साइबर सेल ने चोरी की कार ओएलएक्स पर बेचकर उसे दोबारा चुराने वाले बदमाश को मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। आरोपित कार को फिर से बेचने की तैयारी में था। पुलिस ने उससे चुराई गई वैगनआर कार बरामद कर कुछ साथियों की भी पहचान कर ली है।
गाजियाबाद। साइबर सेल ने चोरी की कार ओएलएक्स पर बेचकर उसे दोबारा चुराने वाले बदमाश को मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपित कार को फिर से बेचने की तैयारी में था। पुलिस ने उससे चुराई गई वैगनआर कार बरामद कर कुछ साथियों की भी पहचान कर ली है।
सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित अमरोहा के आमदपुर थानाक्षेत्र में देहरी गुर्जर गांव का रहने वाला प्रशांत त्यागी है। उसके एक अन्य साथी को भी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।
सीओ के मुताबिक बीते माह कविनगर थाने में मीडियाकर्मी अमन द्विवेदी ने कार चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित का कहना था कि उन्होंने ओएलएक्स के जरिये कार खरीदकर मिस्त्री को ठीक करने के लिए दी थी। वहीं से तुरंत चोरी कर ली गई। केस दर्ज कर पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो कार बेचने वाला यानी प्रशांत ही उसे लेकर जाता दिखा।
भाई को देख शुरू किया फर्जीवाड़ा
छानबीन कर आरोपित की पहचान करने के बाद मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे मंगलवार को दबोच लिया। इसके बाद पता चला कि कार उसकी नहीं बल्कि नोएडा निवासी ट्रांसपोर्टर निर्मल की है। प्रशांत पूर्व में निर्मल का ट्रक चलाता था।
प्रशांत का भाई मुनेंद्र फर्जी दस्तावेज तैयार कर चोरी के वाहनों को बेचने के आरोप में दो साल से जेल में बंद है। पुलिस पूछताछ में प्रशांत ने बताया कि लाकडाउन में नौकरी छूटने के बाद वह परेशान रहने लगा। इसीलिए भाई की तरह उसने भी फर्जीवाड़ा करने की ठान ली। आरोपित ने पूर्व मालिक निर्मल की कार एक माह पूर्व सेक्टर 12-22 से चुरा ली।
इस तरह किया फर्जीवाड़ा
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि आरोपित ने सड़क पर चल रही उसी रंग की दूसरी वैगनआर कार का रजिस्ट्रेशन नंबर चोरी की कार पर डाल लिया। परिवहन एप पर यही नंबर डालकर उक्त कार की पूरी जानकारी ले ली और अपने साथी की फोटो लगा फर्जी आधार कार्ड बना लिया। इसी तरह स्कैन कर असली आरसी पर भी यही नंबर डाल दिया। कार को उसकी असल कीमत से करीब आधे रेट में बेचने के लिए ओएलएक्स पर डाला।
अमन ने यहीं से एड देखकर दिए गए नंबर पर काल की। यह नंबर भी फर्जी आइडी देकर खरीदा गया था। अमन से 1.40 लाख रुपये में कार का सौदा किया। इसके बाद प्रशांत अपने अमन से मिला और साथी को कार का मालिक बताया। साथ ही कहा कि उसने इनसे यह कार खरीदी थी। इसका एक सेल लेटर भी दिखाया। अमन ने ऐप पर नंबर डालकर चेक किया और अपने नाम से सेल लेटर बनवाकर पैसे दे दिए।
साथ ही कहा, कार में कुछ कमियां हैं। इन्हें अभी ठीक करा देता हूं। मिस्त्री के पास जाकर अमन ने कार खड़ी कर दी। अमन के जाने के चंद मिनट बाद ही आरोपित दूसरी चाबी लगाकर कार चुरा ले गया।साभार-दैनिक जागरण
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