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भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के बंगले ‘एंटीलिया’ के बाहर मिली जिलेटिन की छड़ों (विस्फोटक में इस्तेमाल की जाने वाली) से भरी स्कॉर्पियो ने महाराष्ट्र में सियासी संकट खड़ा कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपनी महाविकास आघाड़ी (MVA) की 16 महीने पुरानी सरकार को बचाने के लिए लगातार बैठकें करनी पड़ रही हैं। गृहमंत्री अनिल देशमुख भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं और कयास लग रहे हैं कि उनका इस्तीफा भी हो सकता है। एनसीपी चीफ शरद पवार संकट टालने के लिए सक्रिय हैं। उधर, कांग्रेस पर आरोपों से घिरी सरकार से अलग होने का दबाव भी बन रहा है।
कुल मिलाकर यह पूरा मामला मुंबइया फिल्म या वेब सीरीज जितना ही रोचक है। हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। आइए, इन तारीखों से समझते हैं कि यह मामला क्या है और क्यों इस पर सियासत गरमाई हुई है।
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25 फरवरीः एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो बरामद
हरे रंग की स्कॉर्पियो ‘एंटीलिया’ के बाहर लावारिस खड़ी थी। बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने उसमें से 20 जिलेटिन स्टिक्स बरामद कीं। साथ में अंबानी के काफिले की कुछ गाड़ियों के नंबर प्लेट्स और एक चिट्टी भी। उसमें लिखा था, ‘प्रिय नीता भाभी और मुकेश भैया और परिवार, यह सिर्फ एक ट्रेलर है। अगली बार, आपके परिवार को उड़ान भरने के लिए पर्याप्त सामान होगा। सावधान रहें।’ मामले की जांच महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने अपने हाथ में ली। मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के एपीआई सचिन वझे को जांच अधिकारी बनाया गया।
26 फरवरीः SUV मालिक का पता चला; चोरी हुई थी स्कॉर्पियो
पुलिस को पता चला कि SUV मनसुख हिरेन की है। उसने 17 फरवरी को ही कार चोरी होने की रिपोर्ट लिखवा रखी थी। जिलेटिन रॉड्स नागपुर की एक कंपनी से खरीदे गए थे।
28 फरवरीः जैश-उल-हिंद का जिम्मेदारी लेने से इनकार
जैश-उल-हिंद का सोशल मीडिया पर बयान सामने आया, जिसमें उसने SUV एंटीलिया के बाहर खड़ी करने की जिम्मेदारी ली। पर बाद में यह बयान फर्जी निकला। संगठन ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। तब तक जांच की सूई पूरी तरह से आतंकी संगठनों या शरारती तत्वों की ओर इशारा कर रही थी। जांच में पता चला कि जिम्मेदारी लेने वाला बयान दिल्ली की तिहाड़ जेल से जारी हुआ था।
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5 मार्चः फडणवीस ने ‘संयोगों’ पर सवाल उठाया
महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड के सहारे संयोगों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वझे लोकल पुलिस से पहले स्पॉट पर कैसे पहुंचे? वझे और हिरेन एक-दूसरे को जानते थे।
6 मार्चः SUV मालिक की लाश मिली
मुंब्रा क्रीक पर 6 मार्च को मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली। शुरुआत में लगा कि उसने आत्महत्या की है। पर मनसुख की पत्नी कमला ने आरोप लगाया कि SUV तो 5 फरवरी के बाद से वझे के पास ही थी। उसने ही मनसुख को फंसाने के लिए साजिश रची और बाद में उसकी हत्या कर दी। केस मर्डर मिस्ट्री का हो गया।
8 मार्चः महाराष्ट्र ATS ने हिरेन की हत्या का केस दर्ज किया
फडणवीस ने विधानसभा में वझे को निलंबित करने की मांग की। इसी दिन NIA ने केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।
10 मार्चः देशमुख बोले- वझे का ट्रांसफर कर दिया है
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में कहा कि वझे को क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर कर दिया है ताकि जांच निष्पक्ष हो सके। उधर, ATS भी अपनी जांच करती रही और उसने इस मामले में सचिन वझे का बयान दर्ज किया।
13 मार्चः NIA ने वझे को ही गिरफ्तार कर लिया
वझे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के एक दिन बाद यानी 13 मार्च को NIA ने उनसे पूछताछ की। 12 घंटे की पूछताछ के बाद रात करीब 12 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया। NIA सूत्रों ने दावा किया कि 25 फरवरी को विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो जब एंटीलिया की तरफ जा रही थी, तब एक सफेद इनोवा उसके पीछे चल रही थी। यह मुंबई क्राइम ब्रांच की निकली। शक की सूई अब वझे की ओर झुक गई।
14 मार्चः सफेद इनोवा कमिश्नर ऑफिस से बरामद
NIA के अधिकारियों ने मुंबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस से सफेद इनोवा कार बरामद की। स्कॉर्पियो के साथ ही इसी सफेद इनोवा का इस्तेमाल 25 फरवरी को अंबानी के बंगले के बाहर विस्फोटक प्लांट करने में हुआ था। यह इनोवा मुंबई पुलिस की CIU यूनिट की है और सचिन वझे इसका इस्तेमाल करते थे।
15 मार्चः NIA को मिले वझे के खिलाफ पक्के सबूत
NIA ने कहा कि उसने सचिन वझे के CIU ऑफिस से दो किलोमीटर दायरे के CCTV फुटेज हासिल कर लिए हैं, जो 25 फरवरी से 5 मार्च तक के थे। इससे कंफर्म हुआ कि वझे और हिरेन 25 फरवरी को मिले थे। मुंबई पुलिस ने वझे को सस्पेंड कर दिया। NIA ने कहा कि स्कॉर्पियो चोरी हुई ही नहीं थी। वह वझे के पास ही थी। इसी वजह से उन्होंने CCTV फुटेज को नुकसान पहुंचाया। ताकि पता न चले कि एंटीलिया के पास प्लांट करने से पहले कार उनके पास थी। वझे ने अपनी सोसायटी के साथ ही और भी जगहों से CCTV फुटेज नष्ट कर दिया था।
17 मार्चः NIA ने वझे की मर्सीडीज कार बरामद की
NIA ने वझे की इस्तेमाल की हुई मर्सीडीज कार बरामद की। NIA अधिकारियों ने बताया कि स्कॉर्पियो की असली नंबर प्लेट इसी कार से मिली। 5 लाख रुपए कैश, कुछ कपड़े और कैश गिनने की मशीन भी मिली। NIA ने यह भी कहा कि वझे 24 फरवरी को PPE किट पहनकर एंटीलिया के पास गए थे। NIA ने वह शर्ट भी बरामद कर ली, जो सचिन वझे ने PPE किट के नीचे पहन रखी थी।
महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाया और डीजी होमगार्ड्स बनाया।
18 मार्चः NIA ने दो और कारें बरामद की
NIA ने एंटीलिया मामले में दो और लग्जरी कारें (मर्सीडीज और लैंडक्रूजर प्राडो) बरामद की, जिनका सचिन वझे से संबंध था। इसे मिलाकर 5 कारें बरामद कर ली थी। प्राडो शिवसेना नेता विजयकुमार गणपत भोसले की है। क्राइम ब्रांच से वीडियो फुटेज भी मिला, जिसमें वझे और हिरेन दिख रहे थे।
19 मार्चः मनसुख हिरेन की हत्या की पुष्टि
महाराष्ट्र ATS के शीर्ष अधिकारियों ने पुष्टि की कि मनसुख हिरेन के सिर और गर्दन पर चोटों के निशान मिले हैं। मौत से पहले हिरेन के साथ मारपीट की गई थी। ATS अधिकारी ने कहा कि हिरेन पर किसी भारी वस्तु से हमला हुआ था।
20 मार्चः परमबीर के लेटर बम से सियासत गरमाई
मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटने के बाद परमबीर ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे समेत कई अन्य को पत्र लिखकर आरोप लगाए कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने वझे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के जरिए फिरौती रैकेट शुरू किया है। हर महीने 100 करोड़ रुपए जुटाने के लिए कहा है।
21 मार्चः परमबीर के आरोपों पर NCP की बैठक
परमबीर के लेटर के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई। दिल्ली में ताबड़तोड़ मीटिंग बुलाई गई। अनिल देशमुख के इस्तीफे का दबाव बना तो NCP चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के नेताओं को दिल्ली बुलाया और वहीं पर बैठक की। इस्तीफे का फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया।
पवार ने एक डॉक्यूमेंट दिखाते हुए कहा कि देशमुख 6 से 15 फरवरी तक नागपुर के एक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में एडमिट थे। 16 से 27 फरवरी तक वे नागपुर में थे। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि 15 फरवरी को तो देशमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। देशमुख ने तो परमबीर के खिलाफ मानहानि का केस करने की धमकी भी दी। इस मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पवार से मुलाकात की थी।
22 मार्चः परमबीर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर ट्रांसफर के फैसले को चुनौती दी। साथ ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर दी। याचिका में भी उन्होंने कई आरोप दोहराए, जो उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लगाए थे।
23 मार्चः जांच में वझे के खिलाफ और सबूत मिले
एंटीलिया केस में NIA ने पाया कि वझे ने फेक आधार कार्ड बनवाया था। तस्वीर वझे की थी, पर नाम ‘सुशांत सदाशिव खामकर’ लिखा था। आधार कार्ड की कॉपी ट्राईडेंट होटल से मिली है। अब बताया जा रहा है कि इसी होटल में हिरेन की हत्या की साजिश भी रची गई।
और अंत में…
इस मामले में तीन केस दर्ज हुए हैं। स्कॉर्पियो चोरी का मामला तो लगभग सुलझ ही गया है। वहीं, मनसुख हिरेन की हत्या की जांच ATS के पास है, जो अनिल देशमुख को रिपोर्ट कर रही है। दूसरी ओर, एंटीलिया केस की जांच NIA के पास है और वह केंद्र सरकार को रिपोर्ट करती है। इन दो जांच एजेंसियों के बीच टकराव की स्थिति केंद्र बनाम राज्य सरकार की शक्ल ले रही है।साभार-दैनिक भास्कर
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