मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में लाॅकडाउन और नाइट कर्फ्यू के बाद भी कोरोना की रफ्तार काबू नहीं हो रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही संसाधन खत्म होते जा रहे हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। चिताएं ठंडी होने से पहले ही दूसरे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
इन 4 बडे़ शहरों में 24 घंटे में कोरोना के 4,136 नए केस आए हैं और 21 लोगों की मौतें हुई हैं। इंदौर में सबसे ज्यादा 1,552 संक्रमित मिले हैं और 6 मौतें हुई हैं। भोपाल में 1,456 नए केस और 5 मौत हुई हैं। ग्वालियर में 576 संक्रमित मिले जबकि 6 लोगों की जान गई। जबलपुर में 552 नए मरीज मिले और 4 की मौत हो गई। ग्वालियर में संक्रमण दर सबसे ज्यादा 33% और भोपाल में 28% है। पूरे राज्य का आंकड़ा देखें तो सोमवार को 8998 लोग संक्रमित पाए गए। पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 19% हो गया है।
जबलपुर के चौहानी श्मशान घाट में सोमवार को 30 कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन के रिकॉर्ड में 2 दिन में 8 मौतें हुई हैं। वहीं दो कोरोना संदिग्ध शवों का अंतिम संस्कार किया गया। कई शवों को मेडिकल कॉलेज समेत निजी अस्पतालों में रोकना पड़ा। मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर के मुताबिक एक चिता जलाने के बाद उसे ठंडा होने में वक्त लगता है, पर चौहानी श्मशान घाट में एक चिता की लपटें बुझते ही दूसरी चिता सजानी पड़ रही है।
यही स्थिति भोपाल के भदभदा विश्राम घाट की है। यहां सोमवार को 41 कोरोना संक्रमितों के शव पहुंचे। जलाने के लिए जगह ही नहीं थी। जलती चिताओं के बीच बेहद नजदीक दूसरी चिताएं सजाई जा रही थीं। इंदौर के 5 श्मशान घाटों में 12 दिन में 990 अंतिम संस्कार किए गए हैं, जिसमें से 319 कोरोना संक्रमितों के शव थे। यहां भी अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
राज्य वन सेवा की मुख्य परीक्षा भी टली
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा परीक्षा के बाद अब राज्य वन सेवा मुख्य परीक्षा भी स्थगित कर दी है। यह परीक्षा 18 अप्रैल को होनी थी, लेकिन कोरोना के मौजूदा हालात को देखते इसे टाल दिया गया। इससे पहले MP बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं भी जून तक टाल दी गई हैं।
इंदौर: पिछले साल पूरे अप्रैल में 1400 मरीज और अब एक दिन में 1552
इंदौर में अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा 1,552 नए कोरोना मरीज मिले हैं और 6 लोगों की मौत हो गई। पिछले साल पूरे अप्रैल महीने में करीब 1,400 मरीज मिले थे, लेकिन इस बार एक दिन में ही उससे ज्यादा मरीज सामने आ गए हैं। हालांकि सोमवार को रिकॉर्ड सैंपल जांचे गए। अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा 8,553 सैंपल की जांच हुई। पॉजिटिव रेट बढ़कर 18% पर पहुंच गया है।
देश के करीब 20 शहरों में एक दिन में 1,500 से ज्यादा मरीज मिले हैं। अब इंदौर भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। यहां 5 से 12 अप्रैल के सात दिनों का औसत पॉजिटिव रेट 15 फीसदी हो गया है। इस दौरान 7,762 मरीज मिले हैं। मौतें भी ज्यादा हैं। सरकारी रिकॉर्ड में भले ही 11 दिन में कोरोना से 43 मौतें बताई जा रही हैं, लेकिन हकीकत में शहर के तीन मुक्तिधामों में ही 24 घंटे में 23 कोविड मरीजों के शव पहुंचे हैं।
भोपाल: संक्रमण दर 28% हुई
राजधानी भोपाल में कोरोना से हालात ज्यादा खराब हो गए हैं। 24 घंटे में 5,200 सैंपल में रिकार्ड 1,456 संक्रमित मिले हैं। यानी एक दिन में 44% का इजाफा हुआ है। 11 अप्रैल को भोपाल में 824 केस मिले थे और 3 संक्रमितों की मौत हुई थी, लेकिन सोमवार को 5 मौतें दर्ज की गईं।
पिछले सोमवार को यहां 618 केस आए थे। यानी 7 दिन में 42% का इजाफा हुआ है। पॉजिटिविटी रेट 28% पहुंच गई है। यही वजह है कि भोपाल में अभी तक कोराना कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि कोरोना से लड़ने की प्रशासनिक रणनीति पहले उन इलाकों में लॉकडाउन करने की थी, जहां ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं।
ग्वालियर में सबसे ज्यादा 33% संक्रमण दर
ग्वालियर में सैंपल देने वाला हर तीसरा व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहा है। 24 घंटे में 576 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि 1,741 सैंपल की जांच हुई है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमण दर 33% यहीं पर है। सिर्फ पांच दिन में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 20,000 से बढ़कर 22,000 के पार हो गया है। एक्टिव केस 2,939 हो गए हैं।
सोमवार को 50 जगहों पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन और 3 वार्डों के 25 मोहल्ला और कॉलोनियों को 19 अप्रैल तक कंटेनमेंट जोन बना दिया गया। सोमवार शाम को जिला प्रशासन ने सभी धार्मिक स्थलों और संस्थानों में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी। कोचिंग क्लासेस बंद करने का आदेश भी दे दिया गया है।
जबलपुर: शवों के अंतिम संस्कार के लिए 24 घंटे की वेटिंग
जबलपुर में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाने का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है। सोमवार को यहां 552 नए केस मिले। सरकारी आंकड़ों में एक बार फिर 4 ही मौतें दिखाई गईं, लेकिन चौहानी श्मशान की हकीकत अलग थी। यहां लाशों को जलाने के लिए जगह तक नहीं बची थी। घंटों लोगों को इंतजार करना पड़ा। यहां 30 संक्रमितों की लाशें जलीं। चार संदिग्ध शव भी पहुंचे थे और इतनी ही लाशें मेडिकल और निजी अस्पतालों में वेटिंग में हैं। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को हो पाएगा। साभार-दैनिक भास्कर
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