पढ़िए नवभारत टाइम्स की ये खबर…
मार्च 2020 में ही पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुनने को मिला था, लॉकडाउन के बाद ट्रेनें, बसें, मॉल, बाजार, स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की ओपीडी बंद कर दी गई, केवल इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी गई, कंपनियां बंद होने के बाद नोएडा में ही लाखों लोग बेरोजगार हो गए। मजदूरों के सामने किराया देने तो दूर खाने के ही लाले पड़े गए। बेबसी ऐसी बनी कि पैदल ही घरों तरफ निकल लिए। सड़कों खाने के लिए कुछ न होने की वजह से बच्चे, महिलाएं के साथ नौजवान तक भी भूखे प्यासे तड़पते हुए दिखाई दिए।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के लोगों को आज भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 22 मार्च 2020 को देशभर में जनता कर्फ्यू लगा दिया गया। जिसके बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर गया और लोग घरों में कैद हो गए। जिंदगी थम सी गई। शहर से लेकर गांव की सड़कें भी वीरान हो गई थीं। दिल्ली-एनसीआर में कारोबार और कंपनी बंद होने के बाद मजदूरों पर दोहरी मार पड़ी थी। नोएडा में ही लाखों लोग बेरोजगार हो गए। उनके सामने मकान का किराया देना तो दूर खाने के भी लाले पड़ गए थे।
ये भी पढ़ें : सहारनपुर में दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बनाई, ब्लैकमेल कर मतांतरण कराया, मुकदमा दर्ज, दस आरोपितों की तलाश में पुलिस
लॉकडाउन में ट्रेनें और बसें बंद होने के बाद लाखों की संख्या में लोग पैदल ही अपने घर की तरफ निकल लिए। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आईआईए) के अध्य़क्ष विशारद गौतम ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में 20 हजार से ज्यादा छोटी और बड़ी कंपनियां हैं। जिनमें 6 लाख से ज्यादा मजदूर हैं। शहर में लाखों मजदूर दिहाड़ी पर काम करते है। लॉकडाउन की वजह से उनके पास खाने और रहने तक के पैसे नहीं रहे। अपनों से मिलने के लिए मजदूरों का हुजूम उमड़ पड़ा। उस दौरान महिलाएं, बच्चों के अलावा नौजवान तक भी भूखे प्यासे अपने घर की तरफ निकल पड़े। अपने घर जा रहे मजदूरों पर पुलिस ने भी उस दौरान लाठियां तक भांजी थीं। बेबसी सड़कों पर खाने-पीने के लिए कुछ नहीं।
उड़ती रही थीं अफवाएं
नोएडा में पूर्वांचल यूपी के साथ बिहार और अन्य राज्यों के लाखों लोग रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान कई बार नोएडा दिल्ली बॉर्डर, कौशांबी-आनंद विहार, गाजीपुर बॉर्डर से बस चलने की अफवा फैली। बॉर्डर पर नोएडा के अलावा दिल्ली, हरियाणा से भी लाखों लोग पहुंच गए। इन्हें संभालने के लिए पुलिस को लाठियां तक भांजनी पड़ी थी। साथ ही नोएडा में स्कूल, कॉलेज और अन्य सरकारी बिल्डिंगों में रैन बसेरे बनाए गए। जहां अपने घर जा रहे लोगों को रखा गया। हालांकि, मजदूरों की भीड़ को देखते हुए सरकार ने बसें तक भी चलाई थीं।
कोरोना का दंश अब भी है
आईआईए के अध्यक्ष विशारद गौतम का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से अभी तक भी कंपनियां घाटे में चल रही हैं। हालांकि, मजदूर लौटने लगे हैं। लेकिन अभी भी ट्रॉसपोर्ट की सुविधा न होने की वजह से रॉ मैटेरियाल लाने के लिए भी भार अधिक पड़ रहा है। वहीं, नौकरी करने वालों को भी अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही है।साभार-नवभारत टाइम्स
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post