डा. फारूक ने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्री काल में केंद्र ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज के नाम पर 80 हजार करोड़ का एलान किया था लेकिन महबूबा मुफ्ती दावा करती है कि 10 हजार करोड़ जम्मू कश्मीर को दिए।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर में भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए संकल्प क्या ले लिया, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) बेचैन हो गई। यह बेचैनी नेकां अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला में सोमवार को साफ दिखी। बोले- मैं देखता हूं कि यह कैसे हुकूमत बनाएंगे?
दरअसल, यह बेचैनी इसलिए भी है क्योंकि ढाई माह पहले ही जम्मू कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद के चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसमें नेकां उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नेशनल काफ्रेंस ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में महिला इकाई का सम्मेलन बुलाया था। इसी कार्यक्रम में भाजपा पर निशाना साधते हुए फारूक ने कहा कि वह कहते हैं कि यहा अगली सरकार बनाएंगे। मैं देखूंगा कि कैसे बनाएंगे? क्या वह आसमान से आकर बनाएंगे? हम यहा खड़े हैं, हमें कैसे हटाएंगे?
कटड़ा में रविवार को संपन्न हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने पर अकेले दम पर सरकार बनाने का संकल्प लिया गया है। फारूक ने कहा कि नेकां जम्मू कश्मीर के अवाम की जमात है, तवारीख गवाह है कि नेका ने जम्मू कश्मीर की बेहतरी के लिए, अवाम के हक के लिए, जम्हूरियत की बहाली के लिए हमेशा कुर्बानिया दी हैं। भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सिर्फ चुनाव जीतने के लिए लोगों के बीच मजहब की बुनियाद पर नफरत पैदा कर रही है।
चुनावों के समय हमें पाकिस्तानी कहा जाता है और चुनाव के बाद हिंदुस्तानी। चुनावों क समय ये लोग भूल जाते हैं कि हम लोगों ने पूरी जिंदगी हिंदुस्तान का झडा बुलंद रखने में लगाई है। हमने कभी आतंकियों के आगे घुटने नहीं टेके। भाजपा का नाम लिए बगैर फारूक ने कहा कि कल कुछ लोग हर हर महादेव का नारा लगाते हुए आएंगे और आप लोग बिना सोचे विचारे, बिना उनके मकसद को समझे उनके लिए वोट देने निकल पड़ेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को नफरत और मजहब की सियासत से दूर रहने की सलाह दी। कहा कि कोई भी मजहब बुरा नहीं होता, सिर्फ इंसान ही बुरा होता है। नेका कार्यकर्ताओं को आम लोगों विशेषकर महिलाओं के उत्थान के लिए काम करें। हमें यह सोचना चाहिए कि जम्मू कश्मीर को कैसे खुशहाल बना सकते हैं? इसलिए कार्यकर्ता आम लोगों के बीच जाएं और उनसे बात करें।
महंगाई, किसानों के मुद्दे पर भी केंद्र को घेरा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने का हवाला देते हुए कहा कि हमने पहले भी चेतावनी दी थी, लेकिन उस समय हमारी बात पर किसी ने यकीन नहीं किया था। यह तो बस शुरुआत है, आप जल्द ही देखोगे कि आगे क्या बड़ी तबाही होने वाली है। किसान सड़कों पर हैं, महंगाई बेलगाम हो चुकी है, बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने (भाजपा व केंद्र सरकार) ने यहा हर चीज तबाह कर दी है। ममता का चुनाव प्रचार नहीं करेंगे डा फारुक अब्दुल्ला फारूक ने कहा कि वह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे हैं।
मेरे पास इसके लिए समय नहीं है। रो¨हग्याओं पर यह बोले फारूक रोहिंग्या शरणाíथयों के खिलाफ कार्रवाई पर फारूक ने कहा कि हम सभी को म्यामार के हालात पता हैं। भारत ने शरणार्थियों के संदर्भ में यूएन चार्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। हमें इंसानियत के नाते इस समझौते का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की अनुमति के बिना कोई बाहरी आदमी हमारे मुल्क में नहीं आ सकता। कोई भी आदमी सरकार की मर्जी बिना यहा नहीं बस सकता। संसद में महिला आरक्षण बिल पास करने में देरी क्यों नेशनल काफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने महिला दिवस पर भाजपा पर निशाना साधा।
उन्होंने संसद में महिला आरक्षण बिल पास कराने में बिलंब के लिए भाजपा को आडे़ हाथ लिया। पूर्ण बहुमत के बावजूद कौन सी मजबूरी भाजपा को महिला आरक्षण सुनिश्चित बनाने से रोक रही है। सोमवार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में नेका मुख्यालय में महिला इकाई के सम्मेलन में डा. फारूक संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संसद में महिलाओं के राजनीतिक आरक्षण संबंधी बिल का पास करा हम देश की महिलाओं की, मा-बहनों की सबसे बड़ी सेवा कर सकते हैं। पुरुष सिर्फ महिलाओं को ताकतवर बनाने की बात करते हैं, लेकिन दिल से ऐसा नहीं चाहते। डा. फारूक ने कहा कि भाजपा के पास संसद में पूर्ण बहुमत है। उसने कृषि कानून और अनुच्छेद 370 संबंधी कानूनों को पारित किया।
आम लोग इन कानूनों के हक में नहीं थे। राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने पर भी बरसे जम्मू में एक समारोह में पत्रकारों से डा. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए भाजपा को कोसा। जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ जो वादे किए थे, वह सब मिट्टी में मिल गए हैं। यह सुबह आज तक नहीं हुई है, हमें जिस तरक्की का यकीन दिलाया था, वह कहा है? 50 हजार नौकरियों का जो वादा किया था, वह कहा गया? महंगाई और बेरोजगारी ने जम्मू कश्मीर के लोगों की कमर तोड़ दी है।
डा. फारूक ने कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्री काल में केंद्र ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज के नाम पर 80 हजार करोड़ का एलान किया था, लेकिन महबूबा मुफ्ती दावा करती है कि 10 हजार करोड़ जम्मू कश्मीर को दिए। अब केंद्र 28 हजार करोड़ का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर बदलाव नहीं नजर आता। सड़कें टूटी हैं, पेयजल संकट हर जगह है, लोगों को बिजली नहीं मिल रही है। उन्होंने कोरोना वैक्सीन को अन्य मुल्कों को प्रदान करने पर एतराज जताया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता में पहले देशवासियों के लिए टीका होना चाहिए, लेकिन वह दूसरे मुल्कों में इसे भेज रही है। आज हरेक की जिम्मेदारी बनती है कि वह बिल पास कराने में जिम्मेदारी निभाए।साभार-दैनिक जागरण
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