गर्मी ने तोड़ा 76 सालों का रिकॉर्ड, आने वाले दिनों में भारत के इन हिस्सों में हीटवेव की संभावना

पढ़िए TV9 भारतवर्ष  की ये खबर…

मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो हीटवेव (Heatwave) घोषित कर दिया जाता है.

देश के ज्यादातर हिस्सों में मार्च के पहले दिन से ही गर्मी का एहसास होने लगा है. मौसम विभाग ने भी अपने पूर्वानुमान में बता दिया है कि हर साल की ही तरह इस साल की गर्मियां भी बड़ी परेशान करने वाली हैं. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले दिनों में पश्चिम और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में हीटवेव (Heatwave) की संभावना है. 29 और 30 मार्च को हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ और मध्य प्रदेश में और 30 मार्च, 31 और 1 को विदर्भ और ओडिशा में हीटवेव की स्थिति बन सकती है.

मौसम विभाग के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो हीटवेव घोषित कर दिया जाता है. IMD ने बताया कि 30 मार्च से 1 अप्रैल के बीच राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में धूल भरी तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार) के चलने की संभावना है. इसी के साथ, 30 और 31 मार्च से 2 अप्रैल तक पूर्वोत्तर राज्यों- असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर में गरज के साथ हल्की बारिश की भी उम्मीद जताई गई है.

गर्मी ने तोड़ा पिछले 76 सालों का रिकॉर्ड

अप्रैल की शुरुआत से पहले ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, तापमान ने रिकॉर्ड बनाने और तोड़ने भी शुरू कर दिए हैं. मालूम हो कि दिल्ली (Delhi) में फरवरी का महीना साल 1901 के बाद दूसरा सबसे गर्म महीना रहा. वहीं, होली वाले दिन भी लोग गर्मी से बहुत परेशान रहे. रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक था और 31 मार्च, 1945 के बाद का सबसे ज्यादा तापमान है. इसके पहले मार्च 1945 में दिल्ली का तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कल का अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया है.

अगले 5 दिनों में इन हिस्सों में हो सकती है बारिश

बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के कारण दक्षिण-पूर्व खाड़ी और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. इस बीच, अगले 5 दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में गरज और तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है. इसी के साथ, 30 मार्च से 01 अप्रैल के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जा सकती है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 30 और 31 मार्च को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर में न जाएं.साभार TV9 भारतवर्ष

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