नासा के हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी ने मंगल की सतह पर खुले में रात गुजार कर इतिहास रच दिया है। वैज्ञानिकों को इसे मंगल की सतह पर सही सलामत देखकर खुशी हो रही है। अभी इसकी उड़ान का चरण बाकी है।
नई दिल्ली । नासा लगातार लाल ग्रह पर लगातार इतिहास रच रहा है। पहले मार्स रोवर को मंगल के खतरनाक जेजीरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक उतारकर नासा ने इतिहास रचा था। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर बड़े-बड़े पत्थर और चट्टान मौजूद हैं, जिसकी वजह से यहां पर उतरना आसान नहीं था। इसके बाद रोवर मार्स रोवर परसिवरेंस ने मंगल के जेजीरो क्रेटर की फोटो खींचकर दूसरा इतिहास रचा था। फिर मार्स रोवर लाल ग्रह की सतह पर चलकर एक बार इतिहास रचा था। अब यही सिलसिला आगे भी चलने वाला है।
दरअसल, नासा को उस वक्त का इंतजार है जब उसका बनाया हेलीकॉप्टर मंगल की सतह के ऊपर उड़ान भरेगा। नासा का हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी इतिहास रचने के काफी करीब पहुंच चुका है। यदि सब कुछ सही रहा तो 8 अप्रैल 2021 को नासा का ये हेलीकॉप्टर लाल ग्रह की धूल भरी सतह से उड़ान भरेगा और चक्कर लगाएगा। इस दौरान ये हेलीकॉप्टर मार्स रोवर के साथ एक केबल से जुड़ा रहेगा। रोवर की निगाह हेलीकॉप्टर पर लगी रहेगी।
नासा की दी गई जानकारी के मुताबिक उसका ये हेलीकॉप्टर रोवर से बाहर आ चुका है और अपने पांव पर खड़ा हुआ है। नासा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इतना ही नहीं नासा के इस छोटे से हेलीकॉप्टर ने मंगल पर सबसे बड़ा टेस्ट भी पास कर लिया है। नासा के मुताबिक मंगल ग्रह पर इंजेंविनिटी हेलीकॉप्टर ने -130 डिग्री फारेनहाइट (-90 डिग्री सेल्सियस) के जमा देने वाले में तापमान खुले आसमान के नीचे रात गुजारी। ये एक ऐसा पड़ाव था जिसको लेकर नासा के वैज्ञानिक काफी घबरा रहे थे। नासा ने ट्वीट कर बताया है कि इंजेंविनिटी ने मंगल ग्रह की सर्द रात गुजार कर मील का पत्थर स्थापित किया है। हेलीकॉप्टर पूरी तरह से ठीक है और उसकी आवाज आ रही है।
The #MarsHelicopter is on its own now, getting ready to take on Mars – one step at a time. https://t.co/Sqd4G8OYWY
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) April 5, 2021
आपको बता दें कि नासा को अब तक इससे पहले इस बात का डर सता रहा था कि मंगल का रात में हाड जमा देने वाला तापमान हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंंचा सकता है, जो कि नहीं हुआ है। इससे वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि मंगल पर दिन और रात के तापमान में काफी अंतर होता है। िदिन में जहां मंगल पर भीषण गर्मी होती है वहीं रात में वो बेहद ठंडा हो जाता है।
नासा का ये हेलीकॉप्टर के 10 सेंटीमीटर बड़ा है। 4 अप्रैल 2021 को इसे मंगल की सतह पर उतारा गया था। तब नासा ने ट्वीट किया था कि धरती से 471 मिलियन किमी का सफर तय कर हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी को मंगल की सतह पर उतार दिया गया है। इससे एक दिन पहले किए गए ट्वीट में ये हेलीकॉप्टर रोवर के नीचे दिखाई दे रहा था।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि नासा इस हेलीकॉप्टर की उड़ान सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद सवाल-जवाब का सिलसिला भी रखेगा, जिसमें कोई भी नासा के वैज्ञानिकों से इसको लेकर सवाल पूछ सकेगा। इन सवालों के जवाब एक्सपर्ट देंगे। नासा ने लोगों से ये भी पूछा है कि वो इस पड़ाव के बाद नासा से क्या उम्मीद रखते हैं। साभार-दैनिक जागरण
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