उत्तर प्रदेश/गाजियाबाद। अवैध संबंधों ने फिर एक इंसान की जान ले ली। शारीरिक शोषण से परेशान महिला ने पति संग वारदात को अंजाम दिया। मामला शहर के सेक्टर-23 स्थित संजय नगर का है। यहां से 4 जनवरी को लापता अधेड़ ज्ञानप्रकाश की हत्या हो गई है। हत्यारोपियों ने उधारी चुकाने से बचने के लिए हत्या के बाद शव के टुकड़े किए और फिर विजय नगर के पास नाले में बहा दिया। पुलिस ने सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस तीसरे आरोपी की तलाश कर रही है।
मधुबन बापूधाम कोतवाल अमित खारी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को सेक्टर-23 में रहने वाले कृष्णकांत ने अपने पिता ज्ञान प्रकाश की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। इसलिए उसी समय एसएसपी के निर्देश पर अपराध शाखा के इंस्पेक्टर संजय पांडेय के साथ उनकी टीम ने मामले की गहन जांच पड़ताल शुरू की। इसी दौरान पता चला कि ज्ञान प्रकाश के एटीएम से मोदीनगर में पैसे निकाले गए हैं।
इस जानकारी के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। इलेक्ट्रानिक और मैन्यूअल सर्विलांस का इस्तेमाल करते हुए दो आरोपियों गौसल्डी रोहतास बिहार के रहने वाले विनोद और उसकी पत्नी प्रीति को हापुड़ चुंगी के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी फिलहाल कैलाशपुरम गोविंदपुरम में किराए पर रह रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर ज्ञानप्रकाश की स्कूटी और वह बैग बरामद कर लिया है जिसमें शव रखकर बहाया गया था। शव भी सड़ी गली हालत में बैग में मिला है।
शारीरिक शोषण से थी परेशान
पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रीति ने बताया कि उसने दो साल पहले ज्ञान प्रकाश से 40 हजार रुपये और फिर नवंबर 2019 में एक लाख उधार लिया था। चूंकि वह पैसा वापस नहीं कर पा रही थी। ऐसे में ज्ञान प्रकाश उसका यौन शोषण करने लगे। इससे परेशान होकर उसने अपने पति विनोद के साथ मिलकर चार जनवरी को ज्ञान प्रकाश की हत्या कर दी। प्रीति ने बताया कि उसने ज्ञान प्रकाश को ताकत की दवा के साथ नींद की गोलियां मिला कर दूध पिला दिया और जैसे ही वह अचेत हुए, तकिए से उनका गला घोंट दिया। इसके बाद उनके शव के टुकड़े करने के बाद दो बैग में भर कर ऑटो से विजय के पास गंदे नाले में बहा दिया। इस कार्य में ऑटो चालक उमेश ने उसका साथ दिया था।
वारदात के बाद पांव थमें नहीं
प्रीति ने पूछताछ में बताया कि वारदात की अगली सुबह ही वह ज्ञानप्रकाश की स्कूटी से मेरठ के लिए निकल गए। वहां से लौटते समय ज्ञानप्रकाश के ही कार्ड से मोदीनगर स्थित एटीएम से तीस हजार और मुरादनगर स्थित एटीएम से 20 हजार रुपये निकाल लिए। फिर वापस आकर मोहन नगर से बस पकड़ कर देहरादून चले गए। फिर वहां से बिहार और अब वापस लौटे हैं।
पीछा करती रही पुलिस
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि आरोपियों के बारे में जैसे ही सुराग मिला, पुलिस टीमें उनकी लोकेशन निकालकर उत्तराखंड से बिहार दौड़ती रही। इसी बीच आरोपियों के हापुड़ चुंगी पर होने की सूचना मिला। इस सूचना के अधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर इन्हें दबोच लिया है। बाकी बचे आरोपी ऑटो चालक की तलाश कराई जा रही है।साभार- ट्रीसिटी टुडे
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