गाजियाबाद वेब सिटी के निर्माण में रोड़ा अटका रहे भू माफिया से पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के सवाल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि वेव सिटी, गाजियाबाद के अधूरे विकास कार्यों को पूरा करने के लिए कंपनी को पुलिस सहायता क्यों नहीं दी जा रही है। मामले की सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
याची कंपनी का कहना है कि वेब सिटी बन कर तैयार है, केवल दस प्रतिशत काम ही बचा है। मगर भू-माफिया व असामाजिक तत्वों के विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने के कारण काम में देरी हो रही है। कार्य को पूरा करने के लिए कंपनी को पुलिस सुरक्षा मुहैया नही कराई जा रही है। कोर्ट ने डीएम व एसएसपी की ओर से पेश रिपोर्ट को असंतोषजनक मानते हुए पूछा है कि क्या कारण है जिससे कंपनी को पुलिस सुरक्षा नहीं दी जा रही है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एनए मुनीस तथा न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने उप्पल चड्ढा हाई टेक डेवलपर प्रा लि कंपनी की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि प्रदेश सरकार की हाई टेक सिटी योजना के तहत गाजियाबाद में बन रही वेव सिटी के लिए अधिगृहीत जमीन पर विकास कार्य कंपनी व जीडीए द्वारा किया जाना है। कुछ अराजकतत्व इस कार्य मे व्यवधान डाल रहे हैं। जिला प्रशासन से सहायता मांगी गई है किंतु कोई सहायता नहीं मिल रही है।
वर्ष 2003 में राज्य सरकार ने निजी डेवलपर्स की भागीदारी से राज्य के प्रमुख शहरों से सटे क्षेत्र में हाई-टेक टाउनशिप विकसित करने की नीति तैयार की है। इस नीति के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने याची कंपनी का चयन किया और गाजियाबाद में हाई-टेक टाउनशिप के विकास के लिए, वेव सिटी, गाजियाबाद के नाम से करीब 4500 एकड़ जमीन की अधिगृहीत की। कोर्ट ने जिलाधिकारी व एसएसपी से रिपोर्ट मांगी थी। हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में ऐसा कोई उचित कारण नहीं बताया गया कि पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं दी जा सकती है। साभार-अमर उजाला
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