इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिना कोर्ट की अनुमति के जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन पर रोक लगाई दी है। यह आदेश गुरुवार को चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की पीठ ने अवध बार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर पारित किया।
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिना कोर्ट की अनुमति के जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन पर रोक लगाई दी है। यह आदेश गुरुवार को चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की पीठ ने अवध बार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर पारित किया। मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने शिक्षा सेवा अधिकरण के गठन के बारे में भी ऐसा ही आदर्श तीन मार्च को पारित किया था कि बिना उसकी अनुमति के ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होगा।
जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन लखनऊ में किये जाने के संबंध में अवध बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में जीएसटी काउंसिल के 14 मार्च, 2020 के निर्णय को चुनौती दी गई है व मांग की गई है कि 21 फरवरी 2019 के प्रस्ताव पर अमल किया जाए। अवध बार की ओर से दलील दी गई है कि ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए हाई कोर्ट की प्रिंसिपल बेंच के लोकेशन का कोई महत्व नहीं है।
दरअसल, वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने जीएसटी की स्टेट बेंच लखनऊ में व एरिया बेंच की स्थापना प्रयागराज समेत 20 शहरों में किये जाने का अनुमोदन किया था। बाद में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी 31 मई, 2019 को पारित अपने आदेश में कहा था कि ऐसा कोई न्यायिक निर्णय नहीं है कि प्रिंसिपल बेंच वाले शहर में ही जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना की जाए। अवध बार की ओर से दलील दी गई कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहे मुकदमे के दबाव में पूर्व के प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल ने बदल दिया। साभार-दैनिक जागरण
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