दिल्ली विकास प्राधिकरण 6,738 करोड़ रुपये से दिल्ली की बुनियादी सुविधाओं को विस्तार देगा। इसका बड़ा हिस्सा नरेला सब सिटी के विकास के साथ मेट्रो फेज-4 के नरेला-बवाना-रिठाला कॉरिडोर व शहरी विस्तार रोड-2 के निर्माण पर खर्च होगा।
वहीं, यमुना नदी की अविरलता की दिशा में काम करने की दिशा में भी इस साल डीडीए काम करेगा। बुधवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीए बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पारित कर दिया गया। इसमें 6,738 करोड़ रुपये से दिल्ली की सूरत संवारने की योजना है। इसके अलावा विभिन्न योजनाओं में बिक्री व अन्य माध्यम से प्राधिकरण करीब 6,749 करोड़ रुपये जुटाएगा।
डीडीए ने नरेला सब सिटी के विकास को बजट में प्राथमिकता के तौर पर रखा है। नरेला में लंबे समय से लंबित योजनाओं के विकास पर जोर है। यहां जमीन के विकास, सड़क, सीवरेज, जलापूर्ति, पावर लाइन और ड्रेनेज जैसी सुविधाओं पर डीडीए का जोर होगा।
नरेला के साथ रोहिणी व द्वारका के विकास की अधूरी पड़ी योजनाओं के लिए बजट में आवंटन किया गया है। सब सिटी के विकास पर डीडीए ने 2,326 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया है। दिलचस्प यह कि डीडीए ने सब-सिटी में सार्वजनिक परिवहन को मजबूती देने की दिशा में भी मजबूत कोशिश इस बजट से की है।
मेट्रो फेज-4 के लिए 400 करोड़ का प्रावधान
मेट्रो फेज-4 के नरेला-बवाना-रिठाला रूट के विकास के लिए डीडीए को एक हजार करोड़ रुपये देना है। बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। डीडीए यह रकम डीएमआरसी को अनुदान के तौर पर देगा। माना जा रहा है कि बेहतर कनेक्टिविटी होने से नरेला की बसावट सघन होगी और डीडीए के खाली पड़े फ्लैट खरीदने के लिए लोग आगे आएंगे।
शहरी विस्तार रोड-2 के लिए बजट में आवंटन
डीडीए ने सड़कों के विस्तार के लिए भी बजट में प्रावधान किया है। इसमें जोर शहरी विस्तार रोड-2 को पूरा करने पर है। वजीराबाद बाईपास से एनएच-2 को जोड़ने वाली इस सड़क का निर्माण एनएचएआई कर रहा है। इस सड़क से दिल्ली के बाहरी इलाकों की आवाजाही बेहतर होगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
डीडीए अधिकारियों का कहना है कि यूईआर-2 के तैयार होने के बाद द्वारका, रोहिणी, नरेला के उपनगरों तक सड़क मार्ग से पहुंचना आसान होगा। इस सड़क के मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ी होने से अंदर की सड़कों पर वाहनों की दबाव कम होगा। इससे लोग बगैर ट्रैफिक जाम में फंसे अपनी मंजिल तक जा सकेंगे।
डीडीए की योजना के अनुसार, यूईआर-2 रोहिणी के फेज-चार और पांच से मुंडका, बक्करवाला, दिचाउंकलां, नजफगढ़, छावला, द्वारका, एनएच-8, शिव विहार मूर्ति से एनच-2 पर बदरपुर तक जाएगी। इसकी लंबाई 79.12 किमी होगी। बजट के आवंटन से इसके निर्माण में तेजी आएगी। डीडीए का मानना है कि इसके तैयार होने से द्वारका, रोहिणी, नरेला के उपनगरों (सब सिटी) और प्रस्तावित भूमि पूलिंग क्षेत्रों की शेष दिल्ली और आसपास के राज्यों की कनैक्टिविटी काफी बढ़ जाएगी।
आवासीय योजनाओं पर होगा खर्च
आवासीय योजनाओं के लिए बजट में 1100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बनने वाली आवासीय इकाइयों का निर्माण पूरा होगा। डीडीए के 376 जे.जे. क्लस्टर में से कालकाजी एक्सटेंशन, जेलर वाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में 7500 ईडब्ल्यूएस आवासों का निर्माण कार्य दिसंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है। लगभग 7100 आवासों वाली स्लम पुनर्वास परियोनाओं के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आर एस पी) को मार्च, 2021 में जारी करने की संभावना है। बजट में सभी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वर्ष 2021-22 में 1,100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
तीन सामुदायिक केंद्रों का होगा कायाकल्प, बनेगी साइकिल लेन
इसके अलावा 46 करोड़ की लागत से तीन व्यावसायिक केंद्रों-नेहरू प्लेस, भीकाजी कामा प्लेस और बसंत लोक सामुदायिक केंद्र को कायाकल्प किया जाएगा। बसंत लोक सामुदायिक केंद्र के अपग्रेडेशन का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है।
इसके अलावा पैदल और साइकिल से चलने वालों के लिए बदरपुर से मालवीय नगर तक नीलगाय नामक समर्पित कॉरिडोर के साथ दिल्ली साइकिल वॉक के फेज-1 का कार्य में 28 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव है।
सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी खर्च
सांस्कृतिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए मदनगीर, द्वारका, रोहिणी और सीबीडी शाहदरा उत्सव पंडाल का निर्माण पर 13.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जबकि ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट कॉरिडोर परियोजना पर कड़कडड़ूमा और ईस्ट दिल्ली हब 500 करोड़ की खर्च प्रस्तावित है।
पर्यावरण बेहतर होगा .
भारत वंदना पार्क के विकास पर 280 करोड़ रुपये खर्च प्रस्तावित है। 80 हेक्टेयर में बन रहा है पार्क
41 जलाशयों को 40 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। बोरवेल पर 10 करोड़ खर्च करेंगे पार्कों के लिए। करीब 112.40 करोड़ रुपए से पार्कों की दशा सुधारेगें
बाढ़ क्षेत्र में विकास के लिए 105 करोड़ रुपए करेंगे खर्च
खेल पर करीब 410 करोड़ रुपए खर्च से होगा विकास,स्टेडियम व अन्य गोल्फ कोर्स बनेंगे
बजट के प्रमुख बिंदु
- 2041 मास्टर प्लान को तैयार करने का काम मार्च 2021 में पूरा करने की संभावना, करीब 17 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान रखा
- नरेला, रोहिणी और द्वारका में विकास परियोजनाओं पर दिया जोर। 2326 करोड़ की लागत से तीनों सब सिटी में
- भूमि के विकास और सड़कों, सीवरेज, जलापूर्ति, पावर लाइनों और ड्रेनेज जैसी भौतिक अवसंरचनाओं को विकसित किया जाएगा।
- मेट्रो फेज-4 परियोजनाओं के रिठाला-बवाना-नरेला कॉरिडोर के लिए चरणबद्ध रूप में 1000 करोड़ रुपये प्रदान किया जाएगा।
- द्वारका में पैदल चलने वालों के लिए 4 फुट ओवर ब्रिज (एफ ओ बी) के काम में लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित
- नरेला में फ्लाई ओवर एवं रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) 6 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य मार्च, 2021 तक पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा ख़ाली जमीन के विकास योजना की डी पी आर बनाई जा रही है।
- एयरपोर्ट के नाली के पानी निकासी की व्यवस्था के लिए 9 करोड़ रुपए खर्च होंगे
- छतरपुर से सार्क यूनिवर्सिटी तक 30 करोड़ रुपये से पहुंच सड़क का निर्माण
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