कृषि कानूनों के विरोध में दो महीने से चले आ रहे आंदोलन में बृहस्पतिवार की घटना ने नई जान डाल दी है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बीते 36 घंटों में आंदोलन स्थल का दायरा करीब चार गुना बढ़ गया है और किसानों की संख्या बढ़कर आठ से दस हजार तक पहुंच गई है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का हुजूम
26 जनवरी की घटना के बाद जो तंबू उखड़ने शुरू हो गए थे और लंगर बंद कर दिए गए थे वो शुक्रवार को फिर से लगने शुरू हो गए। अचानक से आंदोलन स्थल पर पूरा नजारा बदल तो धरने में बैठे किसानों में भी नई ऊर्जा देखने को मिली।
तंबु बनाते हुए किसान
राकेश टिकैत की अपील के बाद बृहस्पतिवार रात से किसानों का बड़ी संख्या में जल लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ जो शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, बुलंदशहर, हापुड़ व अन्य जिलों से रात में ही किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।
तंबुओं की बढ़ी संख्या
इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड से भी किसान बड़ी संख्या में आंदोलन स्थल पर पहुंचे। शुक्रवार की सुबह सामान्य दिनों की तहत मंच सजा तो जमकर सरकार के खिलाफ किसान नेताओं ने आग उगली।
तंबु बनाते हुए किसान
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष शिशौदिया से लेकर कांग्रेस से अलका लांबा, रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी समेत अन्य बड़े नेता भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे। किसानों की अचानक से संख्या बढ़ती तो यूपी गेट अंडरपास और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर नोएडा सेक्टर-62 की तरफ तंबू और टेंट को लगने का दौर भी शुरू हो गए। उधर, आंदोलन का रुख बदला तो प्रशासन ने भी पानी-बिजली की सप्लाई शुरू कर दी।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का हुजूम
सम्मान के साथ आए हैं, सम्मान के साथ जाएंगे
राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों ने सम्मान के साथ आंदोलन शुरू किया था। अपने सम्मान को आगे भी बरकरार रखा जाएगा। किसानों पर पत्थर नहीं, फूल बरसाए जाएंगे। किसानों को बदनाम करने की हुई दो बड़ी साजिश नाकाम हो गई हैं। ऐसे में किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ जंग को किसान जीतकर जाएंगे। उन्होंने किसान आंदोलन में समर्थन देने आए लोगों से शांति का दान देने की अपील की।
किसान नेता राकेश टिकैत
प्रशासन ने नहीं किया बंदोबस्त तो जमीन खोदकर निकालेंगे पानी
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के आंदोलन को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन हर हथकंडे अपना रहा है। यूपी गेट पर आंदोलन स्थल की पहले बिजली काटी गई, फिर पानी व अन्य सुविधाएं बंद कर दी गईं। अगर सरकार पानी का जल्द बंदोबस्त नहीं करती है तो किसान सबमर्सिबल से खुद जमीन खोदकर अपने लिए पानी का बंदोबस्त करेंगे। किसान दिल्ली का नहीं, बल्कि यूपी में आंदोलन स्थल की जमीन का पानी पीएंगे।साभार-अमर उजाला
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post