स्वास्थ्य मंत्री सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। कोविड वार्ड का जायजा लेकर निकलते परिजनों ने उन्हें घेर लिया।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता मंगलवार को राजधानी रांची के सदर अस्पताल का हाल जानने गए थे। अस्पताल से निकलते वक्त उन्हें उनकी ही व्यवस्था ने शर्मसार कर दिया। मंत्री जी, जब अंदर मरीजों का हाल ले रहे थे, उस दौरान पूरा महकमा उनकी खुशामद में लगा रहा। उसी दौरान अस्पताल के बाहर एक मरीज ने इलाज के अभाव में अपनी बेटी के सामने दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य मंत्री जब अस्पताल के बाहर निकल रहे थे, उसी दौरान शव लिए बेटी ने उनकी बोलती बंद कर दी।
कोविड के कारण अपने पिता को खोने वाली बेटी ने मंत्री बन्ना गुप्ता के सामने चिल्लाते हुए बताया। मंत्री जी यहीं (अस्पताल परिसर में) डॉक्टर… डॉक्टर चिल्लाती रह गई…। कोई डॉक्टर नहीं आया…। अब आप क्या करेंगे…। मेरे पिता को वापस ला देंगे। आप तो खाली वोट लेने आएंगे। लोग उसे समझाते रहे कि घर जाओ, लेकिन वो चिल्लाते रही।
हजारीबाग से रांची इलाज के लिए आए थे पवन
पवन गुप्ता की तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजन उन्हें हजारीबाग से रांची लाए थे। वे अस्पताल दर अस्पताल भटकते रहे, लेकिन उन्हें कहीं बेड नहीं मिला। आखिर में वे सदर अस्पताल पहुंचे। यहां अंदर मंत्री निरीक्षण कर रहे थे बाहर वे तड़प रहे थे। आखिर में वे दम तोड़ दिए।
डॉक्टर डॉक्टर चिल्लाते रह गए लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया….
राँची के सदर अस्पताल में एक बेटी का ग़ुस्सा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर फुट पड़ा क्योंकि सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण इस बेटी ने अपने पिता को खो दिया.
आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगें मुख्यमंत्री जी? pic.twitter.com/qJDMKUR0Oj
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) April 13, 2021
BJP ने कहा- सरकार की लापरवाही से बेटी ने खोया अपना पिता
इस मामले में BJP के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण इस बेटी ने अपने पिता को खो दिया है। उन्होंने पूछा है कि आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे मुख्यमंत्री जी?
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने घटना की जांच कर 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन रांची से मांगी हैं। उन्होंने पूछा है कि किन परिस्थितियों में किसकी लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई है। मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में झारखंड की जनता की सेहत की चिंता उन्हें हैं। इसलिए अपने सेहत की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों से मिलने कोरोना वार्ड में गए। साभार-दैनिक भास्कर
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