सांकेतिक तस्वीर
उत्तर प्रदेश/गाज़ियाबाद पुलिस भले ही चाक चौबन्द होने के कितने भी दावे कर रही हो मगर हकीकत यह है कि अपराध निरंतर बढ़ रहे हैं। झपटमारी, महिलाओं से छेड़छाड़ के साथ-साथ जिले के प्रमुख चौराहों पर ठक-ठक गैंग का आतंक चरम सीमा पर है। इसी के साथ आजकल युवा चोरों का एक ऐसा गिरोह भी सक्रिय है जो सभ्रांत लोगों और व्यापारियों पर बाकायदा रेकी करने के बाद हमले करता है। इस गिरोह के सदस्य अपने शिकार के आने-जाने के रास्ते को पहचाने के बाद किसी सुनसान जगह पर शिकार की गाड़ी को सुंये जैसे नुकीले हथियार से पंचर करते हैं और फिर मदद करने के बहाने गाड़ी में रखा कीमती सामान ले कर भाग जाते हैं।
उद्यमी बना महीने में 3 बार शिकार
राज नगर सेक्टर 13 में रहने वाले अनुपम गोयल को इस गिरोह ने एक महीने के अंतराल में तीन बार अपना शिकार बनाया। अनुपम ने बताया कि वे हर रोज अपने पुत्र और पत्नी के साथ साउथ साइड ऑफ जीटी रोड स्थित अपने ऑफिस में जाते हैं। पहली बार 12 जनवरी को शाम 5:30 बजे जब वे अपने ऑफिस से घर के लिए निकले तो 2 स्कूटी सवर युवा उनकी वॉल्वो गाड़ी का पीछा करने लगे। कुछ दूर पीछा करने के बाद युवाओं ने गाड़ी को ओवेरटेक कर ऐसे संकेत किए मानो अनुपम गोयल की गाड़ी में कुछ समस्या है। यह घटना लाल कुआं के पास की है। गोयल ने गाड़ी साइड में लगाकर चैक की तो उन्हें कोई समस्या नज़र नहीं आई।
लेकिन इतनी देर में अपराधियों ने अनुपम की गाड़ी की दूसरी ओर का दरवाजा खोला और उसमें रखा बैग लेकर भाग गए। इस बैग में एक एपल लैपटाप, एयर पॉड, 2 हार्ड डिस्क और कई कीमती दस्तावेज़ थे। अनुपम ने हल्ला मचा कर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की मगर तब तक लुटेरे काफी दूर भाग चुके थे। अनुपम ने उसी समय डायल 112 पर घटना की सूचना दी। इस मामले की जांच कर रहे एसआई मोहम्मद अकरम खान अगले दिन अनुपम से मिले और जल्द ही लुटेरों को पकड़ने का आश्वासन दिया।
दूसरी बार उसी स्थान पर 2 फरवरी की शाम को अनुपम गोयल की पत्नी और पुत्र के साथ भी ऐसा ही हादसा हुआ। इस बार 4 लुटेरों ने उनकी पत्नी की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया लेकिन पिछली घटना को ध्यान में रखते हुए अनुपम की पत्नी और पुत्र ने गाड़ी नहीं रोकी। लुटेरे युवक दो अलग-अलग स्कूटियों पर सवार थे और राजनगर स्थित इंग्राहम स्कूल तक उनका पीछा करते रहे।
तीसरी बार 5 फरवरी को खुद अनुपम ही इस गिरोह का दोबारा शिकार बन गए। इस बार एबीईएस कॉलेज के सामने उन्हीं चारों युवकों ने अनुपम की गाड़ी का पीछा किया। इन लुटेरों के दो साथी पहले से ही न्यू एरा स्कूल के पास घात लगाए बैठे थे। अनुपम के अनुसार ब्रिज पर ट्रैफिक होने के कारण गाड़ी धीमी रफ्तार से चल रही थी। इसका फायदा उठा कर स्कूल के पास खड़े लुटेरों ने धारदार हथियार से उनकी फोर्च्यूनर गाड़ी पंचर कर दी। इसके बाद 2 स्कूटियों पर सवार 4 लुटेरे लगातार अनुपम को गाड़ी रोकने का इशारा करते रहे मगर इस बार अनुपम ने गाड़ी नहीं रोकी और पंचर वाले टायर के साथ ही जैसे-तैसे घर पर पहुंचे। इस बार भी लुटेरों ने इंग्राहम स्कूल तक उनका पीछा किया और उसके बाद भाग खड़े हुए।
स्कूटी का नंबर देने के बावजूद पुलिस की चुप्पी
9 फरवरी को एसएसपी के नाम लिखे अपने पत्र में अनुपम गोयल ने पूरे घटनाक्रम के विस्तृत विवरण के साथ-साथ घटना में शामिल एक स्कूटी का नंबर (DL14 SL8438) दिया था। मगर आश्चर्य की बात है कि हमेशा सजग और अपराधियों के प्रति सख्त रहने का दावा करने वाली गाज़ियाबाद पुलिस के किसी अधिकारी ने न तो अभी तक पीड़ित से संपर्क किया और न ही इस मामले में कोई गिरफ्तारी की है।
बढ़ती लूट की घटनाओं से उद्यमियों में रोष
बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया, कवि नगर और राजनगर में लगातार बढ़ रही झपटमारी और लूटपाट की घटनाओं के बाद इस क्षेत्र के उद्यमियों में भारी रोष व्याप्त है। गाज़ियाबाद इंडस्ट्रीज़ फ़ैडरेशन के महासचिव अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि हालांकि इंडस्ट्रियल एरिया में अधिकतर स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें काम कर रहीं हैं मगर जीटी रोड पर शाम होते ही अंधेरा छाने लगता है। इसी का लाभ उठाकर लुटेरे उद्यमियों को अपना शिकार बनाते हैं। अनिल कुमार गुप्ता ने मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को पुलिस हल्के में लेना बंद करे और इलाके में पुलिस की गश्त बढ़ाने के साथ-साथ जीटी रोड व अन्य स्थानों पर स्ट्रीट लाइटों को भी यथाशीघ्र ठीक कराया जाए।साभार-गाजियाबाद365
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