नोएडा शहर में इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को विकास प्राधिकरण ने औद्योगिक भूखंडों के आवंटन नीति में बड़ा बदलाव किया है। सोमवार को विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए थे। जिन्हें बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। अब मेगा, मेगा प्लस और सुपर मेगा कैटेगरी की कंपनियों को नोएडा में बेहद कम समय में भूखंडों का आवंटन मिलेगा। जिसकी बदौलत शहर में निवेश बढ़ेगा। युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरी और रोजगार मिलेंगे।
नोएडा अथॉरिटी ने औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की नीति में बड़ा बदलाव किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा को ध्यान में रखकर यह बदलाव किए गए हैं। दरअसल, राज्य सरकार यूपी में “ईज ऑफ डूइंग” और “ईज ऑफ बिजनेस” पर ध्यान दे रही है। जिसके तहत तेजी के साथ उद्योगों को जमीनों की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्राधिकरण की ओर से बताया गया है कि मेगा, मेगा प्लस और सुपर मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को अब तेजी के साथ भूमि आवंटन किया जाएगा। इन इकाइयों की पात्रता का विकास प्राधिकरण ने सोमवार की बैठक में निर्धारण किया है।
मेगा इंडस्ट्री
नोएडा विकास प्राधिकरण अब उस इंडस्ट्री को मेगा कैटेगरी में मानेगा, जो शहर में 200 करोड़ रुपए का कम से कम निवेश करेगी। 500 करोड़ रुपए तक का पूंजी निवेश और 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी को इस श्रेणी में शामिल किया गया है।
मेगा प्लस इंडस्ट्री
शहर में 500 करोड़ से ज्यादा और 1000 करोड़ रुपए से कम निवेश करने वाली कंपनी को मेगा प्लस इंडस्ट्री माना जाएगा। जिन कंपनियों में 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेंगे, वह इस श्रेणी में शामिल होंगी।
सुपर मेगा इंडस्ट्री
औद्योगिक गतिविधियों में 1000 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी निवेश या 4000 से अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाली कंपनियों को सुपर मेगा कैटेगरी में शामिल किया गया है।
नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने बताया कि इन कंपनियों को जमीन की कीमत के अलावा प्रति एकड़ न्यूनतम रूप से 7 करोड़ रुपए का निवेश करना अनिवार्य रहेगा। इन कंपनियों को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त के यहां आवेदन करना होगा। वहां से अग्रसारित होकर आने वाले आवेदन पर 15 दिनों के भीतर भूमि आवंटन कर दिया जाएगा।
4000 वर्ग मीटर से बड़े औद्योगिक भूखंड की आवंटन नीति बदली
नोएडा विकास प्राधिकरण के बोर्ड में इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के आवंटन से जुड़ा दूसरा प्रस्ताव भी रखा गया। इस प्रस्ताव के तहत अब चार हजार वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों का आवंटन साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। जिसके लिए ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया राज्य सरकार तय करेगी। अभी तक आवंटन ड्रॉ जरिए किया जा रहा था। जिससे ज्यादा समय लगता था।साभार- ट्रीसिटी टुडे
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