गाजियाबाद। कम-ज्यादा वोल्टेज से होने वाले नुकसान से बच सकेंगे उपभोक्ता गाजियाबाद। विधुत निगम जिले के 200 उपकेंद्रों पर कैपिसेटर बैंक लगवाने का कार्य शुरू करेगा। कोरोना काल में लॉकडाउन से पहले इस प्रक्रिया को शुरू किया गया था लेकिन बाद में इस पर कार्य नहीं हो सका। केवल 90 उपकेंद्रों पर विधुत निगम कैपिसेटर बैंक लगवा सका है। शेष रह गए उपकेंद्रों पर अब यह कवायद जल्द ही शुरू की जाएगी।
उपकेंद्रों पर कैपिसेटर बैंक लगने से संबंधित इलाकों में वोल्टेज और ओवरलोडिंग की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि मार्च में लॉकडाउन से पहले करीब 90 विधुत उपकेंद्रों में कैपेसिटर बैंक लगा दिए गए थे।
विधुत उपकरण फूंकने के मामले और इनमें से कई मामलों में उपभोक्ताओं द्वारा मांगे गए मुआवजे को देखते हुए विधुत उपकेंद्रों में कैपिसेटर लगाने की योजना को शुरू किया था। पहले चरण में जनपद के विभिन्न ऐसे बिजलीघर चिन्हित किए गए, जहां से कम-ज्यादा वोल्टेज की शिकायतें अधिक आती थीं। वहां पहले 90 कैपेसिटर बैंक लगाने शुरू किए।
अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद लॉकडाउन के कारण काम रुक गया। अब जनपद के 200 और विधुत उपकेन्द्रों में कैपिसेटर बैंक लगाए जाएंगे। इसमें शहर के अलावा मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी, वैशाली आदि जगह के उपकेंद्रों को शामिल किया गया है। अधीक्षण अभियंता सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया कि शेष उपकेंद्रों में भी जल्द ही कैपिसेटर बैंक लगाए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में ये लग चुके हैं, वहां सफल परिणाम निगम को मिले हैं। इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साभार-अमर उजाला
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