कुछ दिनों पहले ही मेरठ की मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम का ट्रांसफर हुआ। जिसके बाद मेरठ में मंडलायुक्त के पद पर 2005 बैच के आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह को तैनात किया गया है। देर रात सर्किट हाउस पहुंचे सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार की सुबह चार्ज ले लिया। चार्ज लेने के तत्काल बाद सुरेंद्र सिंह ने मेरठ कमिश्नरी के रिकॉर्ड रूम सहित अन्य कई विभागों का निरीक्षण किया।
मेरठ कृषि कानून के विरोध में देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। ‘जाटों’ का गढ़ माने जाने वाले वेस्ट यूपी से उठी बगावत की चिंगारी इस आंदोलन को और भड़का रही है। ऐसे हालात में शासन ने एकाएक मेरठ मंडल का चार्ज किसान परिवार के बेटे और 2005 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह के हाथ में दिया है।
शुक्रवार को कमिश्नरी पहुंचे सुरेंद्र सिंह ने कमिश्नर का चार्ज लिया। इसी के साथ कार्यालय का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। सुरेंद्र सिंह को मेरठ मंडलायुक्त का चार्ज देने के पीछे वेस्ट यूपी में भड़क रही किसान आंदोलन की चिंगारी को भी कारण माना जा रहा है।
चार्ज लेते ही व्यवस्था सुधारने के दिए निर्देश
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही मेरठ की मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम का ट्रांसफर हुआ। जिसके बाद मेरठ में मंडलायुक्त के पद पर 2005 बैच के आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह को तैनात किया गया है। देर रात सर्किट हाउस पहुंचे सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार की सुबह चार्ज ले लिया। चार्ज लेने के तत्काल बाद सुरेंद्र सिंह ने मेरठ कमिश्नरी के रिकॉर्ड रूम सहित अन्य कई विभागों का निरीक्षण किया। इसी के साथ संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए।
किसान के बेटे हैं सुरेंद्र सिंह
मूल रूप से मथुरा के सैदपुर गांव के निवासी सुरेंद्र सिंह एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार के बेटे हैं। ‘जाट’ बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले सुरेंद्र सिंह की जाटों में अच्छी पैठ मानी जाती है। वहीं, इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश कि जाट लॉबी कृषि कानून को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ बगावत पर उतारू है। ऐसे में सुरेंद्र सिंह की मेरठ मंडल में तैनाती को कृषि आंदोलन से जोड़कर भी देखा जा रहा है, क्योंकि मंडल के नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ और बागपत जिले में जाटों का एक बड़ा समूह किसान आंदोलन में ‘मोर्चा’ संभाले हुए है। लिहाजा ऐसे में सुरेंद्र सिंह को किसानों और सरकार के बीच की ‘खाई’ को पाटने का जरिया भी माना जा रहा है।
जिला पंचायत चुनाव पर भी नजर
खास बात यह है कि आने वाले दिनों में जिला पंचायत चुनाव सिर पर हैं। ग्रामीण इलाकों में होने वाले यह चुनाव किसान आंदोलन के चलते बीजेपी प्रत्याशियों पर भी खासा असर डाल सकते हैं। ऐसे में सुरेंद्र सिंह को मेरठ में कमिश्नर के पद पर भेजा जाना किसान आंदोलन से जोड़कर भी देखा जा रहा है, क्योंकि सुरेंद्र सिंह को चुनाव का एक्सपर्ट माना जाता है।
2012 विधानसभा चुनाव के बीच फिरोजाबाद में तैनाती के दौरान निर्वाचन आयोग सुरेंद्र सिंह को ‘बेस्ट इलेक्शन प्रैक्टिस’ अवार्ड से भी सम्मानित कर चुका है। लिहाजा ऐसे में ‘जाट लॉबी’ में अपनी अच्छी पकड़ और चुनाव के एक्सपर्ट सुरेंद्र सिंह मंडल में जिला पंचायत चुनाव के दौरान भी बीजेपी के ‘खेवनहार’ साबित हो सकते हैं। बहरहाल मीडिया से हुई संक्षिप्त बातचीत में नवागत कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने फिलहाल शासन की नीतियों को मंडल में प्रमुखता से लागू कराने का दावा किया है।
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