कोरोना काल में जहां कुछ प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन क्लास चला कर मोटी फीस वसूल रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मोहल्ला क्लास चला कर बच्चों को पढ़ने की आदत डाली है.
नई दिल्ली: अब तक आपने मोहल्ला क्लिनिक की चर्चा सुनी होगी. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है. वे जहां भी जाते हैं, मोहल्ला क्लिनिक का गुणगान ज़रूर करते हैं. लेकिन इन दिनों मोहल्ला क्लास को लेकर भी खूब बातें हो रही हैं. पीएम मोदी के आपदा में अवसर के फ़ॉर्मूले पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे शुरू किया. अब योगी सरकार का स्कूल का ये मॉडल हिट होने लगा है. दिलचस्प बात ये है कि इस योजना की शुरुआत मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से हुई.
कोरोना काल में जहां कुछ प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन क्लास चला कर मोटी फीस वसूल रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मोहल्ला क्लास चला कर बच्चों को पढ़ने की आदत डाली है. वाराणसी से शुरू हुआ मेरा घर मेरा विद्यालय (मोहल्ला क्लास ) पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन रहा है. कोरोना काल में ‘दो गज दूरी है ज़रूरी’ का पालन बड़ी मुश्किल था. तब शिक्षा विभाग ने भारत की परंपरागत कक्षा गुरुकुल पद्धति की तरफ़ दिमाग़ लगाया. देहात के इलाक़ों में पेड़ के नीचे बच्चों को बैठा कर उनके बीच दो गज़ की दूरी बनाकर क्लास लेना शुरू किया. एक क्लास के बच्चों को एक दिन छोड़ कर मोहल्ला क्लास में पढ़ने के लिए बुलाया गया, जिससे स्टूडेंट्स के बीच दूरी बनी रहे. ये कक्षाएं अभी तक सफ़लता पूर्वक चल रहीं हैं.
शिक्षा विभाग की ये कोशिश कामयाब होने लगी है. अब दूसरे राज्यों में भी मोहल्ला क्लास की चर्चा होने लगी है. मॉडल इंग्लिश प्राइमरी स्कूल ,मंडुवाडीह की टीचर नीलम बताती हैं कि शुरू में ऑनलाइन क्लास की कोशिश की गई, लेकिन सभी बच्चों के पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं होने से ये संभव नहीं हो पाया. मोहल्ला क्लास के लिए पहले अभिभावक भी तैयार नहीं हो रहे थे ,लेकिन समझाने के बाद वे बच्चों को भेजने के लिए तैयार हो गए. अब एक कक्षा के बच्चों को एक दिन छोड़ कर बुलाया जाता है. कक्षाएं सफलता पूर्वक चल रही हैं और बच्चे भी इन कक्षाओ में काफी रूचि ले रहे हैं.
मोहल्ला क्लास में प्राइवेट स्कूल के बच्चे भी इसका फ़ायदा उठा रहे हैं. फीस की मार से बचने के लिए प्राइवेट स्कूल के बच्चे अपना नाम सरकारी स्कूल में लिखा रहे है और मोहल्ला क्लास में पढ़ने और पढाने का फ़ायदा उठा रहे हैं. ऑनलाइन क्लास में गरीब बच्चे पैसे के अभाव में मोबाइल, इंटेटनेट नहीं होने के अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे थे. मोहल्ला क्लास की शुरुआत सरकार के अनुमति के बाद जुलाई से हुई थी.साभार-एबीपी न्यूज़
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