यह तस्वीर जालंधर से गुजरने वाले दिल्ली-पानीपत हाईवे की है, जहां दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियाें समेत लौट रहे हैं।
पंजाब में बठिंडा जिले के गांव विर्क खुर्द की पंचायत ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में एक अजीब फरमान सुनाया है। इसमें कहा गया है कि गांव के हर परिवार से एक सदस्य तुरंत दिल्ली बॉर्डर पहुंचे, नहीं तो उन पर 1500 रुपए का जुर्माना लगेगा। जुर्माना अदा नहीं करने पर सामाजिक बहिष्कार होगा। पंजाब की दूसरी पंचायतें भी ऐसा प्रस्ताव पास करने की तैयारी कर रही हैं।
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा और इसके बाद सरकार के सख्त रुख को देखते हुए किसान घर लौटने लगे हैं। इससे आंदोलन कर रहे किसानों की चिंता बढ़ी है। ऐसे में अब पंचायतों ने मोर्चा संभाला है। गुरुद्वारों से यह अनाउंसमेंट करने को कहा गया है कि मोर्चा अभी भी लगा है, सब दिल्ली पहुंचे। किसी तरह की अफवाह पर भरोसा न करें।
गांव के एक व्यक्ति को 7 दिन दिल्ली रहना जरूरी
विर्क खुर्द पंचायत के फरमान में यह भी कहा गया है कि आंदोलन में जाने वाले सदस्य को वहां कम से कम सात दिन रहना होगा। आंदोलन में अगर किसी के वाहन को नुकसान होता है तो नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी पूरे गांव की होगी।
सोशल मीडिया पर गुरुद्वारों से अनाउंस करने की अपील
भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) लोगों तक सोशल मीडिया के जरिए पहुंच रही है। वह अपील कर रही है कि गांव के गुरुद्वारों से अनाउंसमेंट कर बताया जाए कि दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन की स्टेज दोबारा लग गई है। सब शांति से धरने पर बैठ गए हैं। TV पर खबरों में आंदोलनकारियों के लौटने की अफवाह फैलाई जा रही है, जबकि इससे उलट भीड़ दोगुना हो चुकी है। दिल्ली में इंटरनेट बंद है, नहीं तो आपको मौके के हालात LIVE करके बता दिए जाते।साभार-दैनिक भास्कर
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