यूनिट | 850/दिन |
भेल | 2 टन/दिन | प्रोसेसिंग यूनिट | 600/दिन |
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