केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने रेल रोको अभियान का ऐलान किया है। जिसके तहत गाजियाबाद के अलग-अलग हिस्सों से सूचनाएं मिल रही हैं। मुरादनगर रेलवे स्टेशन पर किसानों की भीड़ पहुंची और पटरियों पर लेट गई है। मुरादनगर में गंग नहर के पुल के पास किसानों ने रेल की पटरियों पर पत्थर रख दिए हैं। ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं। गाजियाबाद, साहिबाबाद और दूसरे स्टेशनों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। गाजियाबाद जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। एसपी सिटी, एसपी देहात नगर, मजिस्ट्रेट और एडीएम लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। रेलवे पुलिस फोर्स जिले में रेल की पटरी पर गश्त कर रही है।
गाजियाबाद स्टेशन बना छावनी –
किसान आंदोलन के समर्थन में कचहरी के अधिवक्ताओं ने हड़ताल की घोषणा कर दी है। वकीलों ने कहा कि आज कोर्ट में कार्य नहीं करेंगे। गुरुवार को वकील आंदोलन के समर्थन में कार्य से विरत रहेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बार एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पास किया है। दूसरी ओर किसानों के रेल रोको अभियान को देखते हुए सभी स्टेशनों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। थाना प्रभारी और क्षेत्र अधिकारियों को हालात संभालने की जिम्मेदारी दी है। गाजियाबाद शहर से गुजरने वाली ट्रेन की पटरी ऊपर रेलवे पुलिस फोर्स तैनात है आरपीएफ के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। गाजियाबाद शहर से 3 महत्वपूर्ण रेलवे लाइन गुजरती हैं। इनमें दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन सबसे महत्वपूर्ण है। इसके बाद गाजियाबाद-मेरठ रेलवे लाइन है। गाजियाबाद-हापुड़-बरेली रेलवे लाइन भी महत्वपूर्ण है।
साहिबाबाद स्टेशन पर सन्नाटा –
साहिबाबाद रेलवे स्टेशन दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। साहिबाबाद रेलवे स्टेशन पर पुलिस, पीएसी और आरपीएफ को तैनात किया गया है। गुरुवार को सुबह से ही इस रेलवे स्टेशन पर भारी फोर्स लगाया गया है। दरअसल, जिला प्रशासन को आशंका है कि गाजियाबाद के मुख्य रेलवे स्टेशन पर किसान नहीं पहुंच पाएंगे। ऐसे में साहिबाबाद रेलवे स्टेशन पर हंगामा हो सकता है। वैसे भी साहिबाबाद रेलवे स्टेशन शहर के लगभग बाहर और खुले स्थान पर है। जहां किसानों के लिए पहुंचना ज्यादा कठिन नहीं होगा। पुलिस, पीएसी और आरपीएफ लगातार गश्त कर रहे हैं। व्यवस्था का जायजा लेने रेलवे स्टेशन पर एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार सिंह पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर अभी तक किसानों के आने की कोई सूचना नहीं है।
नया गाजियाबाद स्टेशन पर फोर्स तैनात –
नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ-सहारनपुर रेल मार्ग का महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहां अभी पूरी तरह शांति है। दरअसल, इस स्टेशन पर शाम 6:00 बजे लोकल ट्रेन का स्टॉपेज है। इसलिए यात्रियों की संख्या बहुत कम है। हालात पर नजर रखने के लिए एक दर्जन पुलिसकर्मी अलग-अलग स्थानों पर बैठे हैं। सुबह से यहां कोई किसान नहीं आया है।
मोदीनगर में पटरी पर किसानों का कब्जा –
मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को दिन निकलते ही किसानों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था। दोपहर तक सैकड़ों की संख्या में किसान मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंच चुके थे। किसान पटरी पर बैठ गए। केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने यहीं पंचायत की। केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग किसान कर रहे हैं। किसानों ने फैसला लिया है कि नई दिल्ली से अंबाला की ओर जाने वाली अंबाला एक्सप्रेस करीब 2:15 बजे मोदीनगर स्टेशन पर पहुंचेगी। इस ट्रेन का मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर स्टॉपेज है। किसान इसी ट्रेन को रोकेंगे। हालात पर नजर रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
मुरादनगर में पटरियों पर लगाए पत्थर –
दूसरी ओर मुरादनगर से एक और बड़ी जानकारी आई है। वहां युवा किसानों के एक जत्थे ने गंग नहर पर रेल के पुल से आगे ट्रेन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया है। यहां किसानों ने पटरी पर पत्थर रखकर ट्रेन को रोकने का इंतजाम किया है। किसान ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं। गाजियाबाद के एसडीएम सदर डीपी सिंह, डीएसपी केएन पांडेय और थाना प्रभारी अमित कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को समझाकर वापस भेज दिया है। लगभग 2:00 बजे इंटरसिटी सुपरफास्ट ट्रेन को यहां से गुजरना था।
गढ़मुक्तेश्वर में पटरियों पर किसानों की पंचायत जारी –
गढ़मुक्तेश्वर रेलवे स्टेशन पर भी बड़ी संख्या में किसानों का जमावड़ा है। यहां भारतीय किसान यूनियन के नेता पटरियों पर कब्जा कर के बैठे हुए हैं। पिछले करीब 3 घंटों से पंचायत चल रही है। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार उन्हें बर्बाद करने की साजिश रच रही है। जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं किए जाएंगे, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने मौके पर मौजूद लोगों से आह्वान किया है कि किसी भी तरह की हिंसक कार्रवाई में भाग नहीं लें। आंदोलन को पूरी तरह अहिंसक और शांतिपूर्ण रूप से संचालित करना है। गढ़मुक्तेश्वर रेलवे स्टेशन पर पंचायत कर रहे किसान ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं।साभार- ट्रीसिटी टुडे
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