गाजियाबाद। साल की शुरुआत हो या फिर लॉकडाउन। अनलॉक हो या फिर साल का अंत। जिले में साल 2020 में साइबर ठगों का आतंक रहा। देश-दुनिया बेशक कोराना काल में प्रभावित हुई हो, लेकिन साइबर ठगों ने लोगों की खून-पसीने की कमाई को जमकर लूटा। जिले में वर्ष 2020 में साइबर ठगी के 37 सौ से अधिक मामले सामने आए। जिनमें से सर्वाधिक 1112 मामले बैंक और क्रेडिट कार्ड के जरिए ठगी के थे। दूसरे नंबर पर एटीएम से रकम निकालने की 321 शिकायतें प्राप्त हुईं। ठगी के इस जाल में साइबर ठगों ने सोशल साइट्स का इस्तेमाल किया।
गाजियाबाद के लोग साइबर ठगों के निशाने पर हैं। यहां हर महीने साइबर ठगी के औसतन तीन सौ से अधिक मामले सामने आते हैं। साइबर सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में 31 दिसंबर तक साइबर ठगी के 3717 मामले सामने आए। इनमें बैंक फ्रॉड, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड, के. वाई. सी. के नाम पर ठगी, वीडियो कॉल से ब्लैकमेलिंग, नौकरी व लोन दिलाने के नाम पर ठगी तथा ओएलएक्स पर सामान खरीदने-बेचने के नाम पर ठगी के मामले शामिल हैं।
सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म को बनाया ठगी का जरिया
पहले साइबर ठग बैंक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड आदि को ठगी का जरिया बनाते थे। लोग सतर्क हुए तो साइबर जालसाजों ने भी ठगी का तरीका बदल लिया। बीते साल जालसाजों ने ठगी के लिए सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। फेसबुक से ठगी की 478 शिकायतें मिलीं तो व्हाट्सएप, जी-मेल, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम, टिंडर, टिकटॉक और टेलीग्राम से ठगी के 375 मामले दर्ज किए गए।
नौकरी, लोन और लकी ड्रा का झांसा दिया
साइबर जालसाजों ने लोगों की भावनाओं के साथ भी जमकर खिलवाड़ किया। किसी को नौकरी का झांसा दिया तो किसी को लोन दिलाने का। इतना ही नहीं, लकी ड्रा में लाखों रुपये निकलने के सब्जबाग दिखाकर भी जालसाजों ने लोगों के खाते खाली किए। लोन, जॉब और लकी ड्रा से ठगी की 146 शिकायतें साइबर सेल में प्राप्त हुईं। इसके अलावा अन्य तरीके से फ्रॉड के 923 मामले सामने आए। ब्यूरो
इनसेट……
साढ़े 9 करोड़ की ठगी, वापस कराए सिर्फ 60 लाख
पुलिस रिकॉर्ड केमुताबिक वर्ष 2020 में साइबर जालसाजों ने लोगों को करीब साढ़े 9 करोड़ रुपये की चपत लगाई। इनमें बैंक, एटीएम व अन्य तरह के फ्रॉड शामिल हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिन मामलों में पीड़ितों ने तुरंत सूचना दी, इनमें करीब 60 लाख रुपये पुलिस ने वापस भी कराए गए।
ऐसे बचें साइबर ठगी से
– सोशल अकाउंट्स पर अपना व्यक्तिगत विवरण जैसे घर का पता, फोन नंबर, जन्म तिथि और जन्म स्थान साझा न करें।
– अल्फा-न्यूमेरिक सिंबल और स्पेशल कैरेक्टर के साथ मजबूत पासवर्ड बनाएं। पासवर्ड किसी से शेयर न करें।
– लुभावने विज्ञापनों पर एकाएक विश्वास न करें। वह आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने के लिए फर्जी साइट हो सकती है।
– किसी अनजान लिंक को क्लिक न करें और अनावश्यक कोई एप डाउनलोड न करें।
– अनजान लोगों से वीडियो कॉल न करें।
– अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
– प्रोफाइल लॉक लगाकर रखें व मोबाइल नंबर अनसीन रखें।
इस तरह वापस हो सकते हैं खाते से निकले रुपये
– यदि खाते से बिना कोई सूचना धनराशि निकल जाती है तो तत्काल बैंक को लिखित रूप में सूचित करें और सूचना देने की प्राप्ति रसीद अपने पास अवश्य रखें।
– खाते से पैसा निकल जाने की दशा में बैंक को सूचना अतिशीघ्र दें। तीन दिन के अंदर सूचना देने पर निकाली गई रकम लौटाने के लिए बैंक पूर्णता जिम्मेदार होता है।
अगर बैंक पैसा वापस न करे तो उठाएं यह कदम
अगर खाताधारक की गलती के बिना खाते से रकम निकलती है और उसके द्वारा तीन दिन के भीतर बैंक को सूचना दे दी जाती है तो बैंक 30 दिन में रकम लौटाने के लिए बाध्य है। ऐसा न होने पर खाताधारक बैंक की शिकायत आरबीआई लोकपाल को ई-मेल के माध्यम से ईमेल आईडी ड्ढड्डठ्ठद्मद्बठ्ठद्दशद्वड्ढह्वस्रह्यद्वड्डठ्ठ.ह्म्ड्ढद्ब.शह्म्द्द.द्बठ्ठ पर कर सकते हैं और आरबीआई लोकपाल के समक्ष अपना पक्ष रख कर खाते से निकाली गई धनराशि को ब्याज सहित वापस पा सकते हैं। आरबीआई लोकपाल के मोबाइल नंबर- 14440 पर मिस्ड कॉल देकर भी शिकायत की जा सकती है।
ठगी का तरीका मामले
बैंक व क्रेडिट कार्ड 1112
एटीएम से निकासी 321
ओएलएक्स 193
नौकरी 57
लकी ड्रा 27
लोन 62
पेटीएम केवाईसी 170
अन्य फ्रॉड 923
फेक फेसबुक आईडी 109
फेसबुक अकाउंट हैक 153
अन्य फेसबुक मामले 216
व्हाट्सएप 161
जी-मेल 77
यू-ट्यूब 19
इंस्टाग्राम 55
टिंडर 01
ट्विटर 54
टिकटॉक 04
टेलीग्राम 04
वर्जन…….
साइबर ठगी के मामलों पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। जो पीड़ित तत्काल सूचना दे देते हैं, उनकी रकम वापसी की संभावना अधिक रहती है। ऐसे ही लोगों के करीब 60 लाख रुपये वापस कराए गए हैं। इसके अलावा बीते महीने में लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग के तीन फर्जी कॉल सेंटर पकड़े गए। जल्द ही कई अन्य साइबर जालसाज पुलिस के शिकंजे में होंगे। – अभय कुमार मिश्र, सीओ प्रथम/नोडल अधिकारी साइबर सेल-साभार-अमर उजाला
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