आपको लोकपाल बिल से संबंधित अन्ना हजारे का आंदोलन याद होगा। एक बेहद से सामान्य से दिखने वाले बुजुर्ग ने जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करके पूरे राष्ट्र के जनसामान्य को अपने से जोड़ लिया था। कोई तोड़फोड़ नहीं, कोई उपद्रव नहीं, कोई रोड ब्लॉक नहीं, कोई बदतमीजी नहीं, कोई राष्ट्र का नुकसान नहीं, लेकिन एक आंदोलन ने देश के जनमानस को झकझोर कर रख दिया था और उस आंदोलन ने उस समय की सरकार कीचूलें हिला कर रख दी थी।
अगर आप आज के किसान आंदोलन की बात करें तो चाहे आपकी मांगे उचित हो चाहे अनुचित परंतु यह बात पक्की है कि रोड ब्लॉक से परेशान होने वाले हजारों लोग वैकल्पिक मार्गों से गुजरते समय अपशब्दों का प्रयोग किए बगैर नहीं रह पाते और यही शायद ऐसे आंदोलन की सबसे बड़ी विफलता है। क्या ऐसे आंदोलन के तथाकथित नेता अन्ना हजारे से कोई सबक लेंगे यदि नहीं तो आपकी मांगे पूरी हो या ना हो आप लाखों लोगों में अपने लिए नफरत अवश्य पैदा कर लेंगे।
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