इजराइल के दूतावास के बाहर हुए ब्लास्ट की जांच में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और NIA को भी शामिल किया गया है। टीम ने रविवार को भी सबूत जुटाए।
दिल्ली में शुक्रवार को इजराइली दूतावास के पास हुए ब्लास्ट की जांच में अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। अब जांच एजेंसियां ब्लास्ट के वक्त 2 घंटे के दौरान आसपास मौजूद रहे 182 लोगों की जानकारी निकाल रही हैं। पुलिस का फोकस धमाके में ईरानी कनेक्शन पर भी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि इस बात की पर्याप्त संकेत हैं कि धमाके के पीछे तेहरान का हाथ हो सकता है।
29 जनवरी की शाम 5.10 बजे एम्बेसी के बाहर धमाका हुआ था। इससे वहां खड़े तीन वाहनों को नुकसान पहुंचा था। दोपहर 3.10 से 5.10 के बीच 61 लोग डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड (एम्बेसी से साउथ दिल्ली की ओर) से गुजरे थे। 121 लोग साउथ दिल्ली से एम्बेसी की ओर आए थे। पुलिस को शक है कि इन्हीं 182 लोगों में से किसी एक ने एम्बेसी के बाहर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर एक पेड़ के नीचे IED डिवाइस प्लांट किया है।
पुलिस के मुताबिक, आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से इनकी तस्वीरें निकाली हैं। इनमें दूतावास के पास बंगलों के फुटेज भी हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, हम इन लोगों में से कई की पहचान कर चुके हैं। सभी से पूछताछ की जाएगी। पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे CCTV से दो संदिग्धों की पहचान की थी। ये लोग एक कैब से उतरते हुए दिखाई दे रहे थे। पुलिस ने कैब ड्राइवर से पूछताछ कर संदिग्धों का स्केच तैयार कराया था।
दिल्ली पुलिस ने ईरानियों से पूछताछ की
NSG की टीम ब्लास्ट के तरीकों की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी में रहने वाले कुछ ईरानियों से पूछताछ की है। इनमें कुछ ऐसे ईरानी नागरिक भी शामिल हैं, जिनका वीजा खत्म हो चुका है। उधर, ब्लास्ट के बाद से इजराइल ने दुनियाभर में अपने दूतावासों की सुरक्षा बढ़ा दी है।
अब तक क्या-क्या सबूत मिले?
- जांच टीम ने इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार शाम को हुए ब्लास्ट के समय आसपास के इलाके में एक्टिव मोबाइल फोन का रिकॉर्ड निकलवाया है। ऐसे 45 हजार मोबाइल फोन एक्टिव थे।
- शुक्रवार और शनिवार को कई इलाकों में छापेमारी कर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया था। हालांकि, उनसे मिली जानकारी का ब्यौरा नहीं दिया गया।
- इजराइली दूतावास के पास हुए ब्लास्ट को लेकर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल एक टेलीग्राम अकाउंट की पड़ताल कर रही है। इस अकाउंट से ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था। इसमें जैश-उल-हिंद नाम के एक संगठन ने धमाके की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
- फॉरेंसिंक टीम की तफ्तीश में सामने आया है कि ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था।
- मौके से क्राइम ब्रांच की टीम को आधा जला हुआ लाल रंग का दुपट्टा (scarf) और इजराइली राजदूत के नाम एक लिफाफा मिला है।
- सूत्रों के मुताबिक, इस लिफाफे के अंदर से एक चिट्ठी भी बरामद हुई है। इसमें ‘यह तो ट्रेलर है’ लिखा है। फॉरेंसिक टीम अब फिंगर प्रिंट की जांच कर रही है।
- जांच एजेंसियों ने घटनास्थल से कोल्ड ड्रिंक कैन के टूटे हुए टुकड़े और बॉल बियरिंग्स बरामद किया है। इन टुकड़ों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
- शुरुआती जांच से पता चला है कि कोल्ड ड्रिंक कैन में विस्फोटक और बॉल बियरिंग्स डाले गए थे।साभार-दैनिक भास्कर
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