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किशोरी ने बताया कि बिजेंद्र उसको फुसलाकर अपने साथ ट्रेन में बैठाकर उसे पंजाब ले जाया गया जहां पर उसके साथ एक साल तक दुष्कर्म किया गया। इस दौरान वह लगातार राहत की गुहार लगाती रही लेकिन दोषी का दिल नहीं पसीजा।
गाजियाबाद । दिल्ली से सटे गाजियाबाद में किशोरी से दुष्कर्म मामले में सात बच्चों के पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, मुरादनगर की एक किशोरी से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) महेंद्र श्रीवास्तव की कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
उम्रकैद की सजा के साथ ही दोषी पर 1.50 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें से 50 फीसद धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
विशेष लोक अभियोजन उत्कर्ष वत्स ने बताया कि मोदीनगर निवासी महिला ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर बताया था कि उसकी बेटी को 21 सितंबर 2012 को बहला फुसलाकर ले जाया गया और 21 दिन बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। आयोग के निर्देश पर इस मामले में पुलिस ने 23 अक्टूबर 2012 को रिपोर्ट दर्ज की और 2014 में किशोरी को बरामद कर अभियुक्त बिजेंद्र को जेल भेजा। तफ्तीश में पता चला कि मूलरूप से बिहार के गोपालगंज का रहने वाला बिजेंद्र शादीशुदा है और उसके सात बच्चे हैं।
इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) महेंद्र श्रीवास्तव की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। किशोरी ने बताया कि बिजेंद्र उसको फुसलाकर अपने साथ ट्रेन में बैठाकर उसे पंजाब ले जाया गया, जहां पर उसके साथ एक साल तक दुष्कर्म किया गया। इस दौरान वह लगातार राहत की गुहार लगाती रही, लेकिन दोषी का दिल नहीं पसीजा। यह अपनी तरह का अलग मामला है, जिसमें एक किशोरी के साथ इस तरह की दरिंदगी की गई। साभार दैनिक जागरण
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