New Delhi: ड्रोन (Drone) उड़ाने वालों के लिए बुरी खबर है क्योंकि अब ड्रोन उड़ाने पर आपको जेल भी हो सकती है. मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर बिना अनुमति के कोई ड्रोन उड़ाता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. अब ड्रोन उड़ाने से पहले आपको भारत सरकार (Government of India) से अनुमति लेनी होगी.
सरकार ने कुछ दिशा निर्देश (Instructions) जारी किए हैं इन नियमों के अनुसार ही अब ड्रोन उड़ाया जा सकेगा। नए नियम के तहत अब ऐसे ड्रोन जिनका वजन ढाई सौ ग्राम से ज्यादा है उसे केवल रिमोट पायलट के द्वारा ही उड़ाया जा सकेगा. लेकिन इसके लिए पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एवीएशन (DGCA) से अनुमति लेनी होगी.
आपको बता दे कि ड्रोन को लेकर भारत में यह नियम शुक्रवार से लागू कर दिए गए हैं. इन नए नियमों को अंतिम रूप देने के लिए बीते 10 माह से सुझाव लिए जा रहे थे. जिसको अब अंतिम रूप दे दिया गया है. हालांकि अभी भी ड्राेन का इस्तेमाल सामान लाने ले जाने के लिए भारत में नहीं हाेगा. मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 के तहत ड्राेन के इस्तेमाल काे लेकर व्यक्तिगत, व्यवसाय के साथ रिसर्च, टेस्टिंग, प्राेडक्शन और इसके इम्पाेर्ट काे लेकर निर्देश जारी किए गए है.
नए नियमाें के तहत ऐसे किसी भी ड्राेन जाे नैनाे कैटेगिरी में भी हाे यदि उसका वजन 250 ग्राम से है या कम भी है तब भी परमिशन लेनी हाेगी. हालांकि नैनाे ड्राेन की अधिकतम गति 15 मीटर प्रति सेंकड उड़ान के समय या फिर इससे ज्यादा गति जिसमें 100 मीटर प्रति सेंकड हाे जिसे रिमाेट पायलेट से उड़ाना हाेगा काे अगली कैटेगिरी में रखा गया है.
माइक्राे ड्राेन्स काे टेक ऑफ से पहले परमिशन लेनी हाेगी. माइक्राे ड्राेन काे सामान्य रूप से 250 ग्राम से अधिक वजन वाले या दाे किलाेग्राम से कम के बराबर वर्गीकृत किया गया है. इसके साथ ही ड्राेन का अनाधिकृत आयात, खरीदना, बेचना, लीज पर देना मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 के तहत दंडनीय हाेगा और साथ ही इसके लिए हर्जाना भी चुकाना हाेगा. इसके साथ ही जाे व्यक्ति ड्राेन उड़ा रहा है उसने रिमाेट पायलेट का लाइसेंस नहीं लिया है ताे यह भी अपराध की श्रेणी में आएगा.
नए नियमाें के तहत ड्राेन का इस्तेमाल सामान की डिलेवरी के लिए नहीं किया जा सकता, इसका इस्तेमाल सर्वे के लिए, फाेटाेग्राफी के लिए, सुरक्षा और विभिन्न जानकारी एकत्र करने के लिए ही किया जा सकेगा.
ड्राेन काे लेकर नए नियम उस वक्त जारी हुए है जब काेराेना वायरस और पेंडमिक ने तकनीक के इस्तेमाल से ह्यूमन इंटरफेयरेंस कम करने की दिशा में काम करने काे प्रेरित किया. ड्रोन डेटा संग्रह के लिए कम लागत, सुरक्षित और त्वरित हवाई सर्वेक्षण प्रदान करते हैं और बिजली, खनन, रियल्टी और तेल और गैस की खोज जैसे उद्योगों के लिए उपयोगी हैं.साभार-आँखोंदेखी लाइव
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