यूपी में हाथरस के नौजरपुर गांव में अंबरीश शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा दिया था।
हाथरस के नौजरपुर गांव में अंबरीश शर्मा के घर अब सांत्वना देने वालों की भीड़ धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उनकी हत्या के बाद आए रिश्तेदार लौटने लगे हैं। बदहवास मां को संभालती बेटी बात करने पर रो पड़ती हैं। कहती है कि ‘मेरे पास जिंदगी में आगे बढ़ने के सभी मौके थे। लेकिन, छेड़छाड़ के डर की वजह से पहले मेरी पढ़ाई छूटी और अब पापा की हत्या हो गई।’
उत्तर प्रदेश के हाथरस के नौजरपुर गांव में एक मार्च को अंबरीश शर्मा की हत्या कर दी गई थी। 2018 में बेटी के साथ छेड़छाड़ करने पर अंबरीश ने गौरव शर्मा नाम के युवक के खिलाफ केस दर्ज कराया था। गौरव, अंबरीश पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहा था। बात न मानने पर गौरव ने उनकी हत्या कर दी।
नौजरपुर में हुई अंबरीश की हत्या कानून व्यवस्था पर सवाल है। इस पूरे मामले से यह भी समझा जा सकता है कि कैसे छेड़छाड़ की एक घटना किसी लड़की की पूरी जिंदगी पर असर डालती है। बमुश्किल अपने आंसुओं को रोकते हुए अंबरीश की बेटी बताती हैं कि ‘मैंने 2017 में BSc लास्ट इयर की परीक्षा पास की थी। 2018 में मेरे साथ छेड़छाड़ की घटना हुई। इसके बाद पापा डर गए। मेरी पढ़ाई भी रुक गई।’
थोड़ा संभलने के बाद उन्होंने बताया कि , ‘फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स से BSc करने के बाद मैं टीचर बनना चाहती थी। पापा पूरी मदद कर रहे थे। पैसे-रुपये किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। लेकिन, छेड़छाड़ की घटना होने के बाद उन्हें हमेशा लगता था कि मेरे साथ कुछ हो न जाए। मैं भी कुछ न कर सकी। वक्त बीतता गया लेकिन मैं इसमें फंसी रह गई।’
उनके पिता अंबरीश के केस दर्ज कराने से पहले भी गौरव शर्मा ने कई बार उनसे छेड़खानी की थी, लेकिन उन्होंने सामाजिक डर की वजह से किसी से कुछ नहीं कहा। जुलाई 2018 के एक दिन गौरव ने हद कर दी। उसने घर में घुसकर हमला किया। इसके बाद पापा ने केस दर्ज कराया। उन्होंने बेटी के सम्मान से समझौता नहीं किया। इसकी कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
पीड़ित परिवार और गांव के कई लोगों से बात करने पर पता चलता है कि गौरव शर्मा ने अंबरीश की बेटी से शादी का प्रस्ताव रखा था। लेकिन, अंबरीश इसके लिए तैयार नहीं थे। उनकी भाभी कहती हैं, ‘उसने हमारी बेटी से भी शादी की बात चलाई थी, लेकिन हमने मना कर दिया। हम अपने परिवार की बेटी ऐसे बिगड़े हुए लड़के को कैसे देते?’ शादी से इनकार के बाद गौरव ने उसे और उसके पिता को हर तरीके से परेशान करना शुरू कर दिया।
गौरव का परिवार मूल रूप से बहराइच का है। 90 के दशक में उसके पिता पहले उनके गांव में रहने आए थे। वो कई साल तक नौजरपुर रहे, बाद में उनकी सरकारी नौकरी लग गई तो चले गए। गौरव गांव में अपनी मौसी के यहां आता था और महीनों रहता था।
नौजरपुर गांव के लोग दबी जबान में बताते हैं कि गौरव शर्मा दबंग और राजनीतिक रसूख रखने वाला है। नौजरपुर के आसपास के लोग उसे रुद्राक्ष पंडित कहते हैं। शादी से मना करने और फिर मुकदमा दर्ज कराने के बाद गौरव अंबरीश के परिवार को लगातार तंग कर रहा था।
अंबरीश की बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। छोटी बेटी ने बताया कि अब घर में सिर्फ मैं और मम्मी हैं, हमारा अब कोई नहीं है। कोई कितने दिन हमारे साथ रहेगा। सबसे बड़ा सवाल अब हमारी सुरक्षा का है। पुलिस अभी गौरव को पकड़ नहीं सकी है। पकड़ भी लिया तो वो फिर जमानत पर छूट जाएगा। तब हमें कौन बचाएगा?’
इस सवाल के बहाने हम उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के आंकड़ों पर भी एक नजर डाल लेते हैं। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 4,05,861 मामले दर्ज हुए। इनमें से 15% यानी 59,853 मुकदमे सिर्फ उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए थे। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ रोजाना औसतन 164 अपराध हुए।
पिछले साल सितंबर में हाथरस में ही हुए जघन्य गैंगरेप के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की बात कहते हैं, लेकिन अपराधियों के हौसले देखकर ऐसा लगता नहीं है।
चलते-चलते हम पीड़िता से पूछते हैं कि अब आगे क्या करेंगी? वह जवाब देती हैं कि ‘डर के चलते मेरी पढ़ाई छूटी। अब मैं आगे की पढ़ाई करूंगी। मुझे टीचर बन पापा का सपना पूरा करना है।’साभार-दैनिक भास्कर
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