बिल्डर विक्रम त्यागी
गाजियाबाद। सात माह से अपहृत बिल्डर विक्रम त्यागी के पिता के पास आई एक इंटरनेट कॉल ने पूरे परिवार के होश उड़ा दिए। कॉलर ने कहा कि उसे विक्रम त्यागी के बारे में सुराग देना है। अपहरण में उसका भी हाथ था, लेकिन अब वह प्रायश्चित करना चाहता है। उसने कहा कि अपहरणकर्ता बेहद खतरनाक हैं, लिहाजा उसे अपने परिवार की सुरक्षा के इंतजाम के लिए तीन लाख रुपये चाहिए, लेकिन कॉलर द्वारा खाते में 10 हजार रुपये डलवाते ही सारा भेद खुल गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उसने सच उगल दिया। दिल्ली के बुराड़ी निवासी आरोपी गोविंद नेगी ने बताया कि लॉकडाउन में नौकरी छूटने के चलते उसने विक्रम त्यागी अपहरणकांड को भुनाकर रकम ऐंठने की साजिश रची थी।
बिल्डर विक्रम त्यागी का गत 26 जून को राजनगर एक्सटेंशन से कार समेत अपहरण हो गया था। अगले दिन खून से सनी उनकी कार शामली में खड़ी मिली थी। डीएनए रिपोर्ट में कार में मिला खून विक्रम त्यागी का ही होने की पुष्टि हुई थी। सात माह से पुलिस विक्रम की तलाश में खाक छान रही है, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। गत पांच जनवरी को विक्रम त्यागी के पिता के पास आई इंटरनेट कॉल से सनसनी फैल गई। मुझे विक्रम त्यागी के बारे में सुराग देना है, यह कहकर कॉलर ने कॉल काट दी। इसके बाद कॉलर विक्रम त्यागी के पिता के व्हॉट्सएप पर चैटिंग करने लगा। उसने बताया कि तीन लड़कों ने विक्रम त्यागी को अगवा किया था। इस घटना में बाहरी तौर पर वह भी शामिल था। विक्रम त्यागी के बारे में सुराग देकर उसे प्रायश्चित करना है।
सिर में चोट से खो चुकी है विक्रम की याददाश्त
चैटिंग में कॉलर ने बताया कि विक्रम त्यागी के सिर में चोट लगने के कारण वह याददाश्त खो चुके हैं। उनकी हालत बेहद गंभीर है। अपहरणकर्ता उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करने वाले हैं। अस्पताल के बारे में पूछने पर उसने विक्रम त्यागी के पिता को बताया कि उनके आसपास का ही अस्पताल है। उसने कहा कि विक्रम त्यागी के बारे में बताने से पहले वह अपने परिवार को सुरक्षित करेगा और इसके लिए तीन लाख रुपये खर्च होंगे। परिजन पैसे देने को तैयार हो गए, लेकिन उससे पहले विक्रम के बारे में अहम सुराग देने को कहा। इसके बाद उसने अपहरण में शामिल तीन लोगों के फोटो विक्रम त्यागी के पिता को भेज दिए।
यूपी और दिल्ली पुलिस मिलीं हैं, कई रसूखदार हैं शामिल
व्हॉट्सएप चैटिंग में कॉलर ने बताया कि जिन लोगों ने विक्रम त्यागी का अपहरण किया है, वह बहुत ऊंची पहुंच वाले हैं। इतना ही नहीं, यूपी और दिल्ली पुलिस भी उनके साथ मिली हुई है। अगर उन्हें उसके बारे में पता चल गया तो उसे साथ-साथ उसके परिवार की जान को भी खतरा पैदा हो जाएगा। इसलिए वह पहले अपने परिवार को सुरक्षित करेगा और फिर विक्रम त्यागी के बारे में बताएगा।
पहले 30 हजार मांगे, 10 हजार खाते में डलवाते ही पकड़ा गया
विक्रम त्यागी के चाचा संजय त्यागी ने बताया कि कॉलर एक दिन चैटिंग के दौरान कॉलर ने खाता नंबर देते हुए 30 हजार रुपये मांगे। पुलिस ने खाता नंबर चेक किया तो वह दिल्ली के मुखर्जीनगर निवासी पीसीओ संचालक का निकला। गत 15 जनवरी को उसने दूसरा खाता नंबर देकर अर्जेंट में 10 हजार रुपये डालने को कहा। पुलिस ने खाता चेक किया तो वह गोविंद नेगी नाम के युवक का निकला। जानकारी जुटाते हुए पुलिस उस तक पहुंची और 17 जनवरी को हिरासत में ले लिया। पुलिस पूछताछ में उसने सारा घटनाक्रम खोल दिया।
फेसबुक से फोटो लेकर बताए अपहरणकर्ता
संजय त्यागी ने बताया कि गोविंद नेगी मूलरूप से उत्तराखंड का रहने वाला है। वह बुराड़ी दिल्ली में रहकर नौकरी करता था। लॉकडाउन में नौकरी जाने पर वह आर्थिक तंगी से जूझने लगा। इसी बीत उसने विक्रम त्यागी अपहरणकांड के बारे में सुना। उसे भुनाते हुए उसने पैसे ऐंठने की योजना बनाई। उसने फेसबुक से तीन लोगों के फोटो लिए और उन्हें विक्रम त्यागी का अपहरणकर्ता बताकर व्हॉट्सएप पर भेज दिया। पुलिस का कहना है कि विक्रम त्यागी के परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर गोविंद नेगी को जेल भेज दिया गया है।साभार-अमर उजाला
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