सुहाना होगा सफर, मेट्रो-रैपिड पकड़ेगी रफ्तार
गाजियाबाद। जिले में रैपिड ट्रेन से लेकर मेट्रो सेवा विस्तार का काम अब गति पकड़ सकेगा। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी है। बजट में आरआरटीएस परियोजना के लिए 4472 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। जबकि बीतेे वित्तीय वर्ष में एनसीआरटीसी को 2487 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। करीब दोगुनी धनराशि जारी किए जाने से साफ है कि केंद्र सरकार रैपिड ट्रेन के काम को गति देने जा रही है। उधर, 27 शहरों में मेट्रो विस्तार का भी एलान किया है। इससे नोएडा सेक्टर-62 से वैशाली और वैशाली से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर को नई साल में स्वीकृति मिल सकती है।
पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के दायरे में मार्च 2023 तक देश की पहले रैपिड ट्रेन का संचालन किया जाना है। सरकार चाहती है कि वर्ष 2024 के आम चुनावों से पहले रैपिड ट्रेन लोगों को दौड़ती हुई दिखाई दे। इसी को ध्यान में रखकर दिन रात काम चल रहा है। अब बजट से बड़ी धनराशि आवंटित होने से प्रोजेक्ट से जुडे़ निर्माण कार्य को गति मिलेगी। इसके साथ ही वर्ष 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबा पूरा कॉरिडोर बनाकर तैयार हो सकेगा। इससे जिले में बेहतर आवागमन की सुविधा मुहैया हो सकेंगे। साथ ही औद्योगिक विकास के लिहाज से भी इस कॉरिडोर को खास माना जा रहा है। दिल्ली-मेरठ के बीच की दूरी 60 मिनट में तय होने से बड़ी संख्या में इंडस्ट्री और उनसे जुड़े दफ्तर दिल्ली-नोएडा से निकल कर मेरठ तक जा सकेंगे।
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नोएडा-गाजियाबाद के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
बजट में 27 शहरों में मेट्रो सेवा के विस्तार का भी एलान किया गया है। इसमें गाजियाबाद में भी मेट्रो सेवा का विस्तार मिल सकता है। महानगर के दो विचाराधीन प्रोजेक्टों के फंडिंग की समस्या दूर हो सकती है। वसुंधरा से मोहननगर कॉरिडोर की कुल लंबाई 5.04 किमी है। इस कॉरिडोर की कुल लागत 1808.22 करोड़ है। इस कॉरिडोर पर कुल चार स्टेशन में प्रहलाद गढ़ी, वसुंधरा सेक्टर-14, साहिबाबाद और मोहननगर शामिल हैं। दूसरी ओर नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 5.017 किमी है। इस कॉरिडोर की लागत 1517 करोड़ है। इन दोनों प्रोजेक्ट के तैयार होने से नोएडा-गाजियाबाद के बीच मेट्रो के जरिए बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी।
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जिले की बदल जाएगी तस्वीर : वीके सिंह
स्थानीय सांसद व केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह का कहना है कि सामान्य तौर पर इस बार सरकार ने बजट में इंफ्रास्ट्रेक्चर को गति देने और मैन्यूफेक्चरिंग को बढ़ाने पर ज्यादा खर्च किया है। इससे रोजगार और व्यापार के अवसर पैदा होगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा पैसा आवंटित किया है। गाजियाबाद के लिहाज से देखा जाए तो रैपिड ट्रेन का काम गति पकड़ेगा और वर्ष 2023 में गाजियाबाद देश का पहला शहर बनेगा जहां पर रैपिड ट्रेन दौड़ेगी। सरकार का फोकस रैपिड ट्रेन के जरिए एनसीआर के शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करना है। इसका सीधे तौर पर गाजियाबाद को लाभ मिलेगा। उधर, मेट्रो से जुड़े दो कॉरिडोर पर भी अगले वित्तीय वर्ष से काम शुरू हो सकेगा। गाजियाबाद किस तेजी से बदलेगा। इसकी असल तस्वीर दो साल बाद देखने को मिलेगा। मेरे लिहाज से बजट रोजगार पैदा करने के लिहाज से बेहतर है। साभार अमर उजाला
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