गुजरात के राजकोट के रहने वाले लवजी अमेरिकन कॉर्न की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं।
गुजरात के राजकोट के रहने वाले लवजी सरकारी नौकरी में थे। वे गुजरात की परिवहन विभाग में बस में कंडक्टर थे। सैलरी बहुत कम थी, घर-परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। इसके बाद उन्होंने तय किया कि वे खुद का कोई काम शुरू करेंगे और नौकरी छोड़ गांव लौट आए। यहां आकर उन्होंने पहले टेक्सटाइल बिजनेस शुरू किया, लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने अमेरिकन कॉर्न की खेती करना शुरू किया। आज वे इससे सालाना 10 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
लवजी बताते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद मैंने सूरत में टेक्सटाइल का कारोबार शुरू किया। कुछ दिन काम ठीक-ठाक चला, लेकिन इसी बीच यहां बाढ़ आ गई और पूरे इलाके में पानी भर गया। दुकान में भी पानी जमा हो गया। इससे वहां रखे कपड़े और मशीनें खराब हो गईं। लवजी के लिए यह सबसे बड़ा सेटबैक था। इस नुकसान की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति चौपट हो गई। खाने के लिए सड़कों पर इधर से उधर भटकना पड़ता था और मकई (कॉर्न) खाकर वे गुजारा करते थे।
शुरुआत में सफलता नहीं मिली तो भी कोशिश जारी रखी
इसी दौरान उन्हें आइडिया आया कि जिस मकई को खाकर वे गुजारा कर रहे हैं, इसका ही अगर बिजनेस शुरू किया जाए तो अच्छी कमाई हो सकती है। इसके बाद उन्होंने अपने खेत में मकई उगाना शुरू कर दिया। लवजी कहते हैं कि पहले से हमारे पास थोड़ी सी जमीन थी, लेकिन हम उस पर पारंपरिक खेती करते थे। इसलिए ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा था। लवजी बताते हैं कि शुरुआत के तीन साल तक खास सफलता नहीं मिली, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और मकई की अलग-अलग वैराइटी की खेती करना शुरू कर दिया। उस समय सौराष्ट्र में अमेरिकन मकई का चलन नहीं था। अधिकतर लोग इसके बारे में जानते भी नहीं थे। इसके बाद मैंने अमेरिकन कॉर्न की खेती पर फोकस किया।
अब राजकोट में दो दुकानें हैं
लवजी खेत से अमेरिकन कॉर्न तोड़कर लाते थे और अपनी दुकान पर बेचा करते थे। धीरे-धीरे ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। अभी राजकोट में उनकी दो दुकानें हैं। वे कई तरह की वैराइटी के कॉर्न यहां बेचते हैं। साथ ही अब उन्होंने अमेरिकन कॉर्न का सूप भी बेचना शुरू किया है। यहां के युवाओं में इसकी अच्छी डिमांड है। सर्दियों के मौसम में और बारिश के दिनों में ज्यादातर लोग यहां सूप पीने के लिए आते हैं।
कैसे करें अमेरिकन कॉर्न की खेती
इसकी खेती के लिए किसी विशेष प्रकार की मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। लगभग हर जमीन पर इसकी खेती की जा सकती है। भारत के ज्यादातर हिस्सों में अक्टूबर-नवंबर में इसकी खेती शुरू की जाती है और तीन महीने बाद फसल तैयार हो जाती है। हालांकि अब कई लोग साल भर इसकी खेती कर रहे हैं। बुआई से पहले खेत को अच्छी तरह से जोत लेना चाहिए। उसके बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाकर समतल कर उसमें सूखा हुआ गोबर मिला देना चाहिए। इसकी बुआई 60 x 25 या 75 x 20 सेंटीमीटर दूरी रख कर करनी चाहिए। प्रति एकड़ दो से तीन किलो बीज की जरूरत होती है।
स्वीट कॉर्न के फायदे
अमेरिकन कॉर्न में विटामिन A, B और E भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें कई मिनरल्स भी पाए जाते हैं जो बेहतर हेल्थ के लिए जरूरी होते हैं। इसमें मौजूद फाइबर्स पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। आंखों की रोशनी के लिए भी यह फायदेमंद होता है।
चार से पांच गुना कमा सकते हैं मुनाफा
आजकल शहरों में इसकी अच्छी डिमांड है। होटल और रेस्टोरेंट वाले बड़े लेवल पर इसकी डिमांड करते हैं। मल्टीनेशनल कंपनियां भी इससे कई तरह के प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं। इसकी खेती एक साल में तीन से चार बार की जा सकती है। एक एकड़ जमीन में अमेरिकन कॉर्न की खेती के लिए 10 हजार रुपए की जरूरत होती है। तैयार होने के बाद चार से पांच गुना मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है।साभार-दैनिक भास्कर
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