ये 14 लक्षण बता सकते हैं कि कोई जीनियस है या नहीं

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एलन मस्क, वर्जीनिया वुल्फ, लेडी गागा और अल्बर्ट आइंस्टीन

लुडविग वैन बीथोवेन को गणित के सवाल करने में दिक्कत होती थी और उन्होंने कभी गुणा-भाग करना नहीं सीखा. पाब्लो पिकासो वर्णमाला नहीं जानते थे, वॉल्ट डिज़्नी क्लास में सो जाते थे, और वर्जीनिया वुल्फ को तो स्कूल में आने भी नहीं दिया गया जबकि उनके भाई केम्ब्रिज जाते थे. चार्ल्स डार्विन का स्कूल में हाल इतना बुरा था कि उनके पिता ने कह दिया था कि वो परिवार के लिए एक शर्मिंदगी साबित होंगे.

इनमें से हर कोई आज की शिक्षा के मानकों में नहीं ढला था लेकिन फिर भी उन्होंने कला या विज्ञान के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के दम पर इतिहास में नाम दर्ज किया.

यहां तक कि आज के भी प्रतिभाशाली (जीनियस) लोगों जैसे बिल गेट्स, बॉब डिलन या ओप्राह विन्फ्रे- की भी पढ़ाई बीच में ही छूट गई या उन्होंने खुद छोड़ दी लेकिन फिर भी उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता हासिल की है.

अमेरिकन म्यूज़िकोलॉजी में प्रोफेसर डॉक्टर क्रेग राइट ने इतिहास और वर्तमान के प्रतिभाशाली लोगों के अध्ययन में दो दशक से ज़्यादा बिताए हैं.

हाल ही में उनकी एक किताब प्रकाशित हुई है, ‘द हिडन हैबिट्स ऑफ जीनियस: बियॉन्ड टैलेंट, आईक्यू, एंड ग्रिट- अनलॉकिंग द सीक्रेट्स ऑफ़ ग्रेटनेस’. इस किताब में उन्होंने 14 ऐसे लक्षणों के बारे में बताया है जो प्रतिभावान लोगों में समान होते हैं.

 प्रोफेसर क्रैग राइट

जीनियस की परिभाषा

प्रतिभाशाली यानी जीनियस की परिभाषा अलग-अलग लोगों के अनुसार बदलती रहती है.

लेकिन, डॉक्टर राइट से पूछें तो वो कहते हैं, “प्रतिभाशाली व्यक्ति असाधारण मानसिक शक्तियों वाला व्यक्ति है, जिसकी मूल रचनाएं या अवधारणाएं सभी संस्कृतियों और समय में समाज को बेहतर और बदतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीक़े से बदलती हैं.

उन्होंने जीनियस के लिए फार्मूला भी बनाया है, जो है- G = SxNxD.

यानी जीनियस = प्रभाव या बदलाव कितना महत्वपूर्ण है X कितने लोग प्रभावित हुए हैं X प्रभाव की अवधि.

दूसरे शब्दों में कहें तो डॉक्टर राइट के लिए जीनियस का मतलब है वो जिसका ज़्यादा से ज़्यादा लोगों पर और सबसे लंबे समय तक सबसे ज़्यादा प्रभाव हो.

येल यूनिवर्सिटी में सालों से ‘जीनियस कोर्स’ पढ़ाते हुए राइट ने देखा है कि कई विद्यार्थी इस बात से असहमति जताते हैं कि पॉप सिंगर लेडी गागा जीनियस का एक समकालीन उदाहरण हैं या इतिहास में सबसे ज़्यादा ओलंपिक मेडल वाले एथलीट जीनियस नहीं हैं.

जीनियस होने से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर डॉक्टर क्रेग राइट से बातचीत-

रॉयल स्पेनिश अकेडमी की डिक्शनरी में जीनियस की परिभाषा है: नई और सराहनीय चीजों को बनाने या आविष्कार करने की असाधारण मानसिक क्षमता”. आप इसके बारे में क्या सोचते हैं?

मुझे लगता है कि ये सीमित परिभाषा है. इसे मैं कहूंगा ‘जीनियस होने की शक्ति’, क्योंकि उसमें जीनियस होने की क्षमता है लेकिन वो अभी जीनियस नहीं है.

इस परिभाषा को लिखने वाले शिक्षाविदों का कहना है कि जीनियस होने के लिए आपको जो करना होता है वो है मूल विचार के लिए अपना दिमाग इस्तेमाल करना. जिसमें रचनाकार का अपने तक विचार रखना भी शामिल है.

लेकिन, अपने तक विचार रखने पर विवाद हो सकता है. इसके लिए मैं अल्बर्ट आइंस्टीन की वो तस्वीर याद दिलाना चाहूंगा जिसमें वो एक द्वीप पर अकेले थे.

वहां होने पर उन्हें पता चला कि E = mc². वो वहां सामान्य सापेक्षता और अन्य चीज़ों पर सोच पाए. लेकिन, अगर उन्होंने अपने विचार को किसी को नहीं बताया होता तो क्या हम अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में जान पाते?

शिक्षाविदों की परिभाषा के अनुसार आइंस्टीन तब भी जीनियस होते लेकिन मेरी परिभाषा के अनुसार नहीं क्योंकि तब उनके विचार का किसी पर भी कोई असर नहीं पड़ा होता.

ये कुछ ऐसा है जो एक तरह की दार्शनिक बहस को जन्म देता है.

अल्बर्ट आइंस्टीन
आपको क्या लगता है जीनियस को परिभाषित करने कौन-सा तरीका सही नहीं है?

जैसा कि मैंने अपनी किताब में बताया है, आईक्यू को अत्यधिक महत्व दिया गया है.

मानकीकृत बुद्धि परीक्षण एक खास तरह की क्षमता को मापने के तरीक़े होते हैं जो ज़्यादातर आनुवांशिक होता है.

सदियों से महान व्यक्तियों का अध्ययन करके आप देख सकते हैं कि वे बुद्धिमान थे, लेकिन जरूरी नहीं कि उन्हें आईक्यू टेस्ट में उच्चतम परिणाम प्राप्त हुए हों- जैसे, 140 या 150.

इसका मतलब है कि आपको खेल का हिस्सा बनने के लिए बस औसत से ज़्यादा आईक्यू की ज़रूरत है.

लेकिन, तब और भी कई कारक और प्रेरणाएं काम करती हैं जो किसी को महान बनने और दुनिया को बदलने की दिशा में ले जाती हैं.

डॉ. क्रैग राइट की किताब
एक जीनियस बच्चे को परवरिश के लिए या उसे जीनियस बनाने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए?

मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण चीज़ प्रयास है लेकिन कड़ी मेहनत करने के लिए और क्या चाहिए होता है?

सही मायने में प्रयास अपने आप में एक इंजन नहीं है बल्कि ये अन्य आंतरिक प्रेरणाओं की बाहरी अभिव्यक्ति है.

जुनून एक ऐसा इंजन है जो कड़ी मेहनत के रूप में बाहर आता है और ये किसी चीज़ के लिए प्यार से लेकर उसकी सनक तक हो सकता है.

इसलिए मैं कहूंगा कि जुनून को प्रोत्साहित करना अहम है.

इन महान दिमागों के बारे में मैंने एक और चीज़ देखी है कि वो विद्वान थे, उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों की जानकारी थी.

तो आप किस तरह के व्यक्ति हैं: जो एक हज़ार मील की दूरी तय करता है या एक हज़ार मील नीचे उतर जाता है?

ऐसे अधिकतर लोग अलग-अलग चीज़ों को एकसाथ देखते हैं क्योंकि उनके पास कई तरह के अनुभव होते हैं. वो अलग-अलग चीज़ों को जोड़कर देख सकते हैं जो कि दूसरे नहीं कर सकते.

इसलिए बच्चों की परवरिश करते हुए ये महत्वपूर्ण है कि उन्हें अलग-अलग अनुभवों से रूबरू कराएं. अगर वो विज्ञान पसंद करते हैं तो उन्हें उपन्यास पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं; वो राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं तो उन्हें पेंट करना भी सिखाया जा सकता है.

जो माता-पिता अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक तैराक या फिज़िक्स में अगला नोबल पुरस्कार विजेता बनने के लिए किसी एक काम पर फोकस करने के लिए कहते हैं तो वो गलत समझ रहे हैं.

जब हमारे पास अलग-अलग अनुभव नहीं होते तब तक हम ये नहीं समझ पाएंगे कि हमारा जुनून किसमें है.

पॉप सिंगर लेडी गागा
आपकी परिभाषा के मुताबिक समकालीन प्रतिभावान लोगों (जीनियस) के उदाहरण कौन हैं और कौन-से आपके विद्यार्थियों को सबसे ज़्यादा हैरान करते हैं?

ऐसे कई उदाहरण हैं लेकिन एलन मस्क मूल रूप से एक जीनियस हैं जो द बोरिंग कंपनी, हाइपरलूप, सोलरसिटी, टेस्ला, स्पेसएक्स आदि में विभिन्न क्षेत्रों में अजब-गजब चीज़ें करते हैं.

यह कई अलग-अलग तरीकों से क्रांति करने वाले विद्वान का मौलिक उदाहरण है.

लेकिन, कुछ अप्रत्याशित प्रतिभाएं कौन हैं? अगर मैं कहूं कि कान्ये वेस्ट, लेडी गागा या डॉली पार्टन, तो कोई इससे इनकार कर सकता है और हैरान हो सकता है कि मैं मज़ाक कर रहा हूं.

डॉली पार्टन एक दिलचस्प केस हैं क्योंकि वो एक बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हैं. भले ही उन्होंने भ्रमित करने के लिए एक ‘मूर्ख गोरे’ की छवि बनाई हुई है.

उन्हें अपना खुद का कारोबार खड़ा किया है और आज भी कर रही हैं. वो एक रोल मॉडल हैं कि आज की मनोरंजन की दुनिया में एक कारोबारी महिला को कैसे काम करना चाहिए.

इसके साथ ही वो कुछ गीत लिखकर हमें खुश करती रहती हैं.

इसलिए यह कहना संभव है कि डॉली पार्टन का बहुत अधिक महत्व है, खासतौर पर ग़रीब गोरी महिलाओं के लिए और उनका प्रभाव उन लोगों की संख्या के सापेक्ष महत्वपूर्ण है जो उनके संगीत को सुनते हैं. हालांकि, यह देखना बाकी है कि यह प्रभाव कब तक रहेगा.

अब माइकल फ़ेल्प्स जैसे मामले भी हैं.

मेरा मतलब है, फ्रांस में किसी ने प्राचीन ग्रीस में ओलंपिक को पुन: स्थापित किया होगा और कहा होगा कि इसमें कौन-से खेल शामिल होंगे और उनमें से एक तैराकी होगी.

इसके बाद ये तय हो गया होगा कि खिलाड़ी इसमें फ्रीस्टाइल, बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक और बटरफ्लाई में 100 मीटर, 200 मीटर और अन्य में प्रतिस्पर्धा करेंगे.

अब माइकल फ़ेल्प्स पूल में उतरते हैं उसी लेन में दूसरों से ज़्यादा तेज़ गति से तैरते हैं. लेकिन, कोई उनसे भी तेज़ हो सकता है क्योंकि उसके शरीर का प्रकार अलग हो सकता है और आज पोषण व प्रशिक्षण भी बेहतर होता जा रहा है.

लेकिन जैसा कि स्पेनिश अकादमी में सही कहा गया है कि इसमें कोई बौद्धिकता नहीं है. ये इस तरह है कि पिंजरे में बंद एक चूहा तेज़, और तेज़ दौड़ रहा है.

मुझे लगता है कि जीनियस होना पिंजरे में बंद चूहे या पूल में तैर रहे तैराक से ज़्यादा है.

अलीबाबा कंपनी के संस्थापक और चीन के सबसे अमीर शख़्स जैक मा
आपको क्यों लगता है कि येल में आपके अधिकांश विद्यार्थी इन जीनियस का अध्ययन करने के बाद इनके जैसा नहीं बनना चाहते?

इन महान दिमागों के साथ समस्या है कि वो अपने आसपास के लोगों के लिए अक्सर बहुत विध्वंसकारी होते हैं क्योंकि उनमें बहुत जुनून होता है और वो किसी चीज़ को लेकर सनकी हो जाते हैं.

वो सिर्फ़ अपने मानसिक लक्ष्य को पाने पर फोकस कर सकते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वो दुनिया को बदलने वाले हैं. उन्हें लगता है कि उन्हें कुछ ठीक करना होगा और वो केवल यही कर सकते हैं.

वो बहुत महत्वाकांक्षी लोग होते हैं जो अपने और कभी-कभी दूसरों के ऊपर बहुत दबाव डालते हैं. वो दूसरे से बहुत ज़्यादा अपेक्षा कर सकते हैं और उन्हें नज़रअंदाज़ कर सकते हैं.

इसलिए उनके साथ काम करना सुखद नहीं भी हो सकता है.

उदाहरण के लिए आप जेफ बेजोस, एलन मस्क या बिल गेट्स के बारे ये बातें सुन सकते हैं.

इसलिए जो लोग जीनियस कोर्स करते हैं वो अपनेआप से पूछते हैं, “क्या मुझे वाकई ऐसा बनना है?” क्या मैं बहुत सारे लोगों के लिए दुनिया बदलना चाहता हूं या अपने आसपास मानवीय परिवेश चाहता हूं जो सभी के लिए अच्छा हो.

मेरी किताब का एक छोटा-सा रहस्य यह है कि हम में से अधिकांश लोग किसी भी सार्थक तरीके से दुनिया को बदलने नहीं जा रहे हैं.

हालांकि, इन लोगों ने जो कुछ भी किया है, उसके बारे में जानने से हम अधिक महत्वपूर्ण चीजों के बारे में सोच पाते हैं, जिस पर हम सभी कार्य कर सकते हैं. जैसे अन्य लोगों के संबंध में अपना जीवन कैसे जीएं, कैसे अधिक रचनात्मक बनें.

हमारे पास यह सोचने का अवसर है कि हम किस तरह जीना चाहते हैं और उसी के आधार पर अपने जीवन को समायोजित कर सकते हैं.

सिंगर डॉली पार्टन
डॉक्टर क्रेग राइट के अनुसार प्रतिभावान लोगों की 14 आदतें या लक्षण

1. कार्य नीति

2. लचीलापन

3. मौलिकता

4. एक बच्चे की तरह कल्पना

5. अतृत्प जिज्ञासा

6. जुनून

7. रचनात्मक अव्यवस्था

8. विद्रोह

9. सीमाएं पार करने वाली सोच

10. विपरीत कार्य या विपरीत सोच

11. तैयारी

12. सनक

13. शिथिलता

14. एकाग्रता

साभार-बीबीसी न्यूज़ हिंदी

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