Indian Railways: रेलवे बताएगा ट्रेन में और स्टेशनों पर स्मोकिंग कितना बड़ा रिस्क! उठाया ये कदम

पढ़िए नवभारत टाइम्स की ये खबर…

यह एक अवेयरनेस ड्राइव है, जिसके जरिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। यह अवेयरनेस ड्राइव 7 दिन की है। विभिन्न जोनल रेलवे में आग की घटनाओं से जान और माल के नुकसान के खतरे को देखते हुए रेलवे ने इस ड्राइव को लॉन्च किया है।

हाइलाइट्स:

  • कुछ घटनाओं की वजह रेल यात्रा के दौरान स्मोकिंग या ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ साथ लेकर चलना रही।
  • यह 22 मार्च से शुरू हो चुकी है और 30 अप्रैल तक चलेगी।
  • ड्राइव के तहत कानूनी कार्रवाई 31 मार्च से की जाएगी।

नई दिल्ली भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने ट्रेन में स्मोकिंग और ज्वलनशील पदार्थ साथ ले जाने के खिलाफ एक व्यापक ड्राइव (Massive Drive) लॉन्च की है। यह एक अवेयरनेस ड्राइव है, जिसके जरिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। यह अवेयरनेस ड्राइव 7 दिन की है। विभिन्न जोनल रेलवे में आग की घटनाओं से जान और माल के नुकसान के खतरे को देखते हुए रेलवे ने इस ड्राइव को लॉन्च किया है।

कुछ घटनाओं की वजह रेल यात्रा के दौरान स्मोकिंग या ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ साथ लेकर चलना रही। ऐसे हादसों पर लगाम कसने के लिए रेलवे ने व्यापक ड्राइव लॉन्च की है। यह 22 मार्च से शुरू हो चुकी है और 30 अप्रैल तक चलेगी। रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में इस ड्राइव के तहत समय-समय पर चेकिंग भी होगी। ड्राइव के तहत कानूनी कार्रवाई 31 मार्च से की जाएगी।

सभी जोनल रेलवे को उठाने होंगे ये कदम
1. सभी जोनल रेलवे 7 दिन की मासिव अवेयरनेस ड्राइव लॉन्च कर सकते हैं। इसके तहत रेलवे यूजर्स, स्टेशनों पर और ट्रेनों में काम करने वाले रेलवे/नॉन रेलवे इंप्लॉइज जैसे पार्सल स्टाफ, लीज होल्डर्स व उनका स्टाफ, पार्सल पोर्टर्स, कैटरिंग स्टाफ, आउटसोर्सिंग के जरिए जुड़ा स्टाफ आदि समेत सभी हितधारकों को आग लगने की घटनाओं से जुड़ी एहतियातों के बारे में जागरुक किया जाएगा। इसके लिए ‘नो स्मोकिंग’ साइन का इस्तेमाल करने, ज्वलनशील पदार्थ ट्रेन में लेकर चलने से रोकने, SLRs/VPUs/लीज्ड पार्सल्स की चेकिंग; लीफलेट्स, पैम्फलेट्स का वितरण; स्टीकर लगाने, नुक्कड़ नाटक, स्टेशनों पर अनाउंसमेंट, अखबारों, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया में विज्ञापन की मदद ली जा सकती है।

2. मासिव अवेयरनेस ड्राइव के बाद ट्रेनों में और रेलवे परिसर में इंटेंसिव ड्राइव शुरू की जा सकती है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ रेलवे एक्ट या तंबाकू एक्ट के उचित प्रावधानों के तहत एक्शन लिया जा सकता है। ऐसा अधिकारी जो कमर्शियल डिपार्टमंट के टिकट कलेक्टर से निचली रैंक का न हो या ऑपरेटिंग डिपार्टमेंट में समकक्ष रैंक पर हो या आरपीएफ में एएसआई से निचली रैंक का न हो, वह सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रॉडक्ट्स एक्ट 2003 के प्रावधानों के तहत एक्शन लेने का अधिकार रखता है।

3. मासिव अवेयरनेस ड्राइव के बाद ट्रेनों में नियमित रूप से यह चेक किया जा सकता है कि ज्वलनशील और एक्सप्लोसिव सामान न ले जाया जाए। इनमें एलपीजी सिलेंडर को ले जाने वाली पैन्ट्री कार्स भी शामिल हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों को रेलवेज एक्ट के उचित प्रावधानों के तहत बुक किया जा सकता है।

4 मासिव अवेयरनेस ड्राइव के बाद प्लेटफॉर्म, यार्ड, वाशिंग/सिक लाइन्स, स्टेबल्स कोचेज में नियमित तौर पर चेकिंग की जा सकती है ताकि चिंगारी भड़कने, अंगीठी पर खाना पकाने, ज्वलनशील मलबे के इकट्ठा होने आदि जैसे मामलों पर लगाम कसी जा सके। दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

5. पार्सल कार्यालयों/लीजहोल्डर्स के जरिए बुक होने वाले पार्सल्स की चेकिंग की जा सकती है ताकि ज्वलनशील और एक्सप्लोसिव पदार्थों की बुकिंग को रोका जा सके।

6. ट्रेनों में और प्लेटफॉर्म पर अंगीठी/स्टोव का इस्तेमाल करने वाले अधिकृत/अनाधिकृत वेंडर्स के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।साभार-नवभारत टाइम्स

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