गाजियाबाद: दिल्ली से सटे कौशांबी में बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने मंगलवार को आनंद विहार बार्डर पर भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान कौशांबी को जाम मुक्त बनाने के लिए दो मल्टीलेवल पार्किग, एक अंडरग्राउंड आटो स्टैंड बनाने पर मुहर लग गई। अधिकारियों ने दस अप्रैल से प्लान लागू करने की बात कही, जिससे जल्द से जल्द कौशांबी के लोगों को जाम से निजात मिल सके।
दरअसल, गाजियाबाद से आने वाले हजारों वाहन चालक आनंद विहार बार्डर पर लगने वाले जाम से बचने के लिए कौशांबी की अंदरूनी सड़कों का उपयोग करते हैं। इसके चलते कालोनी के अंदर ही रोजाना जाम के हालात बनते हैं। वाहनों से निकलने वाले धुएं से लोगों को प्रदूषण से भी जूझना पड़ता है। समस्या से निजात के लिए कौशांबी अपार्टमेंट रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ मंडलायुक्त, गाजियाबाद डीएम समेत दिल्ली सरकार के अधिकारियों को भी समस्या समाधान के निर्देश दिए थे। इसके बाद मंगलवार को अधिकारियों ने भौतिक निरीक्षण कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मेट्रो स्टेशन पर बनेगी पार्किग: जिलाधिकारी अजयशंकर पांडेय ने बताया कि डीएमआरसी को कौशांबी मेट्रो स्टेशन पर मल्टीलेवल पार्किग बनाने को कहा गया है। वहीं, कौशांबी के अस्पतालों, बैंकों व अन्य कार्यालयों में आने जाने वाले लोगों के लिए गाजियाबाद नगर निगम को मल्टीलेवल पार्किग बनाने के लिए निर्देशित किया गया है।
वहीं, डाबर कंपनी को भी अपनी पार्किग बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को कौशांबी बस डिपो के नीचे अंडरग्राउंड आटो व टैक्सी की पार्किग बनाने के लिए कहा गया है।
ये हुए महत्वपूर्ण निर्णय :
– डाबर तिराहे से आनंद विहार जाने वाली रोड पर चौराहे को बंद कर दो यू-टर्न बनाए जाएंगे।
– पैसिफिक माल के सामने खड़े होने वाले आटो के लिए कौशांबी बस डिपो के नीचे अंडरग्राउंड स्टैंड बनेगा।
– आटो व ई-रिक्शा को आनंद विहार बार्डर के पास खाली जगह पर खड़ा किया जाएगा।
– कौशांबी व आनंद विहार से चलने वाले आटो व ई-रिक्शा की संख्या निर्धारित कर कलर कोड दिया जाएगा।
– डाबर तिराहे से कौशांबी डिपो को कोई बस नहीं जाएगी। बसें लिक रोड से सौर ऊर्जा मार्ग होते हुए डिपो में पहुंचेगी।
– आनंद विहार बस अड्डे के प्रवेश को कंप्यूटराइज्ड किया जाए जिससे वहां बसों की कतार न लगे।
बोले याचिकाकर्ता :
कौशांबी की आंतरिक सड़कों पर यातायात कम करने के लिए इस प्लान में कुछ नहीं है। ईडीएम माल से भोपुरा तिराहे तक जाम लगा रहता है। पार्किग कब तक बनेगी, इसके लिए फंड कौन देगा प्लान में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात मजबूती से रखेंगे।
– वीके मित्तल, अध्यक्ष कौशांबी अपार्टमेंट्स रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन – साभार-दैनिक जागरण
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