गाजियाबाद। हाउस टैक्स विभाग में हुए कथित घोटाले की जांच पूरी हो गई है। निगम के कर निर्धारण अधिकारी डॉ संजीव सिन्हा ने अपनी जांच रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेज दी है। सूत्रों का दावा है कि इस जांच में पाया गया कि टैक्स विभाग के कुछ कर्मचारी ने मेरठ रोड पर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में गलत वार्ड लिखकर बिलिंग की है। जांच में यह भी पुष्टि हुई है कि सरकारी जमीन पर बने मकानों पर भी निगम के सिटी जोन की ओर से हाउस टैक्स के बिल भेजे गए हैं।
गत दिनों यह प्रकरण पूर्व पार्षद मुकेश त्यागी ने उठाया था। उन्होंने नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर को पत्र लिखा था। उनका आरोप था कि मेरठ रोड इंडस्ट्रियल एरिया और मैनापुर इंडस्ट्रियल एरिया में नगर निगम की कवि नगर सिटी जोन के टैक्स विभाग की ओर से बिलिंग की गई है। दोनों ने ही अलग-अलग नियम के हिसाब से बिलिंग की है। कविनगर जॉन ने इसी वर्ष से टैक्स लगाया जबकि सिटी जॉन पिछले 3 वर्षों से टैक्स लगाया है।
कवि नगर जोन ने इस एरिया को वार्ड नंबर 46 का हिस्सा दिखाया वहीं सिटी जॉन ने वार्ड नंबर 28 शिब्बनपुरा का हिस्सा दिखाकर टैक्स के नोटिस भेजे। आरोप है कि गुलधर गांव के पास तालाब की जमीन पर बने मकान को विकास नगर का हिस्सा दिखाकर भी निगम ने टैक्स लगाया है। इसी को लेकर अब नगर निगम के कई टैक्स विभाग के कर्मचारियों की टेंशन बढ़ गई है।साभार-युग करवट
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