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पूरा मामला गोपीगंज थाना क्षेत्र के चक निरंजन गांव का है जहां बच्चों के मामूली से झगड़े की वजह से जोखन ने अपने ही चचेरे भाइयों और उसके साले को अपने अपहरण के मामले में फंसाया.
वाराणसी : करीब 12 साल पहले एक व्यक्ति का ह्त्या के इरादे से अपहरण की सूचना पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत होता है. चारों आरोपी जेल भेजे जाते हैं. निचली अदालत से सज़ा होती है. चारों आरोपी तीन साल से ऊपर की जेल की सजा काट चुके हैं, लेकिन 12 साल बाद कहानी में अचानक ट्विस्ट आता है, लापता व्यक्ति अपने घर में ही पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है, इससे इलाके के लोग अचम्भित है तो पुलिस अब अपनी कार्रवाई कर रही है. पूरा मामला यूपी के भदोही जिले का है. करीब 12 साल पहले जोखन के हत्या के इरादे से अपहरण का मामला गोपीगंज थाने में दर्ज़ हुआ था लेकिन आज जोखन खुद अपने घर में पुलिस के हत्थे चढ़ गया, उसे थाने लाया गया है
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पुलिस अधीक्षक भदोही राम बदन सिंह कहते हैं “बेचन तिवारी ने लिखाया था और 364, 504, 506 का मुकदमा दर्ज़ हुआ था, चार्जशीट हो गई थी, और चारों आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से भदोही से सज़ा हो गई थी. जिसमें 5 साल की सज़ा मिली थी उसमें हाईकोर्ट से जमानत पर है. अब जब ये व्यक्ति कल लौटा है तो इंस्पेक्टर, गोपीगंज थाने लेकर आए हैं. इस शख्स से पूछताछ हो चुकी है अब इसे माननीय न्यायालय के सामने रखा जाएगा. अब जब न्यायालय का आदेश होगा जांच होगी तो पूरा मामला सामने आएगा.
पूरा मामला गोपीगंज थाना क्षेत्र के चक निरंजन गांव का है जहां बच्चों के मामूली से झगड़े की वजह से जोखन ने अपने ही चचेरे भाइयों और उसके साले को अपने अपहरण के मामले में फंसाया. बिना किसी जुर्म के सज़ा काट रहे वंशराज की बेगुनाही का सबूत जोखन जब पुलिस के हत्थे चढ़ा है तो वो कचहरी पहुंचा जहां उसके चेहरे पर ख़ुशी भी है और तीन साल सज़ा कटाने का दर्द भी. वंशराज तिवारी कहते हैं, ‘आरोपी जोखन ने काट के फेंका और हम दोनों भाई और जीजा को बता दिया कि हमें मार कर उठा ले गये. जब हम घर में थे तो पुलिस प्रशासन आया, हमें उठा लाया. तीन साल 2 महीना जेल में रहे.’ वंशरात कहते हैं, ‘साहब, हमको न्याय चाहिए.तीन साल 2 महीना बर्बाद हो गए. हमें जेल में रहना पड़ा.’
मजे की बात ये है कि जोखन के अपहरण के जुर्म में सज़ा काट रहे लोगों को उसके सही-सलामत होने की खबर थी वो बीच-बीच में घर भी आता था और इस दरमियान उसके 2 बच्चे भी हुए लेकिन हर बार चकमा देकर निकल जाता था. लिहाजा ये लोग अपनी बेगुनाही का सबूत नहीं पकड़ पाते थे लेकिन इस बार जब घर आया तो बड़ी चालाकी से 100 नंबर डायल कर उसे पकड़वाया. पोल खुलने के बाद भी जोखन अभी भी बहाना बनाते हुए उन्हें आरोपी बता रहा है. इस पूरे मामले में दूधनाथ तिवारी, काशीनाथ तिवारी, वंशराज तिवारी और राम अवतार तिवारी पर हत्या की नियत से अपहरण करने का मुकदमा पंजीकृत हुआ था. ताजा ट्विस्ट के बाद अब पुलिस का कहना है कि मामला माननीय न्यायलय के समक्ष रखा जायेगा वो जो आदेश करेगी उसके मुताबिक़ पूरी जांच की जाएगी. साभार NDTV इंडिया
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