- विदेश से आए मोबाइल होंगे महंगे।
- स्वास्थ्य बजट 94 हजार करोड़ से बढ़कर 2.3 लाख करोड़।
- कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़।
- 75+ के पेंशनधारी, ब्याज से आय वालों को रिटर्न से छूट।
- आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं।
- बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश 49 फीसदी से बढ़कर 74 फीसदी।
- 27 शहरों में 1016 किमी. मेट्रो लाइन का विस्तार।
- भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी।
- इस साल 1.75 लाख करोड़ का विनिवेश होगा।
- स्वच्छ भारत मिशन पर 1.41 लाख करोड़ खर्च होंगे।
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया। आम आदमी से लेकर स्वास्थ्य और ऑटो क्षेत्र तक, हर किसी को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं। आइए जानते हैं वित्त मंत्री के पिटारे से किसको क्या मिला।
वरिष्ठ नागरिक
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है। अब 75 साल से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने की आवश्यकता नहीं होगी। यानी 75 साल के ऊपर के पेंशनधारकों को टैक्स में छूट दी गई है। आम आयकरदाताओं को बजट 2021 में कोई राहत नहीं मिली है। सरकार के इस नियम के दायरे में 75 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ वही लोग आएंगे, जिनकी इनकम का आधार पेंशन या एफडी समेत अन्य माध्यमों से मिलने वाला ब्याज है। ऐसे लोगों को सिर्फ आईटीआर नहीं भरना होगा। पहले की तरह बैंक में ही उनका टीडीएस कट जाएगा। अगर आय का माध्यम कुछ और है, मसलन कारोबार आदि है तो आईटीआर भी फाइल करना होगा।
नई स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च होगा 64180 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है। सीतारमण ने आम बजट में 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 के दो टीके हैं तथा दो अन्य टीकों की पेशकश जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि सबसे गरीब तबके के लाभ के लिए सरकार ने अपने संसाधनों को बढ़ाया है।
शिक्षा क्षेत्र को भी दिया तोहफा
लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल भी खोले जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि देशभर में 15 हजार आदर्श स्कूल बनाए जाएंगे। सीतारमण ने घोषणा कि 758 स्कूल आदिवासी क्षेत्रों में खोले जाएंगे, जिससे की आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। ये स्कूल एकलव्य स्कूल होंगे। इससे आदिवासी छात्रों को बड़ी मदद मिल सकेगी। बजट भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने और प्रभावी गुणवत्ता को दृष्टिगोचर करते हुए 15 हजार सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत हायर एजुकेशन कमीशन का गठन किया गया है। यह देश में उच्च शिक्षा का एकमात्र नियामक होगा। 2019 के बजट में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन खोलने की घोषणा की गई थी। अब 2021-22 के बजट में इसके लिए अगले पांच साल के लिए 50 हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है ताकि देशभर में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।
कृषि क्षेत्र
बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी बड़ी सौगात दी गई है। सरकार का दावा है कि अगले वर्ष तक देश के किसानों की आय दुगनी हो जाएगी। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में किसानों को उनकी लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का प्रयास करने का एलान किया। देश में गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हो गई है। गेहूं की एमएसपी डेढ़ गुना कर दी गई है और बीते सात वर्षों में किसानों से दोगुने से ज्यादा धान खरीदा गया है। उनसे सरकारी खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं और उनके भुगतान में तेजी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद मिल रही है। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है। दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी भी बढ़ाई गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जो बढ़कर एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल यह आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
रेल बजट पर खर्च होंगे 1.10 लाख करोड़ रुपये
वित्त मंत्री ने रेलवे को बड़ी सौगात देने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने साल 2030 तक तैयार होने वाली भारतीय रेल की नई योजनाओं के बारे में बताया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि इस साल रेल बजट पर 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें से पूंजीगत व्यय के लिए 1.07 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि साल 2023 तक देश की 100 फीसदी ट्रेनें बिजली से चलने लगेंगी। शहरों में मेट्रो ट्रेन सर्विस और सिटी बस सर्विस को बढ़ाने के भी प्रवाधान किए जा रहे हैं। वहीं रेलवे की प्रथमिकताओं पर भाषण देते हुए वित्त मंत्री ने ईस्टर्न और वेस्टर्न डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के विस्तार की बात कही।
बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार
सरकार अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। पूंजी के मिलन से इन बैंकों को पूंजी संबंधी नियामकीय शर्तों को पूरा करनें में आसानी होगी। चालू वित्त वर्ष में भी सरकार ने बैंकों के पुन:पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था।
8,500 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनाएं
देश के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्च 2022 तक देश में 8,500 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनओं का आवंटन किया जाएगा। पश्चिम बंगाल को 25,000 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं दी जाएंगी। केरल को 65,000 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 25,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं दी जाएंगी। उन्होंने असम को 3,400 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनायें देने का भी एलान किया। शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 18,000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की गई।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ की योजना
केंद्र सरकार ने देश में डिजिटिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए मैं 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।’ सीतारमण ने कहा कि 2019 के उनके बजट भाषण में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की घोषणा की गई थी। हमने औपचारिकतायें तय कर ली है और एनआरएफ पर अगले पांच साल में परिव्यय 50000 करोड़ रुपये होगा।
स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुराने तथा प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिए बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वााहन कबाड़ नीति की सोमवार को घोषणा की। निजी वाहनों को 20 साल होने पर तथा वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी। यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तथा ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति जल्दी ही अधिसूचित की जायेगी और एक अप्रैल 2022 से इसे लागू किया जायेगा। इस नीति को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
लघु उद्योग की परिभाषा
सरकार ने सोमवार को कहा कि लघु उद्योगों की परिभाषा में संशोधन किया जाएगा और इनके मौजूदा 50 लाख रुपये के पूंजी आधार को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के आम बजट में वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि बैंकों की फंसे कर्ज की समस्याओं से निपटने के लिए एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी स्थापित की जाएगी, वहीं नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की रूपरेखा को मजबूत किया जाएगा।साभार-अमर उजाला
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