गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार से ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) सिस्टम के जरिये टोल वसूली का ड्राइ रन शुरू हो रहा है। निजामुददीन से यूपी गेट तक के हिस्से में आने-जाने वाले वाहनों से इस सिस्टम के जरिये टोल काटने की जांच की जाएगी। खास बात यह है कि टोल वसूली की पूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी, लेकिन एसएमएस जीरो कटौती का ही पहुंचेगा।

इस ड्राइ रन के जरिये यह भी पता लगाया जाएगा कि वर्तमान में कितने वाहनों में फास्टटैग लग गया है। दरअसल, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर देश का पहला ऑटोमैटिक टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। पहली बार नंबर प्लेट को स्कैन करने पर टोल टैक्स लिया जाएगा। यह टोल प्लाजा ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर(एएनपीआर) सिस्टम पर आधारित होगा। इसके तहत फास्टटैग के साथ ही नंबर प्लेट से टोल लिए जाने का प्रावधान होगा।

पहला टोल प्लाजा होगा जो सिर्फ कैमरों और कंप्यूटरों द्वारा संचालित होगा। शुरू में कुछ स्टाफ पोस्ट होगा लेकिन सामान्य रूप से संचालित होते ही सभी को हटा दिया जाएगा। मार्शल एवं बेरियर भी हटा दिए जाएंगे। इस टोल प्लाजा पर बनाए जा रहे कंट्रोल रूम को ईस्टर्न-पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर बनाए गए मास्टर कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया जाएगा।

नंबर प्लेट को आगे-पीछे ही नहीं साइड से भी तीन सौ से पांच सौ मीटर दूर से ही कैमरे कैच कर लेंगे। निर्बाध वाहनों को चलाने के लिए चौदह लेन का टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। एनएच-24 पर एकेजी इंजीनियरिग कॉलेज एवं वेदांता फार्म हाउस के सामने बनाये जा रहे टोल प्लाजा एवं कंट्रोल रूम को सुरक्षा के लिए चार जिलों की पुलिस से कनैक्ट किया जाएगा।साभार-दैनिक जागरण

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