इंस्पेक्टर केके मिश्रा ने बताया कि बिछड़े बच्चों को ढूंढने के कार्य में कई चुनौतियां सामने आती हैं। लेकिन पुलिस चुनौतियों पर पार पाते हुए अंत में बच्चे का पता कर उसे स्वजन से मिलाकर ही दम लेती है। यह पूरा कार्य सामूहिक प्रयास का नतीजा होता है।
नई दिल्ली। खोई चीजों का फिर से मिलना मन को काफी सुकून देता है, लेकिन बात जब बिछड़े इंसानों के फिर से मिलने की हो तो यह खुशी कई सौ गुना बढ़ जाती है। दिल्ली पुलिस आपरेशन मिलाप के तहत आजकल यही कार्य कर रही है। परिवार से किसी कारणवश बिछड़े बच्चे जब स्वजन से मिलते हैं तो दोनों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान पुलिस के कार्य को पुण्य से भरा कार्य बना देती है। जनकपुरी मेट्रो थाना में कार्यरत कांस्टेबल मुकेशी उन परिवारों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं जिनके बच्चे किसी कारणवश परिवार से बिछड़ गए। 19 जनवरी से अभी तक मुकेशी परिवार से बिछड़े 14 बच्चों को ढूंढकर उनके स्वजन से मिलवा चुकी हैं।
इनमें से कुछ बच्चे अपने माता- पिता से रुठकर, कुछ बच्चे किसी के बहकावे में आकर तो कुछ बच्चे घर का पता भूल जाने के कारण परिवार से दूर हो गए। मुकेशी ने काफी जतनकर इन बच्चों का पता किया।
यह काम नहीं आसान
परिवार से बिछड़े बच्चों को ढूंढने का कार्य आसान नहीं है। खासकर ऐसे बच्चे जिनकी लोकेशन की सटीक जानकारी नहीं हो तो उन्हें ढूंढना भूसे के ढेर में सूई ढूंढने के जैसा काम है। लेकिन पीड़ित परिवार व पुलिसकर्मियों के बीच भरोसे की डोर व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मार्गदर्शन व उनका तर्जुबा इस कार्य को आसान बना देता है।
मुकेशी बताती हैं एक बार एक लड़की अपनी सहेली के साथ परिवार छाेड़कर चली गई। स्वजनों को केवल इतना पता था कि एक लड़की के पास मोबाइल है। तकनीकी छानबीन से लोकेशन से यह पता तो चलता था कि लड़की इस इलाके में सौ मीटर के दायरे में है। लेकिन घनी आबादी वाले इलाके में सौ मीटर के दायरे में कई मकान होते हैं। जब तक सभी मकानों में तलाशी की जाती तब तक लड़कियों की लोकेशन कहीं और पता चलती। अनुभव व प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण के आधार पर दोनों लड़कियों का पता चला। इसी तरह जिन मामलों में तकनीकी छानबीन से लोकेशन मिलने की उम्मीद नहीं होती है वहां परिवार के स्वजन के बारे में पता करके यह अनुमान लगाया जाता है कि बच्चे की बरामदगी की कहां कहां संभावना है।
सामूहिक प्रयास में कांस्टेबल मुकेशी का योगदान सराहनीय
जनकपुरी मेट्रो थाना प्रभारी प्रभारी इंस्पेक्टर केके मिश्रा ने बताया कि बिछड़े बच्चों को ढूंढने के कार्य में कई चुनौतियां सामने आती हैं। लेकिन पुलिस चुनौतियों पर पार पाते हुए अंत में बच्चे का पता कर उसे स्वजन से मिलाकर ही दम लेती है। यह पूरा कार्य सामूहिक प्रयास का नतीजा होता है। इस सामूहिक प्रयास में कांस्टेबल मुकेशी का योगदान सराहनीय है।साभार-दैनिक जागरण
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