विनोद बंसल ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के बयान पर कहा कि हिंदुत्व को कोसने के बजाए उन्हें कोसिए जिन्होंने मुस्लिम बेटियों को खतना हलाला व मुताह जैसी पाशविक और अमानवीय बेड़ियों में जकड़ रखा है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी निंदा की है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मुसलमानों को खलनायक बनाने वाले हिंदुत्व समूह नहीं बल्कि जिहादी कट्टरपंथी ही हैं। यदि मुसलमानों को बहुविवाह और जनसंख्या नियंत्रण से परहेज नहीं है तो उनके विरुद्ध कानून बनाने से कौन भाग रहा है। मुस्लिम बहनों को हलाला से मुक्ति तथा समान नागरिक संहिता का विरोध कौन कर रहा है। बता दें कि एसवाई कुरैशी ने कहा था कि हिंदुत्व समूहों द्वारा मुसलमानों की छवि खराब की जा रही है और मुसलमानों को खलनायक के तौर पर दिखाया जा रहा है।
विनोद बंसल ने कहा कि हिंदुत्व को कोसने के बजाए उन्हें कोसिए जिन्होंने मुस्लिम बेटियों को खतना, हलाला व मुताह जैसी पाशविक और अमानवीय बेड़ियों में जकड़ रखा है। विनोद बंसल ने कुरैशी से सवाल पूछते हुए कहा कि भारत में जिहादियों, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को पनाह देने वाले तथा जुम्मे के नमाज के दिन मस्जिदों से निकलकर हिंसा करने वाले कौन हैं। मस्जिदों व मदरसों में आतंकियों को पनाह देने वाले कौन हैं। उन्होंने कहा कि पत्थरबाज, आतंकवादी और देशद्रोह जैसे कार्य करने वाले अधिकतर यही लोग क्यों होते हैं। भारत में ही नहीं, भारत के बाहर भी यही स्थिति है। मुसलमानों को जिन दलों ने वोट बैंक समझने का काम किया, उनसे इन्हें पूछना चाहिए कि ऐसा क्यों किया।
सत्ता में मुसलमान तो हमेशा से रहे हैं
बंसल ने कहा कि कुरैशी का यह कहना कि मुसलमानों की सत्ता में भागीदारी कम है, गलत है। आजाद भारत में देश के पहले शिक्षामंत्री मुस्लिम थे। देश के राष्ट्रपति, कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, उपराष्ट्रपति सहित हर क्षेत्र में मुसलमान महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और अभी हैं। उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल किया कि यह बताने का कष्ट करेंगे कि जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्व के राज्यों में कोई हिंदू मुख्यमंत्री क्यों नहीं बना। जिस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता बहुसंख्यक हैं, वहां से कोई हिंदू क्यों नहीं जीत ता है।
कहा कि आप जैसे लोग संवैधानिक पदों पर रहते हुए चुप रहते हैं और पद से हटते ही कुरान, शरीयत और 1400 साल पूर्व की बात याद आने लगती है तथा वर्तमान की बात भूल जाते हैं। मुस्लिम बहनों को जो कष्ट भुगतना पड़ रहा है, उसके खिलाफ आवाज उठाने का काम नहीं करेंगे। इनके पक्ष में आवाज उठाने का काम भी कर रहे हैं तो हिंदू समूह ही। उल्लेखनीय है कि एसवाई कुरैशी जुलाई 2010 से जून 2012 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे। साभार-दैनिक जागरण
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