उत्तर प्रदेश। गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद पुलिस ने इंदिरा कॉलोनी से ज्योतिष और भविष्यवाणी बताने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक कॉलसेंटर का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने 12वीं पास सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया।
लॉकडाउन के बाद ही शातिरों ने ठगी का कॉल सेंटर खोला था। पुलिस ने मौके से लैपटाप, ज्योतिष से संबंधित यंत्र, लॉकेट, चेकबुक, एटीएम कार्ड, लैंडलाइन फोन आदि बरामद किया है।
एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि साहिबाबाद क्षेत्र की इंदिरा कॉलोनी के एक फ्लैट में कॉल सेंटर चल रहा है। पुलिस की टीम ने छापा मारकर चार लोगों को दबोचा। एसपी सिटी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी राकेश, कुनाल, हरीश और मुन्ना निवासी साहिबाबाद हैं।
राकेश 12वीं पास है और वह ही इस ठगी के कॉल सेंटर को चला रहा था। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी यहां पर रहते भी थे और यहीं से कॉल सेंटर भी चलाते थे। चारों ने लॉकडाउन के बाद से यह कॉलसेंटर शुरू किया था।
पुलिस ने ठगों के पास से आठ लैपटॉप, सात मोबाइल, दो कीबोर्ड, दो कैलकुलेटर, 18 लैंडलाइन फोन, पांच चेकबुक, पांच आधार कार्ड, 17 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, 79 लाकेट, 65 यंत्र, छह पेन, दो स्टांप पैड आदि बरामद किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी लंबे समय से इस कॉल सेंटर को चला रहे थे। इससे पहले कहां कहां ठिकाने थे।
ऑनलाइन लेते थे रुपये, फिर नहीं करते थे संपर्क
साहिबाबाद सीओ आलोक दुबे ने बताया कि सभी आरोपी नंबरों का डेटा रुपये देकर खरीदते थे। इसके बाद उन्हें मेसेज और कॉल करके संपर्क करते थे। इन ठगों ने 18 लैंडलाइन नंबर ले रखे थे। उससे लोगों को काल करते थे। लोगों को फंसाने के लिए मोबाइल पर संदेश भेजते थे। उनके झांसे में आकर लोग भविष्य के बारे में पूछते थे।
लोगों को झांसे में लेने के लिए डराते थे। इसके बाद अपने पास से यंत्र और लॉकेट भेजने के लिए कहते थे। जिसको लेने से गृह दशा बदल जाने की बात कहते थे। लोग झांसे में आने के बाद शातिरों द्वारा दिए गए विभिन्न खातों में आनलाइन रुपये जमा कराते थे। उन्हें लॉकेट व यंत्र कोरियर से भेजते थे। इसके बाद उन नंबरों पर संपर्क नहीं करते थे।
व्यवसाय और स्टेटस पता कर ऐंठते थे रुपये
साहिबाबाद एसएचओ विष्णु कौशिक ने बताया कि आरोपी काफी शातिर हैं। लोगों से संपर्क करने के बाद उनके काम, व्यवसाय और कद के बारे में पूछते थे। इसके बाद यही कोई रुपये वाला व्यक्ति फंसता था तो उससे मनमाना दाम वसूलते थे। यदि कोई बेरोजगार या कम आय वाला व्यक्ति मिलता तो उससे जितने मिलते उतने ही खाते में डलवा लेते थे। इसमें जिले के साथ साथ देश के कई राज्यों में लोग कॉल करके लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। एसएचओ ने बताया कि खाते, मोबाइल की सिम और लैंडलाइन किस आईडी पर ली गई है। इसकी जांच कराई जा रही है।साभार-अमर उजाला
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