लाल किले की प्राचीर पर पहुंचकर उपद्रवियों ने न केवल धर्म विशेष का झंडा फहराया, बल्कि तिरंगे को वहां से हटाकर नीचे फेंक दिया, लेकिन वहां तैनात एक आईपीएस अफसर ने देश की आन-बान और शान को बचाया। उन्होंने तिरंगे को नीचे गिरने से पहले ही पकड़ लिया।
दिल्ली पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है। पुलिस ने लाल किले से किसान संगठनों के चार से पांच झंडों को बरामद किया है। वहां हुई हुड़दंग में सबसे ज्यादा 141 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों किले की खाई में फेंक दिया था। इससे वे ज्यादा घायल हुए।
अभी तक की जांच रिपोर्ट के मुताबिक उपद्रवियों ने लाल किले के अंदर लाइटिंग और बाहर टिकटघर तोड़ दिया। गणतंत्र दिवस समारोह के कारण लाल किले के बाहर व अंदर बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, उन्हें भी तोड़ा गया। वहां से आरोपी 20 से ज्यादा कारतूस लूटकर ले गए। लाल किला हिंसा का मुकदमा उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में थानाध्यक्ष रितुराज की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, जांच में ये भी सामने आया कि पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और पंजाब के गैंगस्टर लखवीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना ने उपद्रवियों का नेतृत्व किया। दोनों ने वहां हिंसा कराई। हिंसा ज्यादा बढ़ी तो दोनों फरार हो गए। पुलिस दोनों को जल्द ही पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस देने जा रही है। पुलिस ने एक वीडियो भी जब्त किया है, जिसमें दोनों उपद्रवियों का नेतृत्व कर रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जब्त की जा रही है।
रात 10 बजे तक रहा कब्जा
दिल्ली पुलिस का कहना है कि मंगलवार को उपद्रवियों ने रात करीब 10 बजे तक लाल किले पर कब्जा रखा। आरोपी वहां हुड़दंग मचाते रहे और पुलिसकर्मियों को पीटकर खाई में फेंक दिया। कुछ ने खुद खाई में कूदकर जान बचाई। आरोपी उन पर डंडे बरसा रहे थे। साभार अमर उजाला
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