गाजियाबाद। साइबर सेल व नगर कोतवाली पुलिस ने फर्जी जॉब कंपनी के नाम पर पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का खुलासा किया है। सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि थाना खुर्जा, बुलंदशहर के गांव किसवागढ़ी निवासी प्रियंका गिरोह की सरगना है। वह अपने भाई निखिल और साथी अनूप निवासी इंदिरा कॉलोनी साहिबाबाद के साथ मिलकर नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से रकम ठगती थी। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके कब्जे से करीब 250 रिज्यूम व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीओ प्रथम ने बताया कि प्रियंका बीएड के साथ एलएलबी किए हुए है। वह 2017 से गिरोह चला रही है। उसने चंद समय में करोड़पति बनने के लिए ठगी का रास्ता चुना और इसमें एमबीए पास भाई निखिल को शामिल कर लिया। बेरोजगारों को टारगेट करने के लिए प्रियंका ने 12वीं पास अनूप को अपने गिरोह में शामिल किया। सीओ प्रथम ने बताया कि गैंग क्विकर पर नौकरी के लिए आवेदन करने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते थे। आवेदकों की डिटेल लेकर उन्हें नौकरी का झांसा दिया जाता था। इंटरव्यू के नाम पर उनसे खातों में ढाई से पांच हजार रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए जाते थे।
फर्जी आईडी पर लिए सिम से करते थे कॉल
सीओ प्रथम ने बताया कि गिरोह के सदस्य बेरोजगारों को फोन करने के लिए फर्जी आईडी पर सिम खरीदते थे। एक सिम से कई लोगों को कॉल कर रकम खाते में डलवाने के बाद आरोपी सिम तोड़कर फेंक देते थे। इसके बाद गिरोह के सदस्य फर्जी आईडी के दूसरे सिम का इस्तेमाल करते थे। पुलिस का कहना है कि फर्जी आईडी के सिम आरोपी कहां से लेते थे, इसकी जानकारी की जा रही है।
फर्जी खातों में डलवाते थे रकम
पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सदस्य इंटरव्यू कराने के नाम पर बेरोजगारों से रकम जिन खातों में डलवाते थे, वह फर्जी होते थे। गिरोह के सदस्य गरीब व अशिक्षित लोगों के खाते इस्तेमाल करते थे। इसकी एवज में उन्हें कमीशन देते थे। सीओ प्रथम ने बताया कि गिरोह के एक खाते में हाल ही में आठ लाख रुपये की ट्रांजेक्शन हुई है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों व उनके खातों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
माहौल के हिसाब से बदलते हैं ठगी का तरीका
गिरोह के सदस्य माहौल के हिसाब से ठगी का तरीका अपनाते थे। कोरोना काल से पहले युवाओं को विदेश भेजकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। कोरोना काल में अस्पतालों व स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के नाम पर ठगी का गोरखधंधा शुरू कर दिया। वर्तमान में आरोपी एयरलाइंस, अस्पताल व बैंकों में नौकरी लगवाने का झांसा देकर बेरोजगारों को अपना शिकार बना रहे थे।
आरोपियों के कब्जे से यह हुई बरामदगी
सीओ प्रथम ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से करीब 250 रिज्यूम मिले हैं। इसके अलावा 20 मोबाइल, दो आधार कार्ड, 13 डाटा शीट, एक लैपटॉप, 14 रजिस्टर, 40 हजार रुपये, 10 एम्प्लॉय लेटर और ट्रेनिंग लेटर बरामद हुए हैं। पुलिस का कहना है कि गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।साभार-अमर उजाला
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