छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए। कुछ जवानों के लापता होने की भी खबर हैं। इसमें से एक हैं जम्मू जिले के बरनई इलाके के रहने वाले CRPF कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास। वे CRPF की कोबरा बटालियन के जवान हैं। 35 साल के राकेश्वर दो साल से छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों में पोस्टेड हैं। वे कई एंटी नक्सल ऑपरेशनों का हिस्सा रह चुके हैं।
राकेश्वर के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें सुरक्षित ढूंढ निकलने की गुहार लगाई है। उनकी पत्नी का कहना है कि जैसे विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ाकर लाए थे, वैसे ही उनके पति को भी वापस लाया जाए। शनिवार को हुए नक्सल अटैक के बाद से लगातार परिवार राकेश्वर से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा हे।
परिवार का कहना है कि रविवार सुबह से ही उन्हें किसी अनहोनी की आशंका थी। CRPF हेडक्वार्टर से लगातार संपर्क करने के बाद भी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही थी कि आखिर राकेश्वर हैं कहां? फिर अचानक एक स्थानीय पत्रकार का फोन आया और उसने जानकारी दी कि राकेश्वर नक्सलवादियों के कब्जे में हैं और सुरक्षित हैं। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
शुक्रवार शाम बात हुई थी, बोले थे ऑपरेशन पर जा रहा हूं
राकेश्वर का परिवार जम्मू के बाहरी बरनई इलाके में रहता है। लापता बेटे की कोई खबर नहीं मिलने के चलते परिवार के लोग चिंतित हैं। उनकी पत्नी और 6 साल की बेटी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
पत्नी मीनू कहती हैं कि मैं क्या कहूं? ये सरकार की जिम्मेदारी है, वे हमारे जवानों को ढूंढकर लाएं। दो दिन से लापता होने की बात कही जा रही है। शुक्रवार की रात मेरी उनसे बात हुई थी, उन्होंने बताया था कि खाना पैक कर रहा हूं, एक ऑपरेशन पर जाना है। उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है, फोन भी नहीं लग रहा है।
परिवार का कहना है कि आखिर सरकार चुप क्यों हैं? कोई जानकारी हमें क्यों नहीं दे पा रही है। फोर्स को भी पता होना चाहिए कि उसका एक जवान लापता है जिसे वापस लाना है, लेकिन कोई जवाब नहीं दे रहा है, न सरकार और न ही फोर्स।
सोमवार को जम्मू CRPF हेडक्वाटर से दो अधिकारी आए थे। उन्होंने कहा है कि अभी उनके पास कोई जानकारी नहीं है। राकेश्वर के रिश्तेदार विक्रांत सिंह का कहना है कि पूरा परिवार परेशान है। हमने CRPF के हेडक्वार्टर में भी संपर्क किया है। हर बार एक ही जवाब आ रहा है कि टीम गई हुई है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि जल्दी से मेरे भाई को खोज निकाला जाए।
सरकार ने अभी तक नहीं की अगवा होने की पुष्टि
राकेश्वर का परिवार मान रहा है कि उन्हें नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले रखा है। लेकिन अभी तक सरकार या CRPF ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। जिसको लेकर परिवार की चिंता लगातार बढ़ भी रही है कि आखिर राकेश्वर कहां और किस हाल में हैं। भगवान करे, वे जल्द, सुरक्षित लौट आएं।’ साभार-दैनिक भास्कर
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